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Penalty on Tech Giants: गूगल ही नहीं, फेसबुक, एमेजॉन, एप्पल पर भी चला है दुनियाभर में करोड़ों डॉलर का डंडा

दुनियाभर में Google, Facebook, Amazon, Apple जैसी दिग्गज टेक कंपनियों पर करोड़ों डॉलर का जुर्माना लगाया जा चुका है।

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Penalty on Tech Giants Google, Facebook, Amazon, Apple

Penalty on Tech Giants: भारत में गूगल पर Android Mobile Ecosystem में उल्लंघन करने का आरोप लगा है। जिस वजह से भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने गूगल पर 1337 करोड़ का जुर्माना लगाया था। अब इस मामले में गूगल ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद NCLAT ने याचिका को स्वीकार करते हुए गूगल को बोनाफाइड दिखाने के लिये जुर्माने का 10 प्रतिशत अर्थात 133 करोड़ रुपए जमा करने के लिए कहा है।

आखिर क्या है पूरा माजरा

अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी गूगल को लेकर 20 अक्टूबर 2022 को CCI ने एक आदेश जारी कर 162 मिलियन डॉलर यानी 1337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। ये जुर्माना एंड्रायड मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम से जुड़ी कई कैटेगरी में अपने पावर (वर्चस्व) का गलत इस्तेमाल करने के आरोप में लगाया गया था। CCI के मुताबिक जनरल वेब सर्च सर्विस, नॉन-ओएस स्पेसिफिक मोबाइल वेब ब्राउजर और ऑनलाइन वीडियो होस्टिंग प्लेटफार्म, ऐप स्टोर मार्केट और स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) के लाइसेंस से जुड़े मामलों में गूगल ने अपने वर्चस्व का गलत इस्तेमाल किया है। साथ ही गूगल ने जो रेवेन्यू डेटा दिया था, उसमें भी ढेर सारी गड़बड़ियां मिली थीं।

यहां गौर करने वाली बात है कि CCI ने इस जुर्माने के एक सप्ताह बाद फिर से Google पर 936 करोड़ का जुर्माना लगाया। इस बार जुर्माना गूगल पर अपने पेमेंट ऐप और इन-ऐप पेमेंट सिस्टम को नाजायज ढंग से बढ़ावा देने के आरोप में लगाया था। यानि अब कुल 2,273 करोड़ रुपये के जुर्माने को अदा करने के लिए CCI ने गूगल को आदेश दिये थे। हालांकि, यहां स्पष्ट कर दें कि फिलहाल मामला 1337 करोड़ का चल रहा है।

वैसे CCI ने अप्रैल 2019 में ही एंड्रॉयड-बेस्ड स्मार्टफोन के कंज्यूमर्स की शिकायतों के बाद विस्तृत जांच का आदेश दिया था। एंड्रॉयड एक ओपन-सोर्स मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है जो स्मार्टफोन और टैबलेट के ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEM) द्वारा इंस्टाल किया जाता है। CCI के मुताबिक गूगल एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम (Android OS) के साथ ही अन्य लाइसेंस भी मैनेज करता है। इसकी वजह से उसे एंड्रॉयड डिवाइस पर कई प्रमुख ऐप्स को प्री-इनस्टाल करने का लाभ मिलता है।

गूगल की है मोनोपोली

भारत समेत दुनियाभर में गूगल की मार्केट वैल्यू अन्य टेक कंपनियों से कहीं ज्यादा है। एक आंकड़े के मुताबिक साल 2021 में सिर्फ भारत में डेस्कटॉप, मोबाइल और टैबलेट के माध्यम से 98.84% लोग गूगल के सर्च इंजन का उपयोग करते हैं। वहीं दुनियाभर में 91.86% लोग इसके सर्च इंजन का इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद देश और दुनिया में Bing और Yahoo का इस्तेमाल होता है। वैसे आपको बता दें कि गूगल की मूल कंपनी (Parent Company) का नाम Alphabet है। जो USA में है। जबकि कंपनी की मार्केट वैल्यू अमेरिकी डॉलर में 1.28 ट्रिलियन है। फिलहाल इसके सीईओ सुंदर पिचाई हैं।

दुनियाभर में एकाधिकार जमाने को लेकर इन कंपनियों पर लगे फाइन

भारत समेत दुनियाभर में गूगल ही नहीं बल्कि कई टेक कंपनियों पर अपने प्रभाव का गलत फायदा उठाने और दूसरी कंपनियों को प्रतिस्पर्धा में शामिल न होने देने का आरोप लगता रहा है। इसलिए संबंधित अथॉरिटी की ओर से उन्हें समय-समय पर नोटिस जारी किया जाता रहा है। इसमें गूगल, एमेजॉन, एप्पल व अन्य जैसी कंपनियों को भी नोटिस भेजा जा चुका है।

यूरोपीय संघ ने लगाया Facebook पर जुर्माना

अभी बीते दिन यानि 4 जनवरी 2023 को ही फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा पर यूरोपीय संघ के नियामकों ने 390 मिलियन यूरो का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना फेसबुक पर 210 मिलियन और 180 मिलियन यूरो इंस्टाग्राम से जुड़े नियमों के उल्लंघन के लिए लगाया गया है। आयरलैंड के डेटा नियामक ने बुधवार को बताया कि मेटा कंपनी ऑनलाइन गोपनीयता का उल्लंघन करने और ऑनलाइन व्यक्तिगत विज्ञापनों को लेकर एक प्रकार से जबरदस्ती सहमती के लिए राजी करने को लेकर लगाया गया है। जो यूरोपीय संघ के व्यापक गोपनीयता कानून का उल्लंघन है।

ब्रिटेन में Facebook पर लगा करोड़ों डॉलर का जुर्माना

साल 2022 के अक्टूबर महीने में ब्रिटेन के प्रतिस्पर्धा नियामक ने सोशल मीडिया मंच Facebook पर नियमों के उल्लघंन को लेकर 6.94 करोड़ डॉलर यानी 5.05 करोड़ पाउंड का जुर्माना लगाया था। नियामक के अनुसार यह जुर्माना Facebook द्वारा ऑनलाइन डेटाबेस कंपनी 'गिफी' की खरीद संबंधी जांच के दौरान नियमों के उल्लंघन को लेकर लगाया गया था।

ब्राजील में Apple के चार्जर पर हुआ विवाद

साल 2022 के अक्टूबर महीने में ब्राजील में Apple कंपनी द्वारा मोबाइल के बॉक्स में चार्जर न देने के मामले पर वहां की साओ पाउलो सिविल कोर्ट के जज ने ब्राज़ील कंज्यूमर एसोसिएशन के मुकदमे पर सुनवाई की। इसके बाद Apple द्वारा बॉक्स में चार्जर नहीं देने के मामले पर दो करोड़ डॉलर यानि भारतीय रुपयों में तकरीबन 164 करोड़ का जुर्माना लगाया था। वहीं कोर्ट ने Apple को बॉक्स में चार्जर देने के लिए भी कहा था।

यूरोप में Google पर लगा 4.12 अरब यूरो का जुर्माना

साल 2022 के सितंबर महीने के आखिरी सप्ताह में यूरोपीय संघ की दूसरी बड़ी अदालत ने Google और उसकी पैरेंट कंपनी Alphabet पर 4.125 अरब यूरो यानी 3 हजार करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगाया था। दरअसल साल 2009 में एक पीआर फर्म ने यूरोपीय आयोग से गूगल की शिकायत की थी। दो साल के भीतर Microsoft समेत कुछ और कंपनियों ने भी आयोग से इसकी शिकायतें कीं। शिकायतों में यह भी कहा गया कि गूगल अपने सर्च इंजन के जरिए अपने ही प्रोडक्ट्स को बढ़ावा दे रहा है। तब 10 साल की जांच के बाद मामला सही मिला और कोर्ट ने 3 हजार करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगाया।

फ्रांस ने Facebook और Google पर लगाया जुर्माना

साल 2022 के जनवरी महीने में फ्रेंच रेगुलेटर ने Google और Facebook पर 237 मिलियन डॉलर (लगभग 17.6 अरब रुपये) का जुर्माना लगाया था। आरोप था कि लोगों के पास ऑनलाइन ट्रैकिंग से ऑप्ट आउट करना उतना आसान नहीं है जितना इसे एक्सेप्ट करना। दरअसल रिपोर्ट के मुताबिक यूजर्स को कुकीज एक्सेप्ट करने के लिए सिंगल बटन देते हैं जिससे यूजर्स तुरंत इसे एक्सेप्ट कर सके। जबकि, इसे डिक्लाइन के लिए इतना आसान तरीका उपलब्ध नहीं है। कुकीज को रिफ्यूज करने के लिए कई क्लिक की जरूरत पड़ती है। CNIL (Commission Nationale Informatique & Libertés) यानि फ्रेंच डाटा प्रोटेक्शन एजेंसी के मुताबिक फेसबुक, गूगल का फ्रेंच होमपेज और YouTube यूजर्स को हां करने के लिए कहते हैं। इसका मतलब वो फ्री होकर अपनी सहमति नहीं दे रहे हैं। ये फ्रेंच डेटा प्रोटेक्शन रूल्स का उल्लंघन है। इसलिए Google पर 150 मिलियन यूरो और फेसबुक पर 60 मिलियन यूरो का फाइन लगाया है।

रूस ने Google और Facebook पर ठोका जुर्माना

साल 2021 के दिसंबर महीने में रूस की राजधानी मॉस्को में स्थित एक कोर्ट ने स्थानीय कानून द्वारा प्रतिबंधित सामग्री को हटाने में विफल रहने पर गूगल पर 10 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया था। साथ ही कोर्ट ने फेसबुक की मूल कंपनी मेटा पर भी 2.72 करोड़ डॉलर का। इस तरह से दोनों कंपनियों पर करीब 13 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया गया था।

इटली में Amazon और Apple पर लगा जुर्माना

साल 2021 के दिसंबर के पहले सप्ताह में इटली में एमेजॉन पर एक बड़ी कार्रवाई की गई थी। इटली की 'एंटीट्रस्ट अथॉरिटी' ने एमेजॉन पर भारतीय करेंसी में 9.6 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया था। 'द कंपीटिशन वॉचडॉग' ने जारी अपने एक बयान में कहा था कि इटली के बाजार में एमेजॉन ने अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल कर, खुद की लॉजिस्टिक सेवाओं के फेवर में काम किया। इससे ई-कॉमर्स क्षेत्र में दूसरे प्रतिस्पर्धियों को नुकसान पहुंचाया।

वहीं इसके दो सप्ताह पहले भी इसी अथॉरिटी ने कानूनों का उल्लंघन करने के आरोप में एमेजॉन पर 68.7 मिलियन यूरो का जुर्माना लगाया गया था। साथ ही Apple पर 134.5 मिलियन यूरो का फाइन लगाया था। दरअसल ये जुर्माना Apple और Beats प्रोडक्ट्स की सेल में एंटी-कंपीटिटिव कॉपरेशन की वजह से लगाया गया है। कंपनियों के बीच हुए समझौते में Apple और Beats के प्रोडक्ट्स को केवल सेलेक्टेड रिसेलर ही Amazon की इटालियन साइट Amazon.it पर बेच सकते थे। जो कि यूरोपियन यूनियन रूल्स का उल्लंघन था। इसलिए जुर्माना लगाया गया था।

यह भी पढ़ें: Lay off in Amazon: 18000 लोगों को बाहर करेगी अमेजन, 18 जनवरी से मिलेगा नोटिस

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English summary
Penalty on Tech Giants Google, Facebook, Amazon, Apple
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