CM Bhupesh के निर्देश के बाद शिवांश के परिजनों को मिला न्याय, हॉस्पिटल में लगेगा ताला, डॉक्टरों पर FIR दर्ज
Durg Child Hospital छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में बच्चों के अस्पताल में एक माह पूर्व दिल दहलाने वाला मामला सामने आया था। यहां डॉक्टरों की लापरवाही से एक घर का चिराग बुझ गया। बच्चे के गम में डूबे माता पिता ने कई जगहों पर न्याय की गुहार लगाई, अस्पताल प्रबन्धन के खिलाफ़ थाने में शिकायत की। लेकिन अब सीएम भूपेश बघेल के निर्देश के बाद गुनहगारों को सजा मिली है। इस मामले में दुर्ग सीएमएचओ ने अस्पताल को बंद करने का नोटिस जारी कर दिया है। वहीं 4 डॉक्टरों पर अपराध दर्ज कराया गया है।
सर्दी खांसी की शिकायत पर कराया था भर्ती
दुर्ग जिले के देवबलौदा निवासी शिवांश के पिता डीकेश वर्मा ने बताया की शिवांश वर्मा को सर्दी खांसी की शिकायत पर 27 अक्टूबर को सिरसा गेट स्थित सिद्धी विनायक अस्पताल लाया गया था। जहां उसे आईसीयू में भर्ती कर दिया गया, दो दिनों में बच्चे की हालत में सुधार हो रहा था। लेकिन 31अक्टूबर को उसकी मौत हो गई। माता पिता ने इसके लिए डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराया।
शिवांश का शरीर पड़ने लगा था काला
पिता डीकेश वर्मा के अनुआर 31 अक्टूबर को डॉक्टरों ने शिवांश को स्वस्थ बताया और दो दिनों में छुट्टी देने की बात कही थी। लेकिन शाम 6.30 बजे शिवांश को डॉक्टरों ने एजिथ्रोमाइसिन 500 Mg का इंजेक्शन लगाया। जिसके बाद अचानक शिवांश का शरीर अचानक काला पड़ने लगा। जिसके बाद शिवांश शांत हो गया घबराई। माता ने तुरंत डॉक्टरों को सूचना दी। नर्स और डॉक्टरों ने बच्चे को लगभग एक घण्टे तक चेक किया। लेकिन जब माता पिता ने बच्चे को एम्स ले जाने की बात कही तब डॉक्टरों ने बच्चे के मौत की सूचना परिजनों को दी।
सीएम भूपेश ने दिए थे उचित कार्रवाई के निर्देश
दरअसल घटना के बाद शिवांश के पिता ने शिवांश की मौत का जिम्मेदार अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों को बताया था। शिवांश से पिता का कहना था, कि डॉक्टरों की लापरवाही से शिवांश की मौत हुई है। इस मामले की जांच के लिए, वह थाने में चक्कर लगा रहे थे। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई थी। शिवांश के पिता ने इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से गुहार लगाई। सीएम के निर्देश के बाद हरकत में आए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों पर कार्यवाही की है।
पिता ने मांगा था अस्पताल का CCTV फुटेज
दरअसल इस मामले में अस्पताल प्रबंधन के डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई हैं। एजिथ्रोमाइसिन 500 इंजेक्शन लगाने के बाद शिवांश के शरीर में हुए रिएक्शन से उसकी मौत हुई। वहीं बच्चे का पोस्टमार्टम भी करवाया गया। पिता डिकेश वर्मा ने हॉस्पिटल के आईसीयू में लगे सीसीटीवी फुटेज की मांग पुलिस के माध्यम से की थी। लेकिन पुलिस भी फुटेज लेने में 4 दिनों तक टालमटोल करती रही। लेकिन सीसीटीवी फुटेज से खुलासा हुआ कि इंजेक्शन लगाने के दौरान ही बच्चे की हालत गंभीर हुई।
अस्पताल पर लगेगा ताला, 20 हजार का लगा जुर्माना
दुर्ग जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जे पी मेश्राम ने बताया की मामला संज्ञान में आने के बाद विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम से हॉस्पिटल में जांच करवाई गई जांच में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई, जिसके बाद नर्सिंग होम एक्ट के तहत एक माह का नोटिस दिया गया। वहीं सिद्धि विनायक अस्पताल की मान्यता रद्द कर दी गई है। अस्पताल बन्द करने के निर्देश दिए गए हैं। तथा अस्पताल प्रबंधन पर 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
इन डॉक्टरों पर दर्ज हुआ अपराध
इस मामले में अस्पताल के डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बच्चे की मौत के मामले में पुलिस ने 4 डॉक्टरों सहित 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। पुलिस ने अस्पताल के डॉ संमीत राज प्रसाद, डॉ दुर्गा सोनी, डॉ हरिराम यदु,डॉ गिरीश साहू,विभा साहू, आरती साहू , निर्मला यादव के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। सभी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा 304 A के तहत का मामला दर्ज किया गया है।
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