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आप भी शुरू कर सकते हैं सैनिटरी पैड बनाने का बिजनेस

By Ajay Mohan
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बेंगलुरु (अजय मोहन)। अगर आप अपने गांव में रह कर कोई बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं, तो एक आइडिया हम भी आपको दे सकते हैं। वो है- सैनिटरी पैड्स बनाने का बिजनेस। जिस रफ्तार से भारत विकास की ओर बढ़ रहा है, उसी रफ्तार से इस बिजनेस के बढ़ने की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं। चलिये जानते हैं कैसे?

सैनिटरी नैपकिन ब्रांड इप्सॉस और स्वतंत्र शोधकर्ताओं ने भारत के ग्रामीण इलाकों में सर्वे किया और पाया कि 66 प्रतिशत लड़कियां पीरियड्स के समय सावधानियों और साफ-सफाई के बारे में नहीं जानती हैं। वहीं 12 फीसदी लड़कियों तक सैनिटरी पैड पहुंचता ही नहीं है। पैड के बारे में मालूम भी हो, तो भी 67 प्रतिशत महिलाएं इसका इस्तेमाल नहीं करतीं। इसका मात्र एक कारण है पैड का महंगा होना।

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ऐसे में यदि आप किसी गांव या छोटे कस्बे में अपना उद्योग शुरू करते हैं और कम कीमत के पैड बनाते हैं, तो आपका बिजनेस जमकर चलेगा। और तो और चूंकि यह स्वच्छता से जुड़ा बिजनेस है, इसलिये स्वास्थ्य मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, ग्रामीण मंत्रालय और समाजसेवी संगठन भी आपके उद्योग को बढ़ावा दे सकते हैं।

यह स‍ब कैसे संभव होगा, उसके लिये हम आपको ले चलते हैं कर्नाटक के तोरणगल्लू। यह एक छोटा सा कस्बा है बेल्लारी और होस्पेट के बीच। यहां पर सुरक्षा सैनिटरी नैपकिन प्रोडक्शन एवं ट्रेनिंग सेंटर में चार से पांच लोगों का स्टाफ है, जो ग्रामीण महिलाओं के लिये सस्ती दरों पर सैनिटरी पैड बनाता है। यह केंद्र जेएसडब्ल्यू की सोशल सर्विस के तहत संचालित है।

पैड की कीमतें-

सुरक्षा सैनिटरी पैड- स्ट्रेट पैड 30 रुपए में 8 पीस। राउंड शेप पैड 15 रुपए के 3 पीस।
ब्रांडेड सैनिटरी पैड- स्ट्रेट पैड 150 रुपए में 8 पीस। राउंड शेप पैड 170 रुपए में 8 पीस।

ट्रेनिंग सेंटर से जुड़ी खास बातें और महत्वपूर्ण जानकारियां स्लाइडर में-

कॉटन नहीं पल्प से बनते हैं पैड

कॉटन नहीं पल्प से बनते हैं पैड

ये सैनिटरी पैड कॉटन यानी रुई नहीं पल्प से बनते हैं, जो सोखने की क्षमता ज्यादा रखता है।

कपड़े से दिलायें मुक्त‍ि

कपड़े से दिलायें मुक्त‍ि

कई सामाजिक संगठन ग्रामीण महिलाओं को कपड़े से मुक्त‍ि दिलाने की दिशा में कार्यरत हैं।

सस्ते पैड बने तो हाईजीनिक होगा इंडिया

सस्ते पैड बने तो हाईजीनिक होगा इंडिया

अगर सस्ती दरों में पैड बनने लगे तो भारत के ग्रामीण इलाके और ज्यादा हाईजीनिक होंगे।

दो मशीनों से कर सकते हैं शुरुआत

दो मशीनों से कर सकते हैं शुरुआत

अगर बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो दो मशीनों से शुरुआत कर सकते हैं।

बिजनेस बढ़ने पर मिल सकती है सरकारी मदद

बिजनेस बढ़ने पर मिल सकती है सरकारी मदद

अगर आपका बिजनेस ग्रामीण महिलाओं को मदद पहुंचाता है, तो सरकार भी आपकी मदद करेगी।

यहां ले सकते हैं ट्रेनिंग

यहां ले सकते हैं ट्रेनिंग

कोई भी इस सेंटर में आकर ट्रेनिंग प्राप्त कर सकता है। यह सेंटर जिंदल स्टील वर्ल्ड द्वारा संचालित है।

Comments
English summary
If you are thinking about the unique business in any small city or rural area then making low cost sanitary pads is a best idea.
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