पुण्यतिथि विशेष: स्वामी विवेकानंद के 10 अनमोल विचार, जिन्होंने दुनिया को दिखाई जीवन जीने की नई राह
नई दिल्ली। पूरी दुनिया आज वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की 118वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रही है। भारत के उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री मोदी सहित पूरे देश ने आज स्वामी विवेकानंद को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया और उनके द्वारा दिखाए गए रास्तों पर चलने का प्रण लिया। स्वामी विवेकानंद का निधन 4 जुलाई, 1902 को पश्चिम बंगाल के बेलूर मठ में ध्यान-मुद्रा के दौरान ही हो गया था। उस समय उनकी उम्र सिर्फ 39 वर्ष ही थी। स्वामी विवेकानंद के निधन पर उनके शिष्यों ने कहा था कि आध्यात्मिक गुरु ने महासमाधि की अवस्था को प्राप्त कर लिया है।
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 में कोलकाता में हुआ था, स्वामी विवेकानंद भारत की उन महान विभूतियों में थे जिन्होंने दुनिया को कल्याण और शांति का मार्ग दिखाया। स्वामी विवेकानंद के कुछ विचार अगर हम अपने जीवन में उतार लें तो वाकई हमें मानवता के लिए काम करने में सफलता मिलेगी। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को स्वामी विवेकानंद की 118वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश के युवा इस महापुरुष के दर्शन को अपने जीवन में आत्मसात करें।
स्वामी
विवेकानंद
के
कुछ
ऐसे
ही
विचार-
1:
उठो,
जागो
और
तब
तक
मत
रुको
जब
तक
लक्ष्य
की
प्राप्ति
ना
हो
जाए।
2:
खुद
को
कमजोर
समझना
सबसे
बड़ा
पाप
हैं।
3:
तुम्हें
कोई
पढ़ा
नहीं
सकता,
कोई
आध्यात्मिक
नहीं
बना
सकता।
तुमको
सब
कुछ
खुद
अंदर
से
सीखना
हैं।
आत्मा
से
अच्छा
कोई
शिक्षक
नही
हैं।
4:
सत्य
को
हजार
तरीकों
से
बताया
जा
सकता
है,
फिर
भी
हर
एक
सत्य
ही
होगा।
5:
बाहरी
स्वभाव
केवल
अंदरूनी
स्वभाव
का
बड़ा
रूप
हैं।
6:
ब्रह्माण्ड
की
सारी
शक्तियां
पहले
से
हमारी
हैं।
वो
हमही
हैं
जो
अपनी
आंखों
पर
हांथ
रख
लेते
हैं
और
फिर
रोते
हैं
कि
कितना
अंधकार
हैं।
7:
विश्व
एक
विशाल
व्यायामशाला
है
जहाँ
हम
खुद
को
मजबूत
बनाने
के
लिए
आते
हैं।
8:
दिल
और
दिमाग
के
टकराव
में
दिल
की
सुनो।
9:
शक्ति
जीवन
है,
निर्बलता
मृत्यु
हैं।
विस्तार
जीवन
है,
संकुचन
मृत्यु
हैं।
प्रेम
जीवन
है,
द्वेष
मृत्यु
हैं।
10:
किसी
दिन
जब
आपके
सामने
कोई
समस्या
ना
आए,आप
सुनिश्चित
हो
सकते
हैं
कि
आप
गलत
मार्ग
पर
चल
रहे
हैं।