गुजरात में पूर्णिमा का मेला: 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आएंगे अंबाजी के दर, देखिए कैसी हैं तैयारियां
गांधीनगर। भाद्रपक्ष के महीने में गुजरात के प्रसिद्ध अंबाजी मंदिर में विशाल मेला आयोजन होने वाला है। श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना न करना पड़े, इसलिये अंबाजी देवस्थान ट्रस्ट और जिला कलेक्टर ने एक बैठक में कुछ कदम उठाए हैं। साथ ही विकास का रोडमैप भी तैयार किया है। पाँच से सात दिनों चलने वाले इस मेले में 25 लाख से ज्यादा लोग पैदल आते हैं।
मेले में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया
गुजरात तीर्थ विकास बोर्ड की हालिया बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि अंबाजी के विकास कार्यों में तेजी लाई जाएगी। इस बार तीर्थयात्रियों को और अधिक सुविधाएं दी जाएंगी। अंबाजी जाने वाले सभी मार्ग में कोई असुविधा है तो पदयात्रीओं के लिये अडचने दूर की जायेंगी। मार्ग सरफेस का काम अभी जारी है। इस मेले में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया है, इसलिए प्लास्टिक की थैलियों और अन्य चीजों को प्लास्टिक में पैक नहीं किया जा सकता है। इस मेले में बेटी बचाओ अभियान शुरू किया जाएगा। यात्रीओं की ओर से भी संदेश भी जारी किए जाएंगे।
देश के 51 शक्ति पीठ में से एक हैं अंबाजी
गुजरात तीर्थ विकास बोर्ड के अधिकारियों द्वारा अंबाजी में आयोजित बैठक में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। बेटी बचाओ के नुक्कड़ नाटक भी होंगे। देश के 51 शक्ति पीठ में से एक अंबाजी मंदिर में स्वच्छता अभियान शुरू किया जाएगा। मेले के दौरान, मंदिर में 25 लाख से अधिक तीर्थयात्री आते हैं। उन्हें ट्रैफिक जाम से बचाने के निर्देश दिए गए हैं।
गुंबद को सोने से सुशोभित किया गया
अंबाजी मंदिर के गुंबद को सोने से सुशोभित किया गया है। अब गब्बर पर अंबाजी का मंदिर विकसित किया जाएगा। पदयात्रीओं के लिये अंबाजी गब्बर पर जाती सिढींयों की मरामत की जायेंगी। इस नवीकरण के लिए 15.67 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा, रेस्तरां और प्रसाद घर के लिए 26.90 करोड़ की लागत से सुविधा खडी करने का फैसला लिया गया है।
अंबाजी माता की प्रतिमा भी बनेगी
मंदिर परिसर में अंबाजी माता की प्रतिमा भी बनेगी। एलईडी स्क्रीन को चाचर चौक में प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि यात्रीगण बहार से भी माता के दर्शन कर सकें।
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