ये हैं वे 10 सबसे शक्तिशाली हथियार, जो हैं हमारी सेनाओं की ढाल
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच माहौल इस समय इतना तनावपूर्ण है कि दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंकाओं ने जन्म ले लिया है। युद्ध होगा या नहीं यह तो कोई नहीं जानता लेकिन अगर युद्ध होगा तो भारतीय सेनाएं दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत रखती हैं।
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भारतीय सेनाएं दुनिया की कुछ सबसे शक्तिशाली सेनाओं में शामिल हैं। सेनाएं जो युद्ध के मैदान में दुश्मन को पल भर में धूल चटा सकती हैं और हमारे सैनिक दुनिया के सबसे बहादुर योद्धाओं में शामिल हैं।
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जब हमारी सेनाओं की बहादुरी की बात चली है तो फिर क्यों न उन 10 हथियारों के बारे में बात की जाए जो हमारी सेनाओं को जंग के मैदान में और ज्यादा ताकतवर बनाते हैं।
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जानिए ऐसे ही उन 10 हथियारों के बारे में जो सेनाओं की ताकत में दोगुना इजाफा कर देते हैं।
सुखोई
इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में मौजूद दुनिया के एडवांस्ड जेट्स में से एक सुखोई 30 एमकेआई 30 । लंबी दूरी तक दुश्मन को मार सकने वाला और मल्टी रोल यह फाइटर जेट। फिलहाल रूस एचएएल के साथ मिलकर भारत के लिए पांचवीं पीढ़ी के सुखोई जेट्स का निर्माण कर रहा है।
ब्रह्मोस मिसाइल
ब्रह्मोस मिसाइल रूस और भारत का ज्वाइंट वेंचर है ब्रह्मोस मिसाइल। इस मिसाइल को किसी भी प्लेटफॉर्म से लांच किया जा सकता है। नौ मीटर लंबी यह मिसाइल तीन टन तक का वजन उठा सकती है। इसे वर्तमान में इंडियन नेवी कई सभी बड़ी वॉर शिप्स पर डेप्लॉय किया जा चुका है।
आईएनएस चक्र
आईएनएस चक्र इसे 'के-152 नेरपा' नाम से जाना जाता है और रूस की इस अकुला-2 कैटेगरी पनडुब्बी को रूस से भारत ने एक अरब डॉलर के सौदे पर 10 साल के लिए लिया है। इंडियन नेवी में शामिल करने से पहले इसका नाम बदलकर आईएनएस चक्र कर दिया गया। इस पनडुब्बी का वजन 8,000 टन है।
अवॉक्स
फाल्कन अवॉक्स भारत ने देर से एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग सिस्टम यानी अवॉक्स के क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। लेकिन आज अवॉक्स के क्षेत्र में दुनिया भारत को सलाम करती है। अवॉक्स के जरिए हमारी सेना 10 गुनी तेजी के साथ अपने टारगेट का पता लगा सकती है।
आईएनएस विक्रमादित्य
आईएनएस विक्रमादित्य भारत का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर जिसे रूस से खरीदा गया है। आईएनएस विक्रमादित्य का वजन 45,000 टन है और भारतीय महासागर में यह सबसे शक्तिशाली वॉरशिप है। इस पर 24 मिग-29के फाइटर्स के साथ ही छह हेलीकॉप्टर भी डेप्लॉय किए जा सकते हैं।
टी-90
टी-90 भीष्म इंडियन आर्मी ने टी-90 भीष्म टैंकों को टी-55/72 टैंकों की जगह चुना है। भीष्म टैंक का वजन 48 टन है और इसमें तीन लोग क्रू मेंबर के तौर पर समा सकते हैं। साथ ही इसमें 125 एएम की बंदूक के लिए एक ऑटोलोडर भी दिया हुआ है। इस टैंक के बैरल से एंटी टैंक मिसाइल इनवार को आसानी से फायर किया जा सकता है।
पी-81
भारत के पास 7500 किमी लंबी कोस्ट लाइन और सैंकड़ों आईलैंड हैं जिसकी सुरक्षा काफी जरूरी है। भारत के पास मौजूद सर्विलांस एयरक्राफ्ट इस जरूरत को पूरा करता है। यह एयरक्राफ्ट 2000 किमी तक दूरी चार घंटे तक बिना रुके तय कर सकता है।
नाग
नाग मिसाइल कैरियर यह भारत को पास शायद दुश्मनों को डरान और पीछे रखने का सबसे कारगर हथियार है। नाग मिसाइल कैरियर ने पांच किलोमीटर तक की रेंज में मौजूद टारगेट को सफलतापूर्वक डिटेक्ट किया है। यह दिन हो या रात किसी भी तरह की परिस्थितियों में दुश्मन का सफाया कर सकता है।
बीएमसी
बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम बीएमसी बीएमडी भारतीय सेनाओं का वह हथियार है जो मुश्किल घड़ी में कम से कम समय में भी कम या ज्यादा दूरी पर मौजूद दुश्मन को खत्म कर सकता है। यह शॉर्ट नोटिस पर भी सभी बड़े शहरों की रक्षा में तुरंत डेप्लॉय हो सकता है।
पिनाक
पिनाक पिनाक मल्टीपल लॉच रॉकेट सिस्टम को वर्ष 1998 में सेवा में लाया गया था। यह 40 किमी तक की रेंज का सिस्टम है जिसमें 12 रॉकेट्स को लोड किया जा सकता है। इसका इंप्रूव्ड वर्जन 65 किमी की रेंज के रॉकेट के साथ फिलहाल सेवा में हैं।