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#Flashback2016: इंडियन आर्मी के लिए आठ वर्ष बाद सबसे बुरा साल

वर्ष 2016 में इंडियन आर्मी के 87 सैनिक शहीद जिसमें से 71 सिर्फ कश्‍मीर में शहीद। वर्ष 2008 के बाद इंडियन आर्मी ने झेला है सबसे ज्‍यादा नुकसान।

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नई दिल्‍ली। वर्ष 2016 जाने को है और हर बार की तरह एक और साल कई यादों के साथ अलविदा हो रहा है। लेकिन यह एक ऐसा साल रहेगा जिसने इंडियन आर्मी को सबसे ज्‍यादा तकलीफ दी।

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कई युवा सैनिकों ने देश की रक्षा में अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी। वर्ष 2016 की शुरुआत में ही पठानकोट स्थित इंडियन एयरफोर्स बेस पर आतंकी हमला हुआ। इस हमले के साथ ही नए साल का आगाज सात सैनिकों की शहादत के साथ हुआ।

वर्ष 2008 के बाद से वर्ष 2016 एक ऐसा साल है जिसमें सबसे ज्‍यादा सैनिक शहीद हो गए। एक नजर डालिए कि 2016 इंडियन आर्मी को कैसे जख्‍म देकर गया है।

 याद रहेगा 2016

याद रहेगा 2016

वर्ष 2016 में इंडियन आर्मी ने अपने 87 बहादुरों को खो दिया। इनमें से 71 सिर्फ ऐसे थे जो सिर्फ कश्‍मीर घाटी में शहीद हुए थे। वर्ष 2008 के बाद यह एक वर्ष में शहादत का सर्वोच्‍च आंकड़ा है। वर्ष 2008 के दौरान एक वर्ष में 90 सैनिक शहीद हुए थे।

क्‍या कहते हैं आंकड़ें

क्‍या कहते हैं आंकड़ें

साउथ एशियन टेररिज्‍म पोर्टल (सात्‍प) के मुताबिक 11 दिसंबर तक‍ इंडियन आर्मी के 84 सैनिक शहीद हुए थे लेकिन शनिवार को पुलवामा में आर्मी कॉन्‍वॉय पर आतंकी हमला हुआ। इस हमले में तीन और सैनिक शहीद हुए और यह आंकड़ा 87 पर पहुंच गया।

उरी आतंकी हमला सबसे बड़ी चोट

उरी आतंकी हमला सबसे बड़ी चोट

वर्ष 2014 में इंडियन आर्मी ने अपने 27 सैनिक गंवा दिए तो वर्ष 2015 में यह आंकड़ा 29 सैनिक का था। इंडियन आर्मी ने उरी आतंकी हमले में अपने सात जवानों को गंवा दिया। इसके बाद नगरोट आतंकी हमले में भी सात सैनिक शहीद हो गए। वहीं इस वर्ष सेना ने 100 आतंकियों को मारा।

कैप्‍टन पवन बेनीवाल से लेकर मेजर अक्षय गिरीश

कैप्‍टन पवन बेनीवाल से लेकर मेजर अक्षय गिरीश

इस वर्ष इंडियन आर्मी ने अपने कई बहादुरी और नए ऑफिसर्स को भी गंवाया। पठानकोट आतंकी हमले में लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन कुमार, पंपोर आतंकी हमले में कैप्‍टन पवन बेनीवाल, कैप्‍टन तुषार महाजन, नगरोटा आतंकी हमले में मेजर अक्षय गिरीश, मेजर कुणाल गोसावी जैसे बहादुरों इस वर्ष कश्‍मीर में आतंकियों के साथ एनकाउंटर में शहीद हुए।

आर्मी कॉन्‍वॉय और यूनिट को बनाया गया निशाना

आर्मी कॉन्‍वॉय और यूनिट को बनाया गया निशाना

वर्ष 2016 एक ऐसा साल भी रहा जब आतंकियों ने ज्‍यादा से ज्‍यादा आर्मी यूनिट्स और सेना के काफिले पर हमला किया या फिर करने की कोशिश की। इस वर्ष हुआ पठानकोट आतंकी हमला, उरी आतंकी हमला, नगरोटा आतंकी हमला, पुलवामा में हाल ही में सेना के काफिले पर हुआ हमला इसका सुबूत है। आतंकियों ने इस बात की पूरी कोशिश की कि सोते हुए सैनिकों पर हमला कर ज्‍यादा से ज्‍यादा नुकसान पहुंचाया जाए।

सैनिकों के साथ बर्बरता भी

सैनिकों के साथ बर्बरता भी

कारगिल की जंग और वर्ष 2013 के बाद वर्ष 2016 एक ऐसा साल रहा जब दो सैनिकों के शवों के साथ पाकिस्‍तान की बॉर्डर एक्‍शन टीम ने बर्बरता की। पहले 28 अक्‍टूबर जवान मंदीप सिंह रावत जो माछिल में शहीद हुए थे उनके शव के साथ बर्बरता हुई। फिर 22 नवंबर को माछिल में शहीद जवान प्रभु सिंह के शव के साथ बर्बरता की गई।

सियाचिन के 10 शहीद और लांस नायक हनुमनतप्‍पा

सियाचिन के 10 शहीद और लांस नायक हनुमनतप्‍पा

इस वर्ष तीन फरवरी को सियाचिन में एक बर्फीला तूफान आया और इस तूफान में लांस नायक हनुमनतप्‍पा समेत 10 जवान शहीद हो गए। लांस नायक हनुमनतप्‍पा 19,000 फीट की ऊंचाई पर सेना की रेस्‍क्‍यू टीम ने छह दिन बाद जिंदा निकाला था। उन्‍हें दिल्‍ली स्थित आर्मी के रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल लाया गया। कड़ी कोशिशों के बाद उन्‍हें बचाया नहीं जा सका और वह शहीद हो गए। हनुमनतप्‍पा के बाद कारगिल में बर्फीला तूफान आया और सिपाही विजय कुमार शहीद हो गए।

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English summary
2016 has been a worst year for Indian army as army has lost its 87 soldiers and 71 soldiers lost their life in Kashmir.
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