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Pride Month: LGBTQ+ समुदाय के दर्द को बखूबी बयां करती हैं ये फिल्में, जानें समलैंगिकों की समस्याएं

जून का महीना पूरे विश्व के साथ भारत में भी LGBT समुदाय के लिए बेहद खास है। सामाजिक सरोकारों के लिए भारतीय इंडस्ट्री भी समय के साथ हमेशा ही मुखर रही है।

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मुंबई, 9 जून: हर साल जून का महीना समलैंगिग लोगों के लिए बेहद खास होता है। ये माह 1968 के स्टोनवॉल दंगों में शामिल लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। अपने हक की आवाज उठाने वाले इन लोगों पर आज सबको मान है। ऐसे में हर साल जून के महीने को प्राइड मंथ के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है। खास बात तो ये है कि इस महीने में धरती को इंद्रधनुष के रंगों से भर दिया जाता है। पूरे विश्व के साथ भारत में भी प्राइड मंथ का जश्न मनाया जाता है। सामाजिक सरोकारों के लिए भारतीय इंडस्ट्री भी समय के साथ हमेशा ही मुखर रही है। हिंदी फिल्मों में समलैंगिग संबंधों पर आधारित कहानियां दिखाई गईं हैं, जिससे लोगों में इसे लेकर अवेयरनेस आए। आज हम आपको ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में बताएंगे, जिन्हें लेकर देश में हंगामा तो खूब हुआ, लेकिन इन फिल्मों ने लोगों को जागरूक करने में कोई कसर भी नहीं छोड़ी...

'शुभ मंगल ज्यादा सावधान'

'शुभ मंगल ज्यादा सावधान'

आनंद एल राय, भूषण कुमार और हिमांशु शर्मा की प्रोडक्शन कंपनी के बैनर तले बनी ये फिल्म 2020 में रिलीज हुई। इस फिल्म में सेक्सुअलिटी जैसे विषय को बड़े ही कॉमिक अंदाज में दिखाया गया है। दो लड़कों के आपसी प्यार और परिवार के बीच उठे जद्दोजहद और पीड़ा पर बनी इस फिल्म की भी लोगों ने खूब सराहना की थी। इसमें दो समलैंगिक लड़के हैं, जो एक दूसरे के साथ रिलेशनशिप में हैं।

'बधाई दो'

'बधाई दो'

जंगली पिकचर्स के बैनर तले बनी फिल्म बधाई दो हर्षवर्धन कुलकर्णी के निर्देशन में बनी है। फिल्म में राजकुरार राय ने गे और भूमि पेडनेकर लेस्बियन का किरदार निभाया था। फिल्म ने एक ऐसे सेंसिटिव मुद्दे को दिखाया है, जिसमें कलाकार गे औऱ लेस्बियन की न केवल चुनौतियों के बारे में बात करते हैं, बल्कि लोगों को एक नया नजरिया देने की भी कोशिश करते हैं।

'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा'

'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा'

शैली चोपड़ा धर के निर्देशन में बनी ये फिल्म एक ऐसे मुद्दे पर आधारित है, जो एलजीबी समुदाय ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए अहम साबित होती है। फिल्म में एक लेखक-निर्देशक को एक पंजाबी लड़की से प्यार हो जाता है। अपने प्यार को पाने के लिए वो सबसे पहले लड़की की मां को इंप्रेस करता है। इसके बाद एक दिन मौका देखकर वो लड़की को प्रपोज करता है । लेकिन लड़की बताती है कि वो किसी लड़के से नहीं, बल्कि लड़की से प्यार करती है। वो दोनों शादी करने वाले हैं।

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'चंडीगढ़ करे आशिकी'

'चंडीगढ़ करे आशिकी'

ये फिल्म ट्रांसजेंडर की समस्याओं पर बनाई गई है। भूषण कुमार, प्रज्ञा कुमार और अभिषेक नैयर की प्रोडक्शन कंपनी के बैनर तले बनी ये फिल्म सेक्स चेंज जैसे मुद्दों पर आधारित है। इसमें आयुष्मान खुराना और वाणी कपूर लीड रोल में थे। फिल्म में इमोशन्स खूब दर्शाए गए हैं। इसमें हीरो को पता चलता है कि लड़की एक ट्रांस गर्ल है, जो सेक्स चेंज कराकर लड़के से लड़की बनी है। इसके बाद लड़के के पैरों तले जमीन खिसक जाती है।

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English summary
The month of June is very special for LGBT people in India along with the whole world. The Bollywood industry has always been vocal for social concerns over the time.
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