यूपी का हूं पर गालियों की डिक्शनरी नहीं
क्या आप भी सोचते हैं कि बंगलूरू का हर व्यक्ति आईटी से संबंधित होता है। या कोई यूपी का है, तो गालियों में तो माहिर होगा ही होगा।
यदि ऐसा है तो, शहरों और राज्यों को लेकर आपकी रूढ़िवादी सोच को तोड़ने का वक्त आ गया है। फेसबुक का पेज "ब्रेकिंग स्टीरियोटाइप्स" आपकी इसी सोच को जवाब देता है। या यह कह सकते हैं कि यह पेज आपको तमाम सच्चाई से रूबरू होने में मदद करता है।
भारत में 29 राज्य हैं और हर राज्य की अपनी खासियत और पहचान है। लेकिन इस मामले में हमारी सोच कहीं न कहीं बंध सी गई है। समय आ गया है कि हमें परंपरागत सोच से निकल कर विश्वास कर लेना चाहिए कि देश के हर राज्य में सिर्फ एक ही किस्म के लोग नहीं रहते, बल्कि आज भारत के हर कोने में विविधता बसी है।
देखते हैं कुछ ऐसी ही रूढ़िवादी सोच को तोड़ता हुआ सच-
बिहारी बाबू भी होते हैं अंग्रेजी के उस्ताद
बिहार के लोगों की अंग्रेजी सिर्फ ठीक-ठाक ही नहीं, बल्कि अच्छी होती हैं। साथ ही उनका व्याकरण भी खूब दुरुस्त होता है।
यूपी के हैं, लेकिन गालियों की डिक्शनरी नहीं
ज्यादातर लोगों की धारणा है कि अगर आप यूपी के हैं तो आपकी गालियों की डिक्शनरी मजबूत होगी। लेकिन यह जरूरी नहीं कि उत्तरप्रदेश से आए व्यक्ति को गालियां देने की आदत हो।
बंगलूरु के हर व्यक्ति पर आईटी टैग क्यों भई !
क्या बंगलूरु में रहने वाला हर व्यक्ति आईटी प्रोफेशन से जुड़ा होता है ? गलत। बंगलूरु में भी मेडिकल से लेकर जर्नलिज्म तक हर प्रोफेशन के लोग मौजूद हैं जनाब।
कोलकाता वालों की मछली फेवरिट
कोलकाता में रहने वाले हर व्यक्ति का फेवरिट डिश मछली नहीं होता। तो अगली बार किसी कोलकाता के मित्र से यह जरूर जान लें कि उसे क्या पसंद हैं।
दिल्ली का लड़का है, तो बच कर रहें लड़कियां
दिल्ली का हर लड़का आवारा नहीं होता, और न ही लड़कियों को छेड़ना उनकी हॉबी। तो इसीलिए दिल्ली में रहने वाले लड़कों को अपराधी न समझें। वे भी लड़कियों के हक की लड़ाई में शामिल हैं।
पंजाब के लोगों को भी डोसा है पसंद
पंजाब के लोग सिर्फ बटर-चिकन और राजमा ही नहीं बल्कि डोसा और अन्य डिश भी उतने ही प्यार से खाते हैं।
हरियाणा का हर जाट नहीं है दोषी
हरियाणा में आए दिन होते आपराधिक मामलों से वहां रहने वाले हर व्यक्ति को दोषी की तरह ही देखा जाता है। लेकिन जान लें कि हरियाणा के जाट भी लड़कियों की उतनी ही इज्जत करते हैं, जितना दूसरे राज्यों में।
मुंबई से हूं, लेकिन दिल्ली से नफरत नहीं
मुंबई और दिल्ली के लोगों के बीच हमेशा दीवार खींचने वाले यह जान लें मुंबई में रहने वालों को भी दिल्ली वालों से प्यार है।
गुजराती मतलब सिर्फ बिजनेस नहीं
गुजराती लोगों को एक अच्छा बिजनेसमैन भले ही माना जाता है। लेकिन वहां के वाशिंदों को बिजनेस छोड़ और भी कई प्रोफेशन पसंद होते हैं।
पोहा- जलेबी हमारा लंच और डिनर नहीं होता
माना की इंदौर और भोपाल के सड़कों पर आपको जगह-जगह पोहा और जलेबी बिकते मिल जाएगा। लेकिन इसका यह कतई मतलब नहीं, कि इंदौरी लंच और डिनर में भी पोहा ही खाना पसंद करते हैं।
साउथ इंडिया चेन्नई तक सीमित नहीं होता
साउथ इंडिया से आया हर व्यक्ति मद्रासी नहीं होता। यहां तमिल, तेलुगू, कन्नड़ जैसी भाषाएं भी बोली जाती हैं।