
Gujarat Election facts: ‘जंगल और समुद्र में बने पोलिंग बूथ’, जानें गुजरात चुनावों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

Gujarat Election facts: क्या आपने कभी सुना है कि एक आदमी के लिए जंगल में पोलिंग स्टेशन बनाया गया? कभी सुना था कि साढ़े 3 लाख मतदाताओं वाले विधानसभा क्षेत्र में निकटतम प्रतिद्वंदी को केवल 20 हजार वोट मिले हों। एक चुनाव ने किसी पार्टी को राष्ट्रीय बना दिया। जी हां! गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान बहुत से ऐसे तथ्य हैं जो रोचक और दिलचस्प है। आज हम आपको ऐसे ही कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताएंगे।
सबसे बड़ा जीत का अंतर
इस चुनाव के दौरान सबसे बड़े रोचक फैक्टर की बात करें तो वो खुद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल रहे। जो इस चुनाव में इतिहास रचते हुए लगभग 2 लाख वोटों के अंतर से चुनाव जीते हैं। यह आंकड़ा बहुत बड़ा है क्योंकि इससे बड़े अंतर से कभी कोई मुख्यमंत्री उम्मीदवार चुनाव नहीं जीता था। उन्होंने घाटलोडिया के शहरी निर्वाचन क्षेत्र से 1.92 लाख के अंतर से लगातार दूसरी बार जीत हासिल की है। पटेल को 2,12,480 वोट मिले, जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की अमीबेन याग्निक को 21,120 वोट, और आम आदमी पार्टी प्रत्याशी विजय पटेल को 15,902 वोट मिले। यहां लगभग 3 लाख 70 हजार वोटर्स हैं।
भाजपा ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड
8 दिसंबर को आए नतीजों में भाजपा (BJP) ने कई रिकॉर्ड बनाए। राज्य के गठन के बाद सर्वाधिक सीटें हासिल करने वाली पहली पार्टी बनी। साथ ही साल 2002 का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा। तब गुजरात में बीजेपी ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर 182 में से 127 सीटें जीती और 49.90% वोट हासिल किए थे। लेकिन इस बार 156 सीटें जीती और 52.51% वोट हासिल किये।
आप बनी राष्ट्रीय पार्टी
महज 10 साल पहले बनी आम आदमी पार्टी ने पूरे देश में अपनी छाप छोड़ते हुए गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय पार्टी का तमगा ले लिया है। दरअसल इस चुनाव में AAP ने 12.9 प्रतिशत वोट हासिल की और कुल 5 सीटें अपने नाम की। इनमें से दो सीट (बोटाड़, गडि़याधर) बीजेपी से छीन ली है। वहीं AAP ने दो सीटें (विसवादर, जमजोधपुर) कांग्रेस से छीन ली। जबकि एसटी आरक्षित देदियापाड़ा सीट को उसने भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) से छीनी है।
सबसे अमीर विधायक
661 करोड़ से अधिक संपत्ति के मालिक जयंतिभाई पटेल ने बीजेपी की ओर जीत हासिल की है। जयंतिभाई इस गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान चुने गए सभी विधायकों में सबसे अमीर हैं। जयंतिभाई के पास 514 करोड़ की अचल और 147 करोड़ की चल संपत्ति है। 64 साल के पटेल मूलरूप मनसा के अजोल गांव से ताल्लुक रखते हैं।
शिपिंग कंटेनर में पोलिंग बूथ
गुजरात चुनाव के दौरान भरूच के वागरा विधानसभा क्षेत्र का एलियाबेट पोलिंग बूथ कोई नॉर्मल पोलिंग बूथ नहीं है। दरअसल यह एक शिपिंग कंटेनर में बना पोलिंग बूथ है। इस पोलिंग बूथ में 217 मतदाता थे। सबसे बड़ी बात ये है कि इस जगह पर कोई सरकारी-गैर सरकारी बिल्डिंग नहीं थी, इसलिए शिपिंग कंटेनर में पोलिंग स्टेशन बनाना पड़ा।
समुद्र में बनाया पोलिंग बूथ
इसी तरह सियालबेट टापू पर एक पोलिंग बूथ बनाया गया था। जहां समुद्र के बीचों-बीच बसे इस टापू पर भी बेहद कम संख्या में वोटर हैं और उनका जमीनी और समतली क्षेत्र तक पहुंच कर वोट करना बेहद मुश्किल था। इसलिए चुनाव आयोग ने वहीं पर पोलिंग बूथ की व्यवस्था की।
एक मतदाता के लिए जंगलों में बना पोलिंग बूथ
गुजरात निर्वाचन आयोग ने सोमनाथ जिले के गिर के जंगलों में केवल एक मतदाता के लिए मतदान केंद्र स्थापित किया था। यह केंद्र घने जंगलों में स्थित बानेज के बाणेश्वर महादेव मंदिर के महंत हरिदास उदासीन के लिए बनाया गया था। साथ ही गिर वन क्षेत्र के जनजातीय मतदाताओं के लिए सात मतदान केंद्र और बनाये गये थे।
चुनाव आयोग हुआ आधुनिक
चुनाव आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कोई गड़बड़ी न हो, इसका खास ख्याल रखते हुए सी विजिल मोबाइल ऐप जनता के लिए लांच किया था। इस ऐप पर लोग चुनाव के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी या उल्लंघन की जानकारी, वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग डाल सकते थे। यह ऐप शिकायतकर्ता अपनी पहचान गुप्त रख सकता था।
सीनियर सिटीजंस के लिए विशेष सुविधा
सीनियर सिटीजन के लिए तो चुनाव आयोग अलग-अलग तरह से व्यवस्थाएं करता रहा है। लेकिन, गुजरात में चुनाव के दौरान सीनियर सिटीजंस को घर से वोट करने की सुविधा दी गई थी।
भाजपा को मिली मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में जीत
वैसे तो भाजपा पर विरोधी हमेशा हिंदुत्व एजेंडे को लेकर चलने का आरोप लगाते रहे हैं। भाजपा ने मुस्लिम बहुल सीटों पर भारी जीत दर्ज की है। गुजरात में 19 मुस्लिम प्रभावी क्षेत्र हैं, जिसमें से 15 मुस्लिम बहुल सीटें भाजपा ने जीतीं। इनमें 6 सीटें ऐसी हैं, जो पार्टी कभी नहीं जीत पाई थी।
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