दो प्रधानमंत्री जिनका लाल किले पहुंचने का सपना रह गया अधूरा
नई दिल्ली। आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने उस दावे को सच करके दिखाने वाले हैं जिसमें उन्होंने दावा किया था कि वह वर्ष 2014 में लाल किले से झंडा फहराएंगे।
उस समय उनके इस सपने और दावे को लोगों ने हंसी में टाल दिया था। वहीं देश के दो प्रधानमंत्री ऐसे भी हैं जो पीएम की कुर्सी तक तो पहुंचे लेकिन लाल किले तक पहुंचकर वहां से तिरंगा लहराने का सपना अधूरा ही रह गया।
गुलजारी लाल नंदा और चंद्रशेखर, दोनों को प्रधानमंत्री बनने के बाद भी कभी मौका नहीं मिल सका कि वे लाल किले से देश की जनता को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर संबोधित कर सकें।
जानिए कि आखिर क्या थी वह वजह जिसने लाल किले तक जाने का इनका रास्ता रोक दिया। साथ ही डालिए एक नजर उन प्रधानमंत्रियों पर जिन्होंने सबसे ज्यादा तिरंगा लहराने का नया रिकॉर्ड कायम किया।
देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री
गुलजारी लाल नंदा दो बार देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने। पहले बार उन्होंने 27 मई 1964 को जवाहर लाल नेहरु की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री का पद संभाला। नौ जून तक वह इस पद पर रहे थे। इसके बाद 11 जनवरी 1966 को लाल बहादुर शास्त्री की अचानक मृत्यु के बाद उन्हें कार्यवाहक प्रधानमंत्री का पद सौंपा गया। 26 जनवरी 1966 तक वह इस पद पर रहे थे।
कभी नहीं पूरा हो सका सपना
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को भी लाल किले जाने और वहां से तिरंगा फहराने का सपना, सपना ही रह गया। बतौर प्रधानमंत्री चंद्रशेखर कार्यकाल भी बहुत संक्षिप्त रहा जिसकी वजह से उन्हें यह मौका मिल ही नहीं सका।
सबसे ज्यादा बार फहराया तिरंगा
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिनके सिर सबसे ज्यादा बार लाल किले पर तिरंगा फहराने का रिकॉर्ड है। उन्होंने 17 बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराने का रिकॉर्ड कायम किया है।
11 बार लाल किले पर फहराया तिरंगा
जवाहर लाल नेहरु की बेटी और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 16 बार लाल किले पर तिरंगा फहराया है। इंदिरा गांधी दो बार देश की प्रधानमंत्री बनीं। पहली बार वर्ष 1966 से लेकर 1977 तक और फिर वर्ष 1980 से लेकर 1984 तक। इसमें उन्होंने अपने पहले कार्यकाल के दौरान 11 बार और दूसरे कार्यकाल के दौरान पांच बार तिरंगा फहराने का सम्मान हासिल हुआ।
10 बार मिला सम्मान
मनमोहन सिंह ने वर्ष 2004 में पहली बार सत्ता संभाली थी और वर्ष 2013 तक उन्होंने 10 बार तिरंगा फहराने का सम्मान हासिल हुआ।
छह बार फाहराया तिरंगा
अटल बिहारी वाजपेई पहली बार वर्ष 1996 में देश के प्रधानमंत्री बने थे लेकिन उस समय वह सिर्फ 13 दिन के प्रधानमंत्री बन सके थे। इसके बाद वर्ष 1998 से वर्ष 2004 तक वह देश के प्रधानमंत्री और उन्हें छह बार तिरंगा फहराने का सम्मान हासिल हुआ। हालांकि वर्ष 1998 में भी वह सिर्फ 13 माह तक अपने पद पर बरकरार रह पाए थे।
दो बार फहरा सके तिरंगा
देश को 'जय जवान जय किसान' का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुरा शास्त्री को दो बार यह सम्मान हासिल हुआ कि वह लाल किले पर तिरंगा फहरा सके और देशवासियों के नाम एक संदेश दे पाए।