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Chhattisgarh: नक्सलियों का गड़ा धन निकालने, किया बच्चे का किडनैप, पुलिस ने आरोपियों को पहुंचाया जेल

छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव पुलिस ने अपरहरणकर्ताओ के एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है। पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के कब्जे से दो लोगों को सुरक्षित मुक्त कराया है।

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राजनांदगांव, 24 अगस्त। छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव पुलिस ने अपरहरणकर्ताओ के एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है। पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के कब्जे से दो लोगों को सुरक्षित मुक्त कराया है। इस पूरे मामले में पुलिस की तत्परता के चलते एक बड़ी घटना होने से टल गई। भिलाई निवासी रूप सिंह और उसके पुत्र का अपहरण कुछ आरोपियों ने अंधविश्वास के चक्कर में किया था। इस घटना को अंजाम देने वाले छह अपहरणकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर किया है।

मुझे मां के पास जाना है' कहकर रो रहा था बच्चा

मुझे मां के पास जाना है' कहकर रो रहा था बच्चा

इस मामले का खुलासा करते हुए एसपी प्रफुल्ल ठाकुर ने बताया कि 21 अगस्त को शाम लगभग 7 बजे राजनांदगांव हाइवे पर स्थित खालसा ढाबा जनकपुर से पुलिस को सूचना मिली कि एक बच्चे को जबरदस्ती कार नंबर- सीजी 08 एयू 2042 में बैठाकर नागपुर की ओर ले जाया जा रहा है। गाड़ी में बच्चा 'बचाओ-बचाओ, मुझे मां के पास जाना है' कहकर रो रहा है। इसकी सूचना पर तत्काल पुलिस अलर्ट हुई और कार की पतासाजी करने के लिए बागनदी पुलिस और डीआरजी की टीम जुट गई। रात लगभग 9 बजे बदमाशों की कार तुमड़ीबोड़ के पास दिखाई दी।

घटना से पहले ही पुलिस ने पहुंचाया जेल

घटना से पहले ही पुलिस ने पहुंचाया जेल

दरअसल भिलाई के छावनी थाना अंतर्गत शारदापारा निवासी पीड़ित रूप सिंह ध्रुव ने पुलिस को बताया कि दोस्त जंघेल की माध्यम से उमर फारूक और गणेश जैन उर्फ जीतू से एक साल पहले परिचय हुआ था। 21 अगस्त की शाम को पांच बजे जीतू ने अपने ऑफिस के पास बुलाया और साथ में मंझले बेटे को लेकर आने को कहा। मैं मंझले बेटे के साथ जीतू की ऑफिस के पास पहुंच गया. पहले से खड़े फारूक और जीतू ने कहा कि चलो घूम कर आते हैं. हम दोनों को अपनी सफेद रंग की इनोवा गाड़ी में ले गया।

ढाबा संचालकों ने पुलिस को दी सूचना

ढाबा संचालकों ने पुलिस को दी सूचना

शाम 7 बजे के आसपास राजनांदगांव के बाहर खालसा ढाबा पर रुके. ढाबा पर एक स्लेटी रंग की कार आई। कार में एक आदमी जीतू और फारूक से बात करने लगे। मैं बेटे के साथ इनोवा में बैठ रहे थे। इसी दौरान फारूक और जीतू जबरदस्ती स्लेटी रंग की कार में बैठाकर ले गये. जबरदस्ती करने पर मैंने और बेटे ने पूछा कहां ले जा रहे हो. हम दोनों जोर जोर से चिल्लाने लगे थे। उन्होंने मुझे धमकी दी कि चिल्लाओ मत नही तो जान से मार देंगे। इस पूरी घटना को ढाबा पर मौजूद लोगों ने देख लिया था।

पुलिस ने मोबाइल लोकेशन किया ट्रेस

पुलिस ने मोबाइल लोकेशन किया ट्रेस

राजनांदगांव एसपी प्रफुल्ल ठाकुर ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि अपहरण के बाद आरोपी मड़िया होते हुए तुमड़ीबोड के पास कच्चे रास्ते से होकर जीई रोड पर निकलकर दुर्ग की ओर भाग रहे थे। लेकिन थाना सोमनी पुलिस को इसकी सूचना दी गई जिससे ठाकुरटोला के पास कार को जब्त कर लिया गया। पुलिस ने गाड़ी नंबर से अपहरणकर्ताओं का पता लगाया। गाड़ी में बैठे एक आदमी के मोबाइल लोकेशन पर पुलिस पीछा करने लगी। इसी दरमियान ठाकुरटोला के पास सोमनी थाना पुलिस ने घेराबंदी कर गाड़ी को रोका. गाड़ी में छह अपहरणकर्ता सवार थे. पुलिस ने बाप और बेटे को सुरक्षित मुक्त कराकर अपहरणकर्ताओं को हिरासत में लिया।

नक्सलियों का गड़ा धन निकालने बनाया था प्लान

नक्सलियों का गड़ा धन निकालने बनाया था प्लान

पुलिस को आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि आरोपियों को किसी ने जंगल में नक्सलियों के रुपये गड़े होने की जानकारी दी थी। और गड़े धन को निकालने के लिए उल्टा पैदा हुए बच्चे की जरूरत होने की बात कही थी। बच्चे को धन वाली जगह जाने पर करंट लगने लगता। इस तरह जमीन में नक्सलियों के गड़े धन को निकाल लिया जाता.

मास्टर माइंड निकला पीडब्ल्यूडी कर्मचारी

मास्टर माइंड निकला पीडब्ल्यूडी कर्मचारी

पुलिस के मुताबिक अपहरणकर्ताओं का मास्टर माइंड पीडब्ल्यूडी विभाग का कर्मचारी है। कर्मचारी के कहने पर सभी आरोपियों ने पिता-पुत्र का अपहरण किया था। रूप सिंह ने अपने दोस्त जंघेल को बताया था, कि बेटा जन्म के समय उल्टा पैदा हुआ था। इस बात की सूचना पीडब्ल्यूडी कर्मचारी को मिली थी। तब 6 लोगों के साथ मिलकर उसने बच्चे के अपरहण का प्लान तैयार किया। पुलिस का कहना है कि अगर समय रहते अपहरणकर्ताओं के चंगुल से पिता पुत्र को नहीं बचाया जाता तो कोई अप्रिय घटना घट सकती थी. फिलहाल छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर वारदात में इस्तेमाल किए गए दो चार पहिया वाहन को भी जब्त किया है. आरोपियों के खिलाफ अपहरण सहित कई मामले दर्ज किए गए हैं. पढ़े लिखे आरोपियों की मंशा अंधविश्वास के चक्कर में वारदात को अंजाम देने की थी।


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English summary
Chhattisgarh: Withdrawal of ground buried money from Naxalites, kidnapped the child, police sent the accused to jail
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