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सिर्फ नवाज शरीफ ही नहीं भारत के नेता भी हैं ISI के चंगुल में!

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अभी आपने पढ़ा (CLICK ON PREVIOUS)कि कैसे चुनावों में राजनेता और पार्टियां हवाला की रकम का प्रयोग करती हैं। अब आप जानिए कि आखिर वह वजहें कौन सी हैं, जो राजनेताओं को ऐसा करने पर मजबूर कर देती हैं। जानकर आप हैरान रह जाएंगे कि पड़ोसी मुल्‍क पाकिस्‍तान की राजनीति को अपने नियंत्रण में रखने वाली इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई ने हमारे देश के नेताओं को भी अपने चंगुल में फंसा रखा है।

hawala-politics

होती है नेताओं की ब्‍लै‍कमेलिंग

शुरुआत में राजनेताओं को इस बात का जरा भी इल्‍म नहीं था कि जो रकम आ रही है उस पर हवाला रैकेट का नियंत्रण है। हालांकि आईएसआई ने इन सभी राजनेताओं की एक लिस्‍ट तैयार की और फिर इनकी ब्‍लैक‍मेलिंग का काम शुरू किया।

इससे पता चलता है कि आखिर क्‍यों राजनेताओं ने पिछले कुछ वर्षों में एजेंसियों की ओर से रैलियों में लगी रकम की जांच करने से मना करते आए हैं और साथ ही उन्‍होंने एजेंसियों के सारे प्रयासों को भी फेल कर दिया है। उन्‍हें इस बात का डर था कि अ‍गर जांच हुई तो फिर उनका चिट्ठा भी दुनिया के सामने आ जाएगा।

लश्‍कर और आईएसआई

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख कर्नल आरएसएन सिंह कहते हैं कि फिलहाल इस बात के जितने सुबूत होने चाहिए उतने नहीं हैं कि राजनेताओं को हवाला ऑपरेटिव्‍स की ओर से ब्‍लैकमेल किया जा रहा है। उनकी मानें तो ऐसा इसलिए है क्‍योंकि इन राजनेताओं का हवाला ऑपरेटिव्‍स के साथ काफी करीबी संबंध है। यह वे ऑपरेटिव्‍स हैं जो आईएसआई और लश्‍कर-ए-तैयबा के इशारों पर नाचते हैं।

दाऊद, आईएसआई और हवाला

देश में राजनेताओं और इन हवाला ऑपरेटिव्‍स के बीच गहरे लिंक्‍स के बारे में 90 के दशक में सामने आए जैन हवाला केस के जरिए खुलासा हुआ था। वर्ष 1993 में बांबे ब्‍लास्‍ट के बाद एक लिस्‍ट तैयार की गई थी जिसमें सारे नाम मौजूद थे। इस लिस्‍ट में महाराष्‍ट्र से आने वाले कुछ राजनेताओं के भी नाम थे।

हकीकत तो यह है कि लिस्‍ट में उन दो मशहूर राजनेताओं के नाम भी मौजूद थे जिन्‍हें अंडरवर्ल्‍ड डॉन दाऊद की ओर से हवाला के जरिए 14 करोड़ रुपए दिए गए थे। इस बारे में जांच भी की गई थी। इन दोनों ही राजनेताओं ने दाऊद को भरोसा दिलाया था कि वह उसे भारत से सुरक्षित बाहर भेज देंगे।

सिर्फ इतना ही नहीं भारत में हवाला कारोबार से दाऊद को हर कारोबार पर 10 प्रतिशत के हिसाब से कमीशन दिया गया था।

ISI के जाल में फंस गए देश के नेता

रॉ की ओर से तैयार एक रिपोर्ट के मुताबिक हवाला ने देश में सिर्फ आतंकी वारदातों का अंजाम देने तक ही खुद को सीमित नहीं रखा है। इसका प्रयोग चुनावों में भी धड़ल्‍ले से हो रहा है। राजनेता पिछले 20 वर्षों से हवाला की रकम का प्रयोग करते आ रहे हैं।

आज वह आईएसआई की ओर से फैलाए गए इस जाल में पूरी तरह से फंस चुके हैं। आईएसआई न सिर्फ भारत बल्कि खाड़ी के देशों में भी ज्‍यादातर हवाला करोबार पर अपना नियंत्रण रखे है।

वोहरा कमेटी की ओर से तैयार रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया लेकिन इस रिपोर्ट में जो भी बयान दर्ज हैं वह सिर्फ एक ही बात बताते हैं कि राजनेताओं को हवाला के एवज में ब्‍लैकमेल किया जाता है।

इस रिपोर्ट में देश के कई राजनेताओं के खिलाफ काफी अहम बातें दर्ज हैं। देश के कई अग्रणी नेताओं ने हवाला के जरिए अच्‍छा खासा पैसा हासिल किया।

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English summary
Pak intelligence agency ISI has influenced Indian politics on a larger scale. The reason is nothing but Hawala.
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