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गुजरात में 62 लाख मुसलमान, मगर पार्टियों ने किया किनारा, 35 साल से कोई भी सांसद नहीं चुना गया

By Gautam Purohit
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Gujarat News, गांधीनगर। गुजरात में जब कोई बड़ा या छोटा चुनाव आता है तो राजनीतिक पार्टियां मुसलमानों का प्रतिनिधित्व स्वीकार नहीं करतीं, इसलिये यहां मुस्लिम उम्मीदवार बहुत कम ही देखने को मिलते हैं। राज्य में 61.75 लाख की आबादी होने के बावजूद मुसलमानों को कांग्रेस-भाजपा ने नजरंअदाज किया है। लोकसभा चुनावों में भरूच सीट पर इस बार कांग्रेस ने महज एक मुसलमान उम्मीदवार शेरखान पठान को पसंद किया है। वहीं, भाजपा ने एक भी उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है। भरूच में 22 प्रतिशत से ज्यादा आबादी मुसलमानों की है। उत्तर प्रदेश, बिहार औऱ देश के अन्य इलाकों में मुसलमान उम्मीदवारों की तलाश करती भाजपा ने राज्य की 26 सीटों के लिये सभी हिन्दु उम्मीदवारों को पसंद किया है।

मुस्लिमों को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलता

मुस्लिमों को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलता

गुजरात में मुसलमान 9.5% हैं, लेकिन ये राजनीति में बहुत पिछड़े हुए हैं। जब राज्य में विधानसभा और लोकसभा चुनाव होते हैं, तो भाजपा के नेता मुसलमान उम्मीदवारों को टिकट नहीं देते हैं, लेकिन कांग्रेस भी मुसलमान उम्मीदवारों को टिकट देने से डरती है। विधानसभा में चार या पाँच मुस्लिम उम्मीदवार होते हैं, लेकिन किसी भी मुसलमान को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलता है।

जब हिन्दुत्व से भाजपा ने विधानसभा चुनाव में बहुमत पाया

जब हिन्दुत्व से भाजपा ने विधानसभा चुनाव में बहुमत पाया

गुजरात को भाजपा की हिन्दुत्व लेबोरेटरी कहा जाता है, क्योंकि यहां हिन्दुत्व लोकप्रिय है। 1990-1991 में, जब लालकृष्ण आडवाणी ने रथयात्रा का आयोजन किया, तो गुजरात में भाजपा को हिन्दुत्व का अहसास हुआ। हिन्दुत्व के प्रयोग पर भाजपा ने पहली बार 1995 के विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल किया। विधानसभा में कांग्रेस ने मुसलमान उम्मीदवारों को उतारा औऱ जीते भी लेकिन इतनी मात्रा में नहीं।

35 वर्षों में एक भी मुस्लिम सांसद गुजरात को नहीं मिला

35 वर्षों में एक भी मुस्लिम सांसद गुजरात को नहीं मिला

1984 में कांग्रेस की भरूच सीट से चुनाव जीत के अहमद पटेल लोकसभा गए थे, लेकिन पिछले 35 वर्षों में एक भी मुस्लिम सांसद गुजरात को नहीं मिला। गुजरात में लोकसभा का राजनीतिक इतिहास देखा जाए तो 1962 से 2014 तक कुल 3154 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा है, जिसमें केवल 15 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में थे और वे निर्दलिय रूप से उम्मीदवार बने थे।

भाजपा के मजबूत हिंदुत्व से डरते हैं कांग्रेस के नेता

भाजपा के मजबूत हिंदुत्व से डरते हैं कांग्रेस के नेता

भाजपा के मजबूत हिंदुत्व से कांग्रेस के नेता डरते हैं। कांग्रेस के नेता मानते हैं कि, अगर एक मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया जाए तो पार्टी को अन्य सीटों पर हिंदुओं के वोटों को खोना पड़ेगा। इस भय से कांग्रेस मुस्लिम उम्मीदवारों को उपर उठाने के लिए अनिच्छुक है। भले ही गुजरात में 10 से अधिक सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक हैं, लेकिन भाजपा मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट नहीं देती है। भाजपा ने 2015 के स्थानीय चुनावों में एक प्रयोग किया था और एक साथ 500 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था, लेकिन उनमें से 490 उम्मीदवार चुनाव हार गए थे।

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English summary
Neglect in the elections of Muslims at Gujarat
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