National Sports Day 2022: नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंसी में तैयार होंगे देश के चुनिंदा कुश्ती खिलाड़ी
आज खेल दिवसर है।देश के खिलाड़ी खेल के हर क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।ऐसा ही एक खेल है कुश्ती जिसने गांव के अखाड़े से यात्रा शुरु कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश को कई मेडल दिलाने का काम किया है।आज कुश्ती खेल की अ
गोरखपुर,29अगस्त: आज खेल दिवसर है।देश के खिलाड़ी खेल के हर क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।ऐसा ही एक खेल है कुश्ती जिसने गांव के अखाड़े से यात्रा शुरु कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश को कई मेडल दिलाने का काम किया है।आज कुश्ती खेल की अंतरराष्ट्रीय पहचान है और देश के खिलाड़ियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से इसे और बुलंदियों पर पहुंचाया है।भारतीय कुश्ती टीम के कोच चंद्र विजय सिंह ने कुश्ती खेल को लेकर सरकार की आगामी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा किया।
नेशनल
सेंटर
ऑफ
एक्सीलेंसी
भारतीय
कुश्ती
टीम
के
कोच
चंद्र
विजय
सिंह
बताते
हैं
कि
कुश्ती
के
खिलाड़ी
अंतरराष्ट्रीय
स्तर
पर
लगातार
शानदार
प्रदर्शन
कर
रहे
हैं।कई
मेडल
देश
को
दिला
चुके
हैं।कुश्ती
के
प्रति
खिलाड़ियों
में
रुचि
व
उत्साह
दोनों
बढ़ा
है।इसे
देखते
हुए
केंद्र
व
प्रदेश
सरकार
भी
कुश्ती
को
बढ़ावा
दे
रहे
हैं।सरकार
की
खेला
इंडिया
खेलों
योजना
के
तहत
खिलाड़ियों
को
राष्ट्रीय
स्तर
पर
प्रशिक्षित
करने
के
लिए
भारतीय
कुश्ती
संघ
व
टाटा
मोटर्स
के
संयुक्त
प्रयास
से
गोण्डा
के
नंदनीनगर
में
नेशनल
सेंटर
ऑफ
एक्सीलेंसी
की
स्थापना
23
अगस्त
को
की
गई
है।
इसका
उद्देश्य
देश
के
लिए
कुश्ती
के
शानदार
खिलाड़ियों
को
तैयार
करना
है।इस
सेंटर
में
वर्तमान
समय
में
तीस
खिलाड़ियों
को
प्रशिक्षित
किया
जा
रहा
है।
अगले
माह
कुछ
और
खिलाड़ियों
की
ट्रेनिंग
ली
जाएगी।जिसमें
30-40
खिलाड़ियों
को
प्रवेश
दिया
जाएगा।
इस
सेेंटर
में
देश
भर
के
नेशनल
सब
जूनियर
जीतने
वाले
खिलाड़ियों
को
ट्रायल
दिया
जाएगा।
रहने
खाने
व
आवास
की
नि:शुल्क
सुविधा
के
साथ
ही
खिलाड़ियों
को
5
हजार
रुपए
की
स्काॅलरशिप
भी
दी
जाएगी।
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कोच
खिलाड़ियों
को
कर
रहे
प्रशिक्षित
गोरखपुर
जोन
में
भी
कुश्ती
को
लगातार
बढ़ावा
दिया
जा
रहा
है।जिसमें
खेलो
इंडिया
खेलो
के
तहत
सरकारी
कोच
गोरखपुर
व
देवरिया
में
खिलाड़ियों
को
सुबह-शाम
प्रशिक्षित
कर
रहे
हैं।पूर्वाचल
के
खिलाड़ियों
ने
भी
कुश्ती
में
शानदार
प्रदर्शन
किया
है।
गांव
से
निकलकर
कुश्ती
ने
बनाई
अंतरराष्ट्रीय
पहचान
भारतीय
कुश्ती
टीम
के
कोच
चंद्र
विजय
सिंह
का
कहते
हैं
कि
आज
कुश्ती
सिर्फ
गांवों
तक
की
सीमित
नहीं
है।आज
इसने
गांव
से
निकलकर
अपनी
अंतरराष्ट्रीय
पहचान
बनाई
है।कुश्ती
में
पहले
से
बहुत
सुधार
हुए
हैं।
पहले
जो
भी
कुश्ती
के
अखाड़े
थे
वह
गांव
देहात
में
थे।मिट्टी
के
अखाड़े
हुआ
करते
थे।
अब
भारत
सकार
,कुश्ती
संघ
के
प्रयासों
से
इसमें
बहुत
सुधार
हुआ
है।अब
सारे
अखाड़ों
में
मैट
की
सुविधा
है।जो
बच्चे
बेसिक
शुरुआत
कर
रहे
हैं
कुश्ती
की
उन्हें
शुरु
से
ही
मैट
पर
ट्रेनिंग
मिल
रही
है।
उसका
नतीजा
है
कि
जूनियर,सब
जूनियर,सीनियर
वर्ग
में
अंतरराष्ट्रीय
स्तर
मेडल
आ
रहा
है।
अभी
जूनियर
वर्ल्ड
चैंपियनसिप
में
महिलाओं
में
थर्ड
चैंपियन
शिप
आई
है।लड़कों
ने
भी
कई
मेडल
जीते
है।आगे
के
लिए
अच्छा
संकेत
है।कुश्ती
अभी
और
बुलंदियो
पर
पहुंचेगी।
Gorakhpur
News:
छात्रों
के
घर
जाकर
खाद्यान्न
वितरण
की
सच्चाई
जानेंगे
अधिकारी
गोरखपुर
के
प्रसिद्ध
कुश्ती
खिलाड़ी
दिनेश
सिंह
1971-72,
रामचन्द्र
यादव
1974,
पन्नेलाल
यादव
1977-89,
राम
मिलन
यादव
1980-8,
रामाश्रय
यादव
1984-90,
स्व.
तालुकदार
यादव
1992-99,
जनार्दन
यादव
1992-2004,
चंद्र
विजय
सिंह
1996-2005,
स्व.
गामा
मिश्रा
1995-98,
राम
निवास
यादव
1993-2000,
विजय
चौरसिया
2013-16,
अमरनाथ
यादव
2008,
अनूप
यादव
2019,
पुष्पा
यादव
2018,
गौरव
बालियान
पूर्वोत्तर
रेलवे
2021
।