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अपर्णा-प्रतीक के लिए अखिलेश की खुन्नस की असल वजह, ये रिश्ता क्या कहलाता ..जैसी है कहानी

कहा जा रहा है कि अपर्णा यादव शिवपाल गुट की सदस्य हैं, इसलिए सीएम अखिलेश यादव की उम्मीदवारों की लिस्ट में उन्हें जगह नहीं मिली है।

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लखनऊ। कड़कड़ाती ठंड के बीच में यूपी के सबसे बड़े सियासी सपा परिवार में कलह की गर्मी बढ़ गई है। परिवारवाद के चलते इस समय सपा परिवार समाजवाद भूल गया है। पिता मुलायम सिंह यादव के उम्मीदवारों की लिस्ट से ना खुश बेटे अखिलेश ने यूपी के मुखिया के तौर पर एक नई लिस्ट तैयार की है जिसमें उन्होंने छोटे भाई प्रतीक की पत्नी अपर्णा यादव का टिकट काट दिया है।

अपर्णा यादव की लखनऊ कैंट से दावेदारी

आपको बता दें कि अपर्णा यादव लखनऊ कैंट से दावेदारी कर रही हैं। इससे पहले मुलायम द्वारा जारी की गई लिस्ट में अपर्णा का नाम था लेकिन बड़े भईया अखिलेश की लिस्ट से अपर्णा गायब है, जिसका कारण अब हर कोई जानने को बेचैन है।

'ये रिश्ता क्या कहलाता है' जैसी है कहानी

सपाईयों के इस गृहयुद्द को देखकर स्टार प्लस के मशहूर शो 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' की कहानी याद आती है। जहां झगड़ा अब रगड़ा बन गया है। अंदर की खबर रखने वाले कह रहे हैं कि अखिलश यादव को नफरत अपर्णा से नहीं है बल्कि वो चिढ़ते हैं, अपर्णा की सास और अपनी सौतेली मां साधना गुप्ता से।

अखिलेश भी साधना गुप्ता को अपना नहीं पाए हैं

जिस तरह से . ये रिश्ता...शो में हीरो कार्तिक अपनी दूसरी मां से नफरत करता है, क्योंकि उसे लगता है कि उसकी सौतेली मां सवर्णा के ही काऱण उसकी असली मां की मौत हुई है। ठीक उसी तरह कहीं ना कहीं अखिलेश भी अपनी मां की मौत के लिए मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता को जिम्मेदार मानते आए हैं और वो चाहकर भी उन्हें अपना नहीं पाए हैं।

ये रिश्ता क्या कहलाता है जैसी है कहानी

वो चिढ़ और नफरत आज खुलकर सामने आई है और इसी वजह से उन्होंने अपर्णा का टिकट काटा है। अब इस लड़ाई का अंत क्या होगा और कैसा होगा, ये तो आने वाला वक्त तय करेगा लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि ये लड़ाई अब बहुत लंबी चलने वाली है क्योंकि यहां भी झगड़ा, रगड़ा में बदल चुका है।

1988 में प्रतीक का जन्म

मालूम हो कि साल 1988 में साधना गुप्ता ने प्रतीक गुप्ता को जन्म दिया था, तब तक अधिकारिक रूप से मुलायम सिंह ने उन्हें अपनी पत्नी नहीं माना था और कहा जाता है कि इस बात को लेकर मुलायम की पहली पत्नी और अखिलेश की मां मालती सिंह और नेता जी में काफी तनातनी थीं, बस यहीं से अखिलेश यादव को साधना गुप्ता के बारे में जानकारी मिली थी, वो अपनी मां के काफी करीबी कहे जाते थे, उनकी मां धार्मिक प्रवृत्ति की सीधी-साधी महिला थीं।

2003 में अखिलेश की मां का निधन

साल 2003 में अखिलेश की मां मालती सिंह का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया और इसक् बाद 2007 में मुलायम ने साधना गुप्ता से अधिकारिक तौर पर शादी कर ली, कहा जाता है कि अखिलेश कभी भी अपनी मां की जगह साधना को दे नहीं पाए, उनका गुस्सा, चिढ़ और नफरत आज एक वृहद रूप धारण कर चुकी है जिसका परिणाम के रूप में आपको आज पिता-पुत्र की लड़ाई दिख रही है।

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English summary
CM Akhilesh has removed the name of his sister-in-law Aparna Yadav from the list of candidates that will contest next year?s state assembly polls.
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