90 का दशक जब हुआ राजनीति में हवाला का डेब्यू!
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दो
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आप
हवाला
और
राजनेताओं
के
इसके
चंगुल
में
फंसे
होने
के
बारे
में
पढ़ा।
अब
जानिए
कि
कैसे
90
के
दशक
में
सामने
आए
देश
के
एक
बड़े
घोटाले
ने
90
के
दशक
में
सिर्फ
देश
की
राजनीति
ही
बल्कि
कश्मीर
में
पनप
रहे
आतंकवाद
पर
भी
अपनी
पकड़
मजबूत
की।
क्या था जैन हवाला स्कैम
90 के दशक का जैन हवाला स्कैम वह स्कैम था जिसमें राजनेताओं को करीब 72 करोड़ रुपए की रकम हवाला के जरिए दी गई थी। इस पूरे स्कैम में एक हवलदार जिसका नाम चोकसी था, उसकी ओर से इस रकम को महाराष्ट्र में भेजा गया था। यहां से इस रकम को बाकी राजनेताओं के बीच बांटा गया।
यहीं से भारत में इस ट्रेंड की शुरुआत हो गई और राजनेता बस हवाला के जरिए अपने पैसों को दूसरे देशों में भेजते और अच्छी खासी रकम इसी हवाला के जरिए हासिल करते। यह सभी ट्रांजैक्शन सीधे तौर पर आईएसआई एजेंट्स की ओर से होते थे।
90 के दशक में हवाला की फेवरिट डेस्टिनेशंस
महाराष्ट्र
एजेंसियों की मानें तो महाराष्ट्र में हवाला का कारोबार काफी तेजी से फैला और यह इसका एक अहम गढ़ बन गया। अंडरवर्ल्ड से राज्य पर पड़ने वाला दबाव जो उस समय राजनीति से लेकर बॉलीवुड तक को नियंत्रित कर रहा था, उसने इस पूरे कारोबार की शक्ल को एक नया ही रंग दे दिया। हालांकि कई तरह की जांच के बाद इस पर कुछ हद तक लगाम लगी और रैकेट में शामिल लोगों को महाराष्ट्र से बाहर भेज दिया गया।
केरल
केरल हवाला का सबसे अहम गढ़ बन चुका है। खाड़ी देशों के साथ इसके संबंधों ने इस समस्या को और गहरा कर दिया है। इस कारोबार में लगा पैसा बहुत ज्यादा है और ऐसे में इस बात का पता लगा पाना कि कौन सा राजनेता इसमें शामिल है, काफी मुश्किल काम है।
कश्मीर
सिर्फ इतना ही नहीं इस रकम का प्रयोग कश्मीर में अलगाववादियों ने भी जमकर किया। हवाला की वजह आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन को समर्थन करने वाले लोगों को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचा।