जानिए एक पत्रकार ने कंगना रनाउत को खुले खत में क्या लिखा?
प्रिय कंगना,
आनंद एल राय के निर्देशन में बनी 'तनु वेड्स मनु' हो या फिर 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' वाकई शानदार लगी। हो सकता है कुछ लोग ये जानना चाह रहे हों कि क्या शानदार था, ज़रा ये भी तो बताईये। तो साहब एवं साहिबा शानदार अभिनय से पहले निर्देशन था, शानदार चयन था, और सबसे पहले शानदार थी लेखक की वो सोच।
प्राब्लम क्या है..उड़ता पंजाब..पर क्यों हो रही है राजनीति?
जिसने वाकई सशक्तिकरण की दिशा में एक ठरकी पहल की। जी हां ठरकी, वो इसलिए क्योंकि हो सकता है कि इमोशन विद फन की चासनी में डूबी उस फिल्म से लौंडेबाजी की आड़ में किसी ने सशक्तिकण के विकल्प की ओर सोचा हो। नहीं न। ओह्ह तो सोचा है। चलिए अच्छा है फिर।
कंगना ने लिया नया अवतार
वैसे कंगना आपने दर्शकों के इतर मेरे जहन में भी पहचान पहली फिल्म 'गैंगस्टर' से बना ली थी। बोल्ड अवतार और ऊपर से किस मैन के तौर पर जाने जाने वाले इमरान हाशमी के माउथ टू माउथ वाले रिस्परेशन से न जाने कितने बुजुर्गों ने सीन को देखते ही पास में बैठे बच्चों को देख टीवी ऑफ कर दिया था।
समाज को सही दिशा में मोमबत्ती दिखा रही
मेरे कहने का मतलब ये नहीं था कि ये गलत है, बिलकुल आप समाज को सही दिशा में मोमबत्ती दिखा रही हैं। कुछ को दिख रहा है और जिनको नहीं दिख रहा है वो कह रहे हैं बस ऐसे ही दिखाती रहिए क्योंकि वो पता नहीं क्या देखकर बार बार आंखें मींचकर ज्यादा देर तक देखने का प्रयास कर रहे हैं।
कंगना आप वाकई में बोल्ड हैं
आप वाकई बोल्ड हैं। आखिर आपने खुद की पहचान बनाई है फिल्म इंडस्ट्री में। लेकिन मेरी निगाहों में आपसे ज्यादा बोल्ड सनी लियोन हैं क्योंकि उनकी पहचान शायद कहीं ज्यादा है आपसे। वो समाज के एक ऐसे वर्ग को प्रभावित कर रही हैं जो ऐसे दलदल में फंसा है, जो देश की बद्नामी का कारण है।
कुछ अलग करने का प्रयास
कहीं न कहीं वे एक मिसाल के तौर पर काम कर रही हैं कि इस दलदल से निकलने के बाद एक और दुनिया है। सनी इसलिए भी बोल्ड हैं क्योंकि वो आज भी लोगों की वासना भरी निगाहों से परिचित होने के बावजूद कुछ अलग करने का प्रयास करती हैं।
कंगना ने दिया सेंसर बोर्ड के बारे में बोल्ड बयान
मेरी नजरों में आपकी बहुत इज्जत है। हाल ही में तब और भी इज्जत बढ़ गई जब सेंसर बोर्ड द्वारा 'उड़ता पंजाब' को जगह जगह से कतरने पर आपने एक नया मामला चमका दिया। जी हां 'ब्रा' को क्वीन का हवाला देते हुए उछालकर। अजी मेरे कहने का मतलब है कि ब्रा मसले को। आप भी न। वाकई। द्विअर्थीय हो गया न। पर, सीखा फिल्मों से ही हूं।
पब्लिसिटी के इतर और कुछ नहीं
पर सवाल ये है कि 'ब्रा' शब्द के सहारे किस सशक्तिकरण की दिशा में आप झंडे गाड़ रही हैं। आप भले ही खुलेआम 'ब्रा' को दुकान से मांग लें लेकिन आज भी एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो मर्दों की नजरों से छिप छिपाकर, उस दुकान से जहां लेडीज वर्कर हैं...से इनर गारमेंट्स खरीदती हैं। सैनिटरी पैंट्स के संदर्भ में शिक्षा दी जा रही है, हां इसे मैं सराहनीय मानता हूं। लेकिन फिलवक्त ब्रा का जोरदार उच्चारण मुझे पब्लिसिटी के इतर और कुछ नहीं लग रहा है।
बेवजह के मुद्दों पर बातें
मामले से ध्यान भटकाकर खुद की ओर केंद्रित करने का आपका प्रयास कुछ नया पैदा कर सकता है। अब वो क्या होगा इस बात की कयास तो मैंने लगाना मुनासिब नहीं समझा। विरोध बाया निहलानी सरकार और सरकार से व्यक्ति विशेष पर भी आने की संभावना है। जिसमें आपके द्वारा उठाए जा रहे बेवजह के मुद्दे को भी खींच तानकर उसकी मजबूती तलाशी जाएगी।
खतरा है व्यवस्थाओं के लिहाज से
'ब्रा' से समाज को असल में कोई खतरा नहीं है, .खतरा है व्यवस्थाओं के लिहाज से, खतरा है केंद्रित ध्यान के मद्देनजर। निवेदन है कि बेफजूल के मसलों को मसाला न दीजिये। दूधो, नहाओ और पूतो फलो....हां ये आशीर्वाद बगल की एक दादी जी दे रही थीं, जब आप 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' में आखिरी में मनु शर्मा जी के साथ फिर से घर वापसी का फैसला कर लेती हैं।
एक खत कंगना के नाम: तुम वाकई में 'क्वीन' हो
उम्मीद है कि आप निवेदन स्वीकार करेंगी। बाकी आगे आपकी मर्जी। स्वतंत्र आप भी हैं और मैं भी। मानती हैं कि नहीं।
आपका जबरा तो नहीं लेकिन हां थोड़ा बहुत फैन
हिमांशु तिवारी आत्मीय