महज 22 हफ्ते में ही महिला को हुए आधा-आधा किलो के जुड़वां बच्चे, डॉक्टरों ने ऐसे बचाई जान
राजकोट। गुजरात में एक प्रेग्नेंट महिला ने महज 22 हफ्ते में ही बच्चों को जन्म दिया। उसे दो बच्चे हुए, जो कि जुड़वां थे। उनमें वजन काफी कम था। एक का वजन 550 ग्राम था जबकि, दूसरे का वजन केवल 620 ग्राम था। डॉक्टर उन्हें देखकर दंग रह गए। हालांकि, इन नवजातों को बचाने के लिए डॉक्टरों ने भरपूर सहयोग किया। डॉक्टरों के समक्ष एक चुनौती थी कि, इतने कम समय में पैदा हुए दो अविकसित शिशुओं को कैसे बचाया जाए।
बच्चों को अमृता अस्पताल में चार महीने के लगातार जरूरी उपचार दिया गया। डॉक्टरों सहित पूरी टीम के चौबीसों घंटे उन्हें संभालते रहे। इस तरह उन बच्चों को पुनर्जीवित करने में डॉक्टर सफल रहे। इस प्रयास को प्रकृति के करिश्मे के रूप में देखा गया। जीता-जागता सच यह है कि महिला 9 माह में बच्चे को जन्म देती है, लेकिन यहां राधाबेन नेकुम नाम की एक महिला ने गर्भ धारण करने के 5 महीनों के भीतर ही बच्चों को जन्म दिया। संवाददाता ने बताया कि, बच्चे जन्म लेने की अवधित से बहुत पहले पैदा हुए थे,इसलिए कम वजन के थे। साथ ही अविकसित थे। सामान्य परिस्थितियों में बच्चों का वजन ढाई से तीन किलो होता है, लेकिन इनका वजन बहुत ही कम था, क्योंकि इनका जन्म अवधि पूरी होने के चार महीने पहले हो गया।
डॉ. जय धीरवानी और डॉ. राकेश गामी के मुताबिक, उन्होंने व उनकी टीम ने इन बच्चों को बचाने की ठानी थी। इसलिए बच्चों को पोर्टेबल वेंटिलेटर पर आईसीयू में ले जाया गया। देखा कि, उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। उनके फेफड़ों को मजबूत करने के लिए उन्हें इंजेक्शन, टोटल बपरेंटल न्यूट्रिशन जैसे आधुनिक उपचार भी दिए गए और माँ के गर्भ के विकास के तरीके को विकसित करने का प्रयास किया गया।
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जब इन बच्चों को अस्पताल लाया गया तो बड़ी चुनौती यह थी कि अविकसित बच्चों को इंजेक्शन देने के लिए उनकी नसें भी मिल नही रहीं थीं। वे हमारे हाथों जितने छोटे थे। हालांकि, उनके अंग ठीक थे। हफ्तेभर चले उपचार के बाद डॉक्टरों ने राहत की सांस ली। बच्चे आखिर में बच ही गए।