कभी 23 सेंटीमीटर के धागे पर राष्ट्रगान तो कभी नाखून बराबर हनुमान चालीसा, कई वर्ल्ड रिकॉर्ड हैं अतुल के नाम
माइक्रो आर्ट एक ऐसी आर्ट है जिसमे अपनी सारी कल्पनाओं को एक छोटे से रूप में उतर देता है। अगर आपको मक्खी फिल्म याद हो तो उसमे अभीनेत्री के प्रोफेशन को देखिए। माइक्रो आर्टिस्ट बनने के लिए कोई फिक्स फार्मूला नहीं होता है, हर माइक्रो आर्टिस्ट अपनी सोच और कल्पना के बल पर बड़ी से बड़ी चीज़ों को छोटे रूप में प्रदर्शित करता है। इसमें उपयोग किये जाने वाले टूल्स भी वह खुद ही बनता हैं। उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में एक ऐसा ही माइक्रो आर्टिस्ट रहता है जिसने अपने इस हुनर का इस्तेमाल करते हुए मात्र 23 सेंटीमीटर के धागे पर पूरा राष्ट्रगीत वंदे मातरम हाथों से लिखकर डाला। इनका अतुल कश्यप नाम के इस आर्टिस्ट को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी जगह मिली है।

नाखून के बराबर किताब पर हनुमान चालीसा भी लिखी
बता दें कि अतुल कश्यप ने अपने इस हुनर का इस्तेमाल करते हुए, 23 सेंटीमीटर के धागे पर पूरा राष्ट्रगीत वंदे मातरम हाथों से लिखकर रिकॉर्ड बना दिया था। इसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। इसके लिए अतुल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से सराहना भी मिल चुकी है। उन्होंने वंदे मातरम रोमन लिपि में लिखा है।
फर्रुखाबाद शहर के मोहल्ला सेनापति स्ट्रीट निवासी अतुल कश्यप सबसे पहले वर्ष 2004 में सरसों के दाने पर आई लव माई इंडिया लिख कर चर्चा में आए थे। इसके बाद उन्होंने नाखून के बराबर किताब पर हनुमान चालीसा लिखी थी। इतना ही नहीं जब उन्होंने 900 फीट लंबे पेपर पर लगातार 72 घंटे लिखा तो 2016 में इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज हो गया। इसके बाद भी उनका अनूठे काम करने का अंदाज नहीं बदला। उन्होंने गेहूं के दाने के बराबर मिट्टी के दीपक जलाए, सुई के छेद में 123 धागे पिरोए। इस सब के बावजूद उन्हें कोई पहचान नहीं मिली, तो वह दिल्ली चले गए। वहां एक कंपनी में प्राइवेट नौकरी करने लगे।

लंदन में विश्व रिकॉर्ड के लिए हुआ नामांकन
मूलरूप से उत्तर प्रदेश के फरूर्खाबाद निवासी अतुल कश्यप ने कानपुर से जीव विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई की। उनका रुझान बचपन से ही कला की तरफ था, लेकिन सही मौका न मिलने के कारण वे इस क्षेत्र में ज्यादा कुछ नहीं कर पाए। अतुल ने बताया कि उन्होंने जयपुर के एक व्यक्ति के बारे में पढ़ा था, जिसने चने के दाने पर रामजी लिखा था। उसी से उन्हें प्रेरणा मिली और उन्होंने भी ऐसी आर्ट की प्रैक्टिस शुरू कर दी। अतुल ने बताया कि चावल के दाने या सरसों पर लिखने के लिए वे एक विशेष मेड इन जापान पेन का इस्तेमाल करते हैं। अतुल एक ऐप बेस्ड लॉजिस्टिक कंपनी में नौकरी करते हैं। वे अपने इस हुनर को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज कराना चाहते हैं।
नौकरी करने के साथ साथ अतुल अपनी इस अनूठी कला पर भी काम करते रहे। 2015 में उन्होंने धागे पर राष्ट्रगीत वंदेमातरम लिखा। इसके लिए दोबारा उनका नाम इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। हाल ही में उन्होंने वर्ल्ड बुक ऑफ लंदन में विश्व रिकॉर्ड के लिए नामांकन किया था। शुक्रवार को उन्हें इसका कंफर्मेशन मिल गया है। लेकिन इसकी फीस 60 हजार रुपये है।

तिल से योगी की तस्वीर भी बनाई थी
अतुल की कलाकारी केवल यही तक सीमित नहीं रही बल्कि उन्होंने ऐसे कई अविश्वसनीय कार्य किये है, जैसे उन्होंने एक सुई के छेद में 123 धागे डाले। आलपिन के मत्थे पर माचिस की तीली से दुनिया की सबसे छोटी कुर्सी (एक सेमी) बनाई। नाखून के आकार की 150 पन्नों की किताब बनाई। इसमें उन्होंने हाथ से पूरा हनुमान चालीसा लिखा था। कांच की बोतल के अंदर योग गुरु बाबा रामदेव और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तस्वीर बनाई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के प्रोत्साहन के कामों की सराहना करते हुए तीन सेंटीमीटर के कागज के टुकड़े पर एक पत्र लिखा। इसे नाखून के आकार के लिफाफे में रखकर उन्हें पोस्ट किया। जवाब में योगी ने पत्र लिखकर उनकी सराहना की। और तो और उन्होंने केवल काले व ब्राउन तिल से योगी की तस्वीर भी बनाई थी।