अमेरिका ने समझा पर भाजपा नहीं समझ पायी जसवंत सिंह को
एक वाक्या- अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी और जसवंत सिंह विदेश मंत्री। पाकिस्तान से रिश्ते बेहद नाजुक थे, तभी अमेरिका ने अपने राजदूत के माध्यम से कहा कि भारत पाकिस्तान से शांतिवार्ता करे। इसके जवाब में जसवंत सिंह ने कहा, "भारत-पाकिस्तान शांतिवार्ता जरूर करेंगे, लेकिन जिस टेबल पर यह वार्ता होगी, उस पर तीसरी कुर्सी नहीं होगी।" जसवंत की यह बात अमेरिका तुरंत समझ गया और जब तक जसवंत विदेश मंत्री रहे, तब तक अमेरिका ने भारत-पाक के बीच दोस्ती कराने के लिये कभी हस्तक्षेप नहीं किया। और अटल ने भी कभी जसवंत से इस संबंध में कोई सवाल नहीं किया।
पढ़ें- नेशनल डिमॉलिश अलायंस बन जायेगी भाजपा
जरा सोचिये जसवंत सिंह की बात अमेरिका तुरंत समझ गया, पर वो दल नहीं समझ पाया, जिसे पैदा कर पाल-पोस कर बड़ा करने में जसवंत सिंह का बड़ा हाथ था।
सच पूछिए तो जसवंत की यह बात अमेरिका की कुर्सी हटाने के कृत्य से कम नहीं थी। लेकिन इस कृत्य को करने का साहस भी सिर्फ जसवंत सिंह जैसे नेताओं में ही हो सकता है। वो नेता जो एक राजपूत है और अपने घर, अपनी चीजों और अपनी बनाए हुए कुनबे से बेहद प्रेम करते हैं, लेकिन भाजपा इस साहस को समझ नहीं सकी। वर्षों से दार्जीलिंग की सीट से सांसद रहे जसवंत सिंह इस बार अपने घर से चुनाव लड़ना चाहते थे, तो भाजपा ने उनकी एक नहीं सुनी और अंतत: जसवंत को भाजपा को अलविदा कहना पड़ा।
अगर आप यह सोच रहे हैं कि जसवंत ने यह फैसला जल्दबाजी में लिया या फिर आवेश में आकर भाजपा टिकट नहीं देने पर अड़ गई, तो आप गलत हैं, क्योंकि भाजपा ने पिछले कुछ महीनों से ही जसवंत सिंह को तरजीह देना बंद कर दी थी और इसकी आहट जसवंत को तीन महीने पहले ही हो गई थी।
भाजपा नेताओं के सौतेले रवैये को जसवंत सिंह तीन महीने पहले ही भाप गये थे। यही कारण है कि जनवरी में ही उन्होंने अपनी दिल का दर्द फेसबुक पर पोस्ट कर दिया। उनका फेसबुक पोस्ट इस प्रकार है-
<div id="fb-root"></div> <script>(function(d, s, id) { var js, fjs = d.getElementsByTagName(s)[0]; if (d.getElementById(id)) return; js = d.createElement(s); js.id = id; js.src = "//connect.facebook.net/en_US/all.js#xfbml=1"; fjs.parentNode.insertBefore(js, fjs); }(document, 'script', 'facebook-jssdk'));</script> <div class="fb-post" data-href="https://www.facebook.com/photo.php?fbid=702944716417205&set=a.702944676417209.1073741829.285100028201678&type=1" data-width="466"><div class="fb-xfbml-parse-ignore"><a href="https://www.facebook.com/photo.php?fbid=702944716417205&set=a.702944676417209.1073741829.285100028201678&type=1">Post</a> by <a href="https://www.facebook.com/mpjaswantsingh">Jaswant Singh</a>.</div></div>
जिस भाजपा को जसवंत सिंह ने पाल पोस कर बड़ा किया था, आज वही पार्टी बेगानी हो गई। राजनाथ सिंह अगर यह सोच रही है कि जसवंत को अब भाजपा से वो प्यार नहीं रहा, जो पहले था, तो वो गलत हैं, क्योंकि जसवंत जैसे व्यक्ति अपनी पार्टी और अपने देश से प्यार करना कभी छोड़ ही नहीं सकते। यह बात जसवंत सिंह के चंद फेसबुक पोस्ट देखने से ही साफ हो जाती है।
<div id="fb-root"></div> <script>(function(d, s, id) { var js, fjs = d.getElementsByTagName(s)[0]; if (d.getElementById(id)) return; js = d.createElement(s); js.id = id; js.src = "//connect.facebook.net/en_US/all.js#xfbml=1"; fjs.parentNode.insertBefore(js, fjs); }(document, 'script', 'facebook-jssdk'));</script> <div class="fb-post" data-href="https://www.facebook.com/photo.php?fbid=743436229034720&set=a.430107550367591.105535.285100028201678&type=1" data-width="466"><div class="fb-xfbml-parse-ignore"><a href="https://www.facebook.com/photo.php?fbid=743436229034720&set=a.430107550367591.105535.285100028201678&type=1">Post</a> by <a href="https://www.facebook.com/mpjaswantsingh">Jaswant Singh</a>.</div></div>
एफबी पोस्ट में जसवंत के अंदर बाड़मेर के लिये प्रेम आप देख सकते हैं। यह प्रेम महज चुनाव लड़ने तक सीमित नहीं है, क्योंकि जसवंत वो राजपूत हैं, जो अपने समाज की कुलदेवी हिंगलाज के दर्शन कराने के लिये 90 राजपूतों को अपने साथ पाकिस्तान ले गये थे।
<div id="fb-root"></div> <script>(function(d, s, id) { var js, fjs = d.getElementsByTagName(s)[0]; if (d.getElementById(id)) return; js = d.createElement(s); js.id = id; js.src = "//connect.facebook.net/en_US/all.js#xfbml=1"; fjs.parentNode.insertBefore(js, fjs); }(document, 'script', 'facebook-jssdk'));</script> <div class="fb-post" data-href="https://www.facebook.com/photo.php?fbid=741981545846855&set=a.430107550367591.105535.285100028201678&type=1" data-width="466"><div class="fb-xfbml-parse-ignore"><a href="https://www.facebook.com/photo.php?fbid=741981545846855&set=a.430107550367591.105535.285100028201678&type=1">Post</a> by <a href="https://www.facebook.com/mpjaswantsingh">Jaswant Singh</a>.</div></div>
भाजपा को नुकसान
जसवंत की विदाई से निश्चित तौर पर भाजपा को नुकसान सहना पड़ेगा। अगर भाजपा यह सोच रही है कि बाड़मेर में उसका जनाधार कायम है, तो वो गलत है। इसकी गवाह जसवंत सिंह की पहली चुनावी सभा में उमड़ी भीड़ ही काफी है।
क्या फर्क पड़ेगा भाजपा को
जसवंत सिंह के पार्टी से बाहर जाने का साफ मतलब है कि भाजपा ने अपने एक मजबूत नेता को खो दिया। मजबूत वोटों में नहीं निर्णय लेने की क्षमता में और देश की परिस्थितियों को समझने में। जसवंत सिंह ने भाजपा में रहकर कभी भी नमो-नमो नहीं किया। और शायद राजनाथ सिंह के तमाम फैसलों पर वो सहमत नहीं थे इसीलिये दरारें पड़ती गईं, और सच पूछिए तो जसवंत के बाहर जाने से वो दरारें कभी भाजपा को गहरी चोट पहुंचा सकती हैं।