India Pakistan Cricket: जब इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भारत-पाक क्रिकेट मैच रोकना पड़ा
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच हमेशा हाईवोल्टेज वाला होता है। वहीं इन दोनों देशों के बीच जब मैच होते हैं तो कुछ न कुछ रिकॉर्ड या विवाद जरुर इतिहास में दर्ज होते हैं।
एशिया कप की मेजबानी इस बार पाकिस्तान कर रहा है। इस टूर्नामेंट में कुल 6 टीमें उतरेंगी। बीसीसीआई (BCCI) ने साफ कर दिया है कि टीम इंडिया टूर्नामेंट में खेलने पाकिस्तान नहीं जाएगी। ऐसे में बीसीसीआई और पीसीबी (PCB) ने बीच का रास्ता निकाला है। दरअसल, टीम इंडिया के मुकाबले अब पाकिस्तान में न होकर अन्य किसी देश में हो सकते हैं। बता दें कि एशिया कप का आयोजन 1984 से किया जा रहा है और यह पहली बार होगा जब टूर्नामेंट दो देशों में कराया जाएगा। अभी टीम इंडिया के मुकाबले किस देश में होंगे, यह अधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गयी है।
आखिरी
बार
पाकिस्तान
कब
गयी
टीम
इंडिया
भारत
और
पाकिस्तान
के
बीच
बढ़ते
तनाव
को
लेकर
पिछले
11
सालों
से
कोई
द्विपक्षीय
सीरीज
नहीं
हुई
है।
आखिरी
बार
2012-13
में
पाकिस्तान
क्रिकेट
टीम
ने
ही
भारत
का
दौरा
किया
था।
तब
दोनों
टीमों
के
बीच
तीन
वनडे
और
दो
T-20
मुकाबलों
की
सीरीज
हुई
थी।
वहीं
वनडे
सीरीज
में
पाकिस्तान
को
2-1
से
जीत
हासिल
हुई
थी।
जबकि
T-20
सीरीज
1-1
से
बराबर
रही।
उसके
बाद
से
दोनों
टीमें
सिर्फ
आईसीसी
अथवा
एशिया
टूर्नामेंट
में
ही
एक-दूसरे
के
खिलाफ
मैच
खेलती
दिखी
हैं।
जबकि भारतीय टीम ने जुलाई 2008 में एशिया कप के लिए ही आखिरी बार पाकिस्तान का दौरा किया था। भारत- पाकिस्तान के बीच आखिरी मुकाबले की बात करें तो दोनों टीमें एशिया कप में 4 अक्टूबर 2022 को दुबई में भिड़ी थी।
आईपीएल
से
पाकिस्तानी
खिलाड़ियों
को
किया
बाहर
आईपीएल
(IPL)
की
शुरुआत
साल
2008
में
हुई
थी।
तब
से
लेकर
अबतक
इसके
15
सीजन
हो
चुके
हैं।
क्रिकेट
की
इस
लोकप्रिय
लीग
के
पहले
सीजन
में
पाकिस्तान
के
12
खिलाड़ियों
ने
शिरकत
की
थी।
जिसमें
शोएब
अख्तर,
शोएब
मलिक,
सोहेल
तनवीर,
शाहिद
अफरीदी,
मोहम्मद
हफीज,
मोहम्मद
आसिफ,
सलमान
बट्ट,
कामरान
अकमल,
उमर
गुल,
मिस्बाह-उल-हक,
यूनुस
खान
और
अब्दुल
रज्जाक
शामिल
थे।
26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान के 10 आतंकवादियों ने मुंबई शहर व होटल ताज पर हमला कर दिया। इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 300 से ज्यादा घायल हुए थे। इस हमले में सीआरपीएफ (CRPF) के 8 जवान भी शहीद हो गये थे। जबकि 22 जवान घायल हो गये। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक संबंध बिगड़ गए। जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान के खिलाड़ियों को आईपीएल में शामिल होने पर प्रतिबंधित लगा दिया गया।
जब
सचिन
ने
शांत
कराया
'दंगा'?
यह
कहानी
19
फरवरी
1999
को
कोलकाता
के
ईडेन
गार्डेन
में
भारत-पाकिस्तान
के
बीच
एशियन
टेस्ट
चैंपियनशिप
की
है।
पाकिस्तान
ने
भारत
के
सामने
जीत
के
लिए
चौथी
पारी
में
279
रन
का
लक्ष्य
दिया
था।
पारी
के
43वें
ओवर
में
मास्टर
ब्लास्टर
सचिन
तेंदुलकर
जब
रन
लेने
के
लिए
दौड़े
तो
शोएब
अख्तर
आकर
उनसे
टकरा
गये।
इसके
बाद
थर्ड
अंपायर
ने
सचिन
तेंदुलकर
को
रन
आउट
करार
दे
दिया।
हालांकि,
रीप्ले
में
साफ
तौर
पर
ऐसा
लग
रहा
था
कि
शोएब
अख्तर
जानबूझकर
सचिन
से
टकराए
हैं।
गलत आउट का डिसीजन देखकर स्टेडियम में मौजूद भारतीय फैंस भड़क गये। भारतीय दर्शक स्टेडियम में ही पाकिस्तानी दर्शकों से भिड़ गये। यही नहीं, पाकिस्तानी खिलाड़ियों और मैदान पर बोतलें और अन्य सामान फेंकने लगे। तब मामले को ठंडा करने के लिए खुद सचिन और उस समय के तत्कालीन आईसीसी अध्यक्ष जगमोहन डालमिया को मैदान में उतरना पड़ा। सचिन ने पुलिस के साथ मिलकर ग्राउंड में मौजूद दर्शकों से शांति की अपील की। हालांकि, बवाल नहीं थमा और अंतिम दिन का खेल खाली स्टेडियम में खेला गया। भारत इस मुकाबले को 46 रन से हार गया था।
जब
मुल्तान
में
'सुल्तान'
बने
सहवाग
साल
2004
में
भारतीय
क्रिकेट
टीम
पाकिस्तान
दौरे
पर
थी।
यहां
तीन
मैचों
की
टेस्ट
सीरीज
का
पहला
मुकाबला
मुल्तान
में
28
मार्च
को
शुरू
हुआ।
टेस्ट
में
टीम
इंडिया
के
कप्तान
राहुल
द्रविड़
ने
टॉस
जीतकर
पहले
बल्लेबाजी
करने
का
फैसला
किया।
ओपनिंग
करने
उतरे
वीरेन्द्र
सहवाग
ने
पहले
ही
दिन
बिना
विकेट
गवाएं
दोहरा
शतक
जड़
दिया।
इसके
बाद
अगले
दिन
29
मार्च
को
लंच
के
बाद
सहवाग
ने
अपना
तिहरा
शतक
पूरा
किया।
सहवाग ने 364 गेंदों में 38 चौके और 6 छक्कों की मदद से अपने टेस्ट करियर का पहला तिहरा शतक लगाया और ऐसा करने वाले वे भारत के पहले खिलाड़ी बने। सहवाग ने इस मैच में 375 गेंदों में 39 चौके और 6 छक्कों की मदद से 309 रन की रिकॉर्ड तोड़ पारी खेली। पाकिस्तान की सरजमीं पर भी यह सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर था। सहवाग की इस पारी से उन्हें 'मुल्तान का सुल्तान' कहा जाने लगा।
इंदिरा
गांधी
की
मौत
पर
पाकिस्तान
में
रद्द
हुआ
मैच
यह
किस्सा
अक्टूबर
1984
का
है।
जब
भारतीय
क्रिकेट
टीम
पाकिस्तान
में
टेस्ट
और
वनडे
सीरीज
खेलने
गयी
थी।
दो
टेस्ट
मैच
जो
खेले
गये
वे
ड्रॉ
हो
गये।
उसके
बाद
पहले
वनडे
में
टीम
इंडिया
हार
गयी।
इसके
बाद
31
अक्टूबर
1984
को
सियालकोट
में
दूसरा
वनडे
मैच
खेला
जा
रहा
था।
तब
सियालकोट
के
स्टेडियम
में
लाइट्स
नहीं
थीं
और
दिन
भी
छोटे
थे।
इसलिए
मैच
को
50
की
बजाय
40
ओवर
का
रखा
गया।
इस
मैच
में
दिलीप
वेंगसरकर
ने
102
गेंदों
पर
94
रन
की
नाबाद
पारी
खेली
थी।
भारत
ने
पहले
बल्लेबाजी
करते
हुए
40
ओवर
में
210
रन
ठोक
दिये।
पाकिस्तान
की
पारी
से
पहले
लंच
ब्रेक
था।
तभी सियालकोट के डिप्टी कमिश्नर इस्माइल कुरैशी ने कप्तान सुनील गावस्कर और उस समय के टीम मैनेजर राज सिंह डूंगरपुर के पास जाकर बताया कि भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी है। यह सुनकर सुनील गावस्कर शॉक में चले गये।
इससे पहले की कुरैशी उन्हें बताते कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल जिया उल हक ने मैच को तुरंत ही निरस्त कर देने का आदेश दिया है। गावस्कर ने उन्हें कहा कि वह अपनी टीम को लेकर अभी भारत जाना चाहते हैं। वहीं पाकिस्तान के राष्ट्रपति का आदेश था कि भारतीय टीम की सुरक्षा में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। मैदान के बाहर आनन-फानन में कई गाड़ियां पहुंच गयीं। भारतीय खिलाड़ियों को गोपनीय तरीके से उन गाड़ियों में बैठाया गया। किसी को कुछ पता चलता इसके पहले भारतीय टीम एयरपोर्ट पर पहुंच गयी।