यूपी विधानसभा चुनाव के लिये भाजपा का सिक्का तैयार!
बैंगलुरू। इलाहाबाद में इस समय भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक चल रही है। इस सम्मेलन में अलग-अलग सत्रों में अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा चल रही है। लेकिन घूम फिर कर सुई यूपी विधानसभा चुनाव पर अटक जाती है। अगर वर्तमान समीकरण को गौर से देखें तो भाजपा ने अपना सिक्का तैयार कर लिया है। ये वो सिक्का है, जो चुनाव के दौरान मजबूती से चलेगा। तो मोदी की आंधी को यूपी में रोकेंगे कांग्रेस के तीन 'P'?
क्या है भाजपा का सिक्का
भाजपा ने जो सिक्का तैयार किया है, वो सोने का है, चांदी का या ताम्बे का, यह तो चुनाव परिणाम के बाद पता चलेगा, लेकिन सिक्के के दो पहलुओं पर क्या होगा यह हम आपको अभी बता सकते हैं। सिक्के के एक तरफ है गृहमंत्री राजनाथ सिंह की तस्वीर तो दूसरी तरफ मेनका गांधी के पुत्र वरुण गांधी की। चुनाव में भाजपा इस सिक्के को जोरदार तरीके से चलाने वाली है। और भाजपा को इसका डबल फायदा भी मिलेगा।
वरूण भी है बीजेपी का सॉलिड सिक्का
वोटर ने अगर सिक्के पर वरुण को देखा, तो उनकी मैच जिताऊ पारियां याद आ जायेंगी। और अगर सिक्के के दूसरी तरफ बने राजनाथ को देखा, तो केंद्रीय गृह मंत्रालय की खूबियां दिखाई देगी।
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कार्यकारिणी बैठक के पहले इलाहाबाद में सजे भाजपा के पोस्टर्स ने एक नई बात की ओर इशारा किया है। इन पोस्टर्स में पीएम मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के अलावा बीजेपी के धुरंधर युवा नेता वरूण गांधी की तस्वीर हैं। इस समय इलाहाबाद में लगे सौ से ज्यादा पोस्टर्स और होर्डिंग्स में वरूण गांधी की ही तस्वीरें छायी हुई हैं।
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जिसके हिसाब से ये बात तो साफ हो चुकी है कि पार्टी यूपी में अपने लिए ऐसा सिक्का तैयार कर चुकी है जिसमें चित भी मेरी और पट भी मेरी वाली बात है।
आईये इस प्वाइंट को हम निम्नलिखित रूप से समझते हैं..
-
राजनाथ
सिंह
को
भाजपा
चुनावी
प्रचारक
बनाने
के
मूड
में
है
इसके
पीछे
राजनाथ
सिंह
की
स्वच्छ
और
मेहनती
नेता
की
छवि
है।
पिछले
दो
सालों
में
गृहमंत्री
के
रूप
में
राजनाथ
सिंह
ने
जो
काम
किये
हैं
वो
काफी
सराहनीय
और
प्रशंसनीय
है
जिसके
कारण
ही
वो
राजनाथ
सिंह
को
प्रचार
की
जिम्मेदारी
दे
सकती
है।
-
राजनाथ
सिंह
यूपी
के
ही
रहने
वाले
काबिल
नेता
हैं।
वो
किसान
पुत्र
हैं
और
सवर्णों
में
काफी
लोकप्रिय
हैं
जिसका
फायदा
यूपी
में
बीजेपी
उठा
सकती
हैं
क्योंकि
और
पार्टियों
के
मुकाबले
राजनाथ
सिंह
भाजपा
को
ठाकुर
वोट
ज्यादा
दिला
सकते
हैं
जो
कि
यूपी
में
सत्ता
में
काबिज
होने
के
लिए
काफी
जरूरी
है।
-
अब
बात
वरूण
गांधी
की,
जिनकी
छवि
एक
आक्रामक
युवा
नेता
के
रूप
में
हैं।
वो
कद्दावर
नेता
मेनका
गांधी
के
पुत्र
के
रूप
में
यूपी
की
जनता
में
काफी
लोकप्रिय
हैं।
पीलीभीत
हो
या
सुल्तानपुर..हर
जगह
उन्होंने
अपने
दम
पर
जीत
दर्ज
की।
गांधी
परिवार
के
खिलाफ
वो
लड़ने
में
सक्षम
भी
है
और
काबिल
भी
इसी
कारण
शायद
बीजेपी
उन्हें
प्रोजेक्ट
कर
रही
है।
-
यूपी
की
राजनीति
हमेशा
से
रिश्तों
की
दुहाईयों
के
नाम
पर
लड़ी
गई
है,
कभी
दोस्ती
की
दुहाई
तो
कभी
धोखाधड़ी
की..तो
हो
सकता
है
कि
बीजेपी
इस
बार
वरूण
गांधी
को
आगे
करके
यही
गेम
खेलना
चाहती
हो
क्योंकि
ऐसा
सूत्र
कह
रहे
हैं
कि
इस
बार
कांग्रेस
शायद
बतौर
सीएम
राहुल
गांधी
या
प्रियंका
गांधी
को
चुनावी
रण
में
खड़ा
कर
सकती
है,
ऐसे
में
वरूण,
भाजपा
के
लिए
तुरूप
का
पत्ता
साबित
हो
सकते
हैं।
- अब बात चाहे राजनाथ की हो या वरूण की, भाजपा को हर लिहाज से ही फायदा ही दिख रहा है इसी कारण उसने अभी पत्ते खोले नहीं है लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि इस बार पार्टी की पूरी कोशिश यही है कि बीजेपी में ना तो साइकिले दौड़े ना ही हाथी गरजे और ना ही पंजे की ताकत दिखायी दे केवल हर जगह कमल ही कमल ही खिले, देखते हैं होता है क्या?
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