Adultery Law of Indonesia: क्या है इंडोनेशिया का नया संशोधित कानून? इन देशों में विवाहेतर संबंधों पर प्रतिबंध
6 नवंबर को इंडोनेशिया की संसद ने एक नया संशोधित कानून पारित किया है, जिसके तहत, अगर कोई व्यक्ति विवाहेतर संबंध बनाने के आरोप में पकड़ा जाएगा, तो उसे एक वर्ष तक की सजा हो सकती है।
कहा जाता है कि इंडोनिशिया दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यहां का समाज उदारवादी और प्रगतिशील है। लेकिन, अब 6 नवंबर को इंडोनेशिया की संसद ने एक बहु-प्रतीक्षित और विवादास्पद विधेयक को कानून का स्वरुप प्रदान किया है। इस कानून के तहत, विवाहेतर यौन संबंध दंडनीय अपराध होगा। यह कानून न सिर्फ इंडोनेशिया के नागरिकों पर लागू होगा, बल्कि देश की यात्रा करने वाले विदेशियों पर भी प्रभावी होगा। अगर कोई व्यक्ति विवाहेतर संबंध बनाने के आरोप में पकड़ा जाएगा, तो उसे एक वर्ष तक की सजा हो सकती है।
इंडोनेशिया की संसदीय समिति ने नवंबर में ही इस विधेयक के मसौदे को अंतिम रूप दिया था। अब वहां के सांसदों ने इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। इसके साथ ही, सरकार ने गर्भ निरोधक के प्रयोग और धार्मिक ईश निंदा को भी प्रतिबंधित कर दिया है। इसके तहत, इंडोनेशिया के छह मान्यता प्राप्त धर्मों - इस्लाम, प्रोटेस्टेंट, कैथोलिक, हिंदू, बौद्ध और कन्फ्यूशियसवाद के केंद्रीय सिद्धांतों से हटने पर पांच साल की कैद का प्रावधान है।
इंडोनेशियाई संसद ने नागरिकों को साम्यवादी विचारधारा का पालन करने वाले संगठनों से जुड़ने पर दस वर्ष कारावास की सजा और साम्यवाद फैलाने के आरोप में चार वर्ष की सजा का प्रावधान किया है।
नए कानून में गर्भपात को भी अपराध माना गया है, जिसके तहत 4 वर्ष की सजा का प्रावधान है। हालांकि, वैसी महिलाओं को इसमें छूट दी गई है, जिन्हें गर्भधारण करने से उनकी जान को खतरा हो, या जो बलात्कार के कारण गर्भवती हुई हों। यह छूट भी तभी संभव है, जब गर्भ 14 सप्ताह से कम का हो।
इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, देश के संस्थानों, राष्ट्रीय विचारधारा और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने पर भी प्रतिबंध होगा। अब इस नए कानून पर राष्ट्रपति का हस्ताक्षर अनिवार्य है। दंड संहिता तत्काल प्रभाव से लागू नहीं होगी और इसमें अधिकतम तीन वर्ष का समय लग सकता है।
मानवाधिकार संगठनों ने इन नए संशोधनों की निंदा की है और कहा है कि इन संशोधनों को नई दंड संहिता में शामिल करने से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता खतरे में पड़ सकती है। इसके साथ ही देश धार्मिक असहिष्णुता और मॉरल पुलिसिंग की ओर भी बढ़ेगा।
इंडोनिशयाई संसद ने 2019 में इस नए कानून को मान्यता देने की योजना बनाई थी, लेकिन देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
इन देशों में भी अपराध है विवाहेतर संबंध
सऊदी अरब- सऊदी अरब में इस्लामिक कानून लागू है। इस कानून के मुताबिक, अविवाहित लोगों के शारीरिक संबंध बनाने की मनाही है। यहां अगर ऐसा करते हुए पकड़े गए तो दोषी को पत्थर मारने की सजा का प्रावधान है। अगर पत्थर से मारने के दौरान दोषी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसे अपराध नहीं माना जाएगा।
ईरान- इस्लामिक देश ईरान ने 1979 के इस्लामिक क्रांति के बाद से ही कट्टरपंथ का रास्ता चुना। यहां भी शारीरिक संबंध बनाने के लिए शादी जरूरी है। शादी से पहले संबंध बनाने वालों को कड़ी सजा देने का प्रावधान है। अगर दो अविवाहित ऐसा करते पकड़े जाते हैं, तो उन्हें 100-100 कोड़े मारे जाते हैं। इसके अलावा पत्थरों से भी मारा जाता है।
कतर- कतर में शादी से पहले शारीरिक संबंधों को अवैध घोषित किया गया है। यहां इस्लामिक कानून के तहत शादी से पहले संबंध बनाने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। अगर कोई व्यक्ति इस नियम को तोड़ते हुए पकड़ा गया तो उसे एक वर्ष की कारावास हो सकती है और अगर ऐसा करने वाला व्यक्ति मुस्लिम है, तो उसे कोड़े से मारा जाता है। वहीं, कोई ऐसा व्यक्ति जो शादीशुदा है और किसी अन्य लड़की से संबंध बनाता पाया जाता है, तो उसे पत्थर से मारा जाता है। यहां अविवाहित मां को भी कारावास की सजा हो सकती है।
पाकिस्तान- पाकिस्तान में भी इस कानून का प्रचलन है। यहां के कानून के अनुसार व्यभिचार के आरोपियों को फांसी की सजा दी जा सकती है। हालांकि, पाकिस्तान में इसके आरोपियों को अभी तक सिर्फ कारावास की सजा ही दी गई है। वहीं अविवाहित अगर शारीरिक संबंध बनाते हुए पकड़े गए तो 5 वर्ष तक कैद की सजा दी जा सकती है।
इंडोनेशिया के नये सेक्स कानून पर क्यों हो रहा है विवाद, जानें सरकार ने क्या-क्या नियम बनाए?
अफगानिस्तान- अफगानिस्तान में तालिबान का शासन है। यहां भी शरिया कानून लागू है। अफगानिस्तान में भी बिना शादी के संबंध बनाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यहां अगर कोई ऐसा करते पकड़ा जाता है तो उसे कड़ी सजा मिलती है। यहां दोषी जोड़े को तब तक पत्थर मारे जाते हैं, जब तक की उनकी मौत न हो जाए।
सूडान- सुडान भी इस्लामिक देश है। यहां भी शरिया कानून लागू है। इस देश में भी लोग शादी से पहले संबंध नहीं बना सकते। वर्ष 2012 में एक कम उम्र की महिला ने इस कानून का उल्लंघन किया था, जिसके बाद उसे तब तक पत्थर मारने की सजा सुनाई गई, जब तक की उसकी मौत न हो जाए।
सोमालिया- सोमालिया में भी इस्लामिक कानून का पालन किया जाता है। यहां शरिया कानून के तहत अविवाहित लोगों का शारीरिक संबंध बनाना प्रतिबंधित है। सोमालिया में ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर मौत की सजा है। वर्ष 2008 में एक महिला को व्यभिचार के अपराध में कोर्ट ने पत्थर मारने की सजा सुनाई थी।
मिस्र- मिस्र भी एक इस्लामिक देश है और यहां इस्लामिक कानून लागू है। यहां के लोगों को भी शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने की अनुमति नहीं है। वर्ष 2017 में एक एंकर ने टीवी पर शादी से पहले संबंध बनाने पर चर्चा की थी, जिसके बाद उस पर 3 वर्ष की कैद और 43 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
फिलीपींस-
फिलीपींस
हालांकि
इस्लामिक
देश
नहीं
है,
लेकिन
यहां
की
सरकार
ने
भी
कट्टरपंथी
ईसाई
मान्यताओं
के
अनुसार
शादी
से
पहले
शारीरिक
संबंध
बनाने
पर
रोक
लगा
रखी
है।
यहां
पर
भी
अगर
कोई
इस
कानून
का
उल्लंघन
करता
है
तो
उसे
कारावास
की
सजा
दी
जा
सकती
है।
ताइवान-
ताइवान
भी
एक
गैर-इस्लामिक
राष्ट्र
है।
यहाँ
भी
विवाहेतर
संबंध
बनाने
पर
एक
वर्ष
की
सजा
का
प्रावधान
है।
अगर
दोषी
पुरुष
है
तो
उसे
सार्वजनिक
माफी
मांगने
पर
छोड़
दिया
जाता
है।
लेकिन
अगर
दोषी
महिला
है
तो
उसे
कोर्ट
में
कानूनी
लड़ाई
लड़नी
पड़ती
है।
अमेरिका के 21 राज्यों में भी विवाहेतर संबंध अपराध माना गया है। यहां पर आरोपी को आजीवन कारावास तक की सजा दी जा सकती है। जबकि कुछ राज्यों में इसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा गया है। हालांकि अमरीकी सेना में इस अपराध के लिए कोर्ट मार्शल किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त, दक्षिण कोरिया, चीन, जापान, तुर्की, लैटिन अमेरिकी देश, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में विवाहेतर संबंध को अपराध नहीं माना गया है। इसके अलावा एशिया के कई अन्य देशों में भी व्यभिचार अपराध नहीं है। भारत में भी सर्वोच्च न्यायालय ने 2018 में दिए अपने एक फैसले में व्यभिचार को अपराध की श्रेणी से बाहर रखा है।
यह भी पढ़ें: Web Series for Youth: कोटा फैक्ट्री से लेकर फ्लेम्स तक युवाओं को जरूर देखनी चाहिए ये 10 वेब सीरिज