#Womens Day: इन बेटियों से ये बात सीखें मर्द, तभी बदलेगा देश
पीवी सिंधु , कल्पना चावला, किरण बेदी, सानिया मिर्जा, रितु बेरी जैसे तमाम ऐसे चेहरे हैं जिनके बारे में अगर हम लिखने बैठेंगे तो शायद वक्त और शब्द दोनों कम हो जाए लेकिन इनकी बातें कम नहीं होंगी।
नई दिल्ली। आज महिला दिवस है, चारों ओर महिलाओं के गुणों की बातें हो रही हैं लेकिन क्या किसी ने ये सोचा कि जिन रीयल नायिकाओं की आज हम बात कर रहे हैं, उनसे हमें क्या सीखना चाहिए। पीवी सिंधु , कल्पना चावला, किरण बेदी, सानिया मिर्जा, रितु बेरी जैसे तमाम ऐसे चेहरे हैं जिनके बारे में अगर हम लिखने बैठेंगे तो शायद वक्त और शब्द दोनों कम हो जाए लेकिन इनकी बातें कम नहीं होंगी। इसलिए आइए भारत की आन-बान और शान इन बेटियों की उन क्वालिटी की बात करते हैं, जिनके कारण ये सब महान लोगों की फेहरिस्त में शामिल हैं, और उनकी उस खास बात को अपनाकर हम भी समाज की नई तस्वीर पेश कर सकते हैं। इन हस्तियों से खासकर के उन मर्दों को सीखने की जरूरत हैं जो अपने आप को परफेक्ट और होशियार समझते हैं लेकिन हकीकत में वो इनकी हिम्मत और सोच के आगे कहीं नहीं टिकते।
सायना नेहवाल -'आत्मविश्वास' से बढ़कर कुछ नहीं
भारत की शटलर क्वीन सायना नेहवाल ने ये साबित कर दिया कि अगर इंसान कुछ भी चाह ले तो उसे आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता, सायना से हमें आत्मविश्वास सीखना चाहिए। आप में से बहुत कम लोग जानते होंगे कि भारत की इस शान के जन्म पर उनकी दादी ने घर में मातम मनाया था लेकिन सायना ने अपने दम पर अपने घर और देश की तस्वीर ही बदल दी। भारत की इस बेटी पर सबको नाज है।
सानिया मिर्जा- हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती
हैदराबाद की ये मुस्लिम लड़की ने तो उनलोगों के मुंह पर तमाचा जड़ा है जो कि धर्म के नाम लड़कियों को आगे बढ़ने और पढ़ने से रोकते हैं। सानिया से हर लड़की को हिम्मत सीखनी चाहिए। सानिया ने साबित कर दिया कि अगर हिम्मत पक्की हो और इरादे नेक तो बड़ी से बड़ी मुसीबतें भी घुटने टेक देती है।
'हारना मना है.......' गीता और बबीता फोगाट
फिल्म 'दंगल' का ये संवाद कि 'म्हारी छोरियां किसी से कम हैं कि' सौ प्रतिशत फोगाट बहनों पर फिट है, इनसे देश की हर नारी और पुरूष को ये सीखना चाहिए कि चाहे कुछ भी हो जाए, इंसान को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।
गुरमेहर कौर-अपनी सोच पर कायम रहना
हाल में सोशल मीडिया पर लोगों का निशाना बनीं गुरमेहर कौर की बातें सही या गलत, इस बारे में फैसला बाद में होगा लेकिन इसमें किसी को शक नहीं कि शहीद की ये बेटी वाकई में काफी निडर है। गुरमेहर ने हमें सीखा दिया कि इंसान को अपने फैसले और अपनी बात पर हमेशा अडिग रहना चाहिए। आंधी आए या तूफान इंसान के अंदर सच को सच और झूठ को झूठ कहने की हिम्मत होनी चाहिए।
पीवी सिंधु-अंत तक हार नहीं मानना
भारत की सिल्वर गर्ल पीवी सिंधु ने जता दिया कि इंसान को अंत तक हार नहीं माननी चाहिए और हर मुश्किल का सामना धैर्य, लगन और हिम्मत से करना चाहिए क्योंकि अगर इंसान ऐसा सोचता है और करता है तो उसके सपनों को हकीकत में बदलते देर नहीं लगती।
मैरीकॉम-सफलता किसी की बपौती नहीं
भारत की स्टार महिला बॉस्कर मैरीकॉम हमें सीखाती हैं कि सफलता किसी की बपौती नहीं हैं, तरक्की किसी अमीर की जागीर नहीं है बल्कि इस पर हर उस इंसान का अधिकार है, जिसके पास लगन, इच्छा शक्ति, मेहनत और नेक नीयत है।