तो मोदी की आंधी को यूपी में रोकेंगे कांग्रेस के तीन 'P'?
अंकुर शर्मा
बैंगलुरू। इन दिनों कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उसे फिर से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है जिसके बाद कभी पूरे देश में शासन करने वाली कांग्रेस आज केवल 'पहाड़ी इलाकों' यानी कि 'हिलस्टेशन पार्टी' बनकर रह गई है।
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ऐसे में पार्टी को अस्तित्व बचाओ वाले दंश से बाहर निकालने के लिए कांग्रेस में उथुल-पुथुल मची हुई है। कांग्रेस के क्रीमी लेयर नहीं चाहते कि पार्टी पर से गांधी परिवार का दवाब हटे इसलिए बार-बार प्रियंका लाओ, कांग्रेस बचाओ..के नारे लग रहे हैं और ऐसी खबर भी है कि शायद इस बार सोनिया गांधी फैसला ले भी लें जिसके चलते यूपी के चुनावों में प्रियंका गांधी प्रचारक बनकर नहीं बल्कि नेता के रूप में सामने आ जायें।
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क्योंकि ऐसा कांग्रेस ही नहीं बल्कि प्रशांत किशोर भी चाहते हैं जिन्होंने यूपी में कांग्रेस बचाओ की मुहिम संभाली है, मोदी को पीएम की कुर्सी तक पहुंचाने और नीतीश कुमार को बिहार का सीएम बनाने वाले प्रशांत ने पहले ही कहा है कि जब तक यूपी में पार्टी अपने सीएम का चेहरा क्लियर नहीं करती है तब तक उसकी राज्य में वापसी संभव नहीं है।
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यही नहीं सोशल मीडिया को पहले कुछ नहीं समझने वाली कांग्रेस ने इन दिनों अपना प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी को बनाया है, जो कि सोशल मीडिया के जरिये ही पार्टी से जुड़ी थीं। वो कितनी अच्छी प्रवक्ता है इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उन्होंने आते ही बीजेपी की एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी से ट्विटर पर पंगा ले लिया है।
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इसका मतलब तो ये हुआ कि कांग्रेस इस समय अपनी शाख को बचाने के लिए तीन 'P' ( प्रियंका गांधी, प्रियंका चतुर्वेदी, प्रशांत किशोर) के सहारे हैं। जो कि यूपी चुनावों में मोदी की आंधी को रोकने की कोशिश करेंगे। क्योंकि भाजपा इस समय असम में जीतने के बाद पूरी तरह से एनर्जी से भरी हुई है और उसकी पूरी कोशिश होगी कि इस बार उत्तर प्रदेश में सिर्फ और सिर्फ कमल खिले वो भी पीएम के दम पर ऐसे में कांग्रेस अगर अपने तीनों 'P' के दम पर इलेक्शन लड़ती है तो वाकई में परिणाम काफी दिलचस्प होंगे।
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