फोर्टिस में गलत पैर के ऑपरेशन का मामला, एमसीआई ने डॉक्टर पर लगे आरोपों को गलत बताया
नई दिल्ली। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने फोर्टिस अस्पताल में एक मरीज का गलत ऑपरेशन करने के मामले में आरोपी दो डॉक्टरों में से एक पर लगे सभी आरोपों को गलत बताया है। डॉक्टर पर लगी तमाम पाबंदियां भी हटा ली गई हैं। दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने दो डॉक्टर अश्वनी मेचंद और राहुल काकरान को लापरवाही के लिए सस्पेंड कर दिया था और छह माह के लिए प्रैक्टिस पर भी बैन लगा दिया था। ये मामला 19 जून 2016 का है, जब एक मरीज ने शिकायत की थी कि उसको चोट दाहिने पैर में लगी और ऑपरेशन बांये पैर का कर दिया गया। एमसीआई ने पाया है कि डॉक्टर अश्वनी सिर्फ ऑपरेशन की प्लानिंग में थे, वो ऑपरेशन थियेटर में मौजूद नहीं थे।
ये है पूरा मामला
19 जून 2016 को 24 साल के अशोक विहार निवासी रवि राय अपने घर पर सीढ़ी से फिसल गए जिससे उनके दाहिने पैर में चोट पहुंची। उनके पिता उन्हें शालीमार बाग स्थित फोर्टिस अस्पताल लेकर गए। 20 जून को रवि की दूसरी जरूरी जांच की गई। 21 जून को सर्जरी की प्लानिंग की गई। सर्जरी की प्लानिंग दाहिने पैर की हुई, परिवार वालों से सहमति भी दाहिने पैर की सर्जरी की ली गई। सर्जरी के बाद ऑपरेशन थियेटर से रवि बाहर निकले तो उन्हें पता चला कि बाएं पैर की सर्जरी कर दी गई है, जबकि चोट दाएं पैर में लगी थी। इसको लेकर रवि ने अस्पताल में शिकायत की।
मामले के मीडिया में आने के बाद दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने इस पर संज्ञान लेते हुए जांच कराने का फैसला किया। जांच में दोनों पक्षों को बुलाया गया। जांच में दोनों डॉक्टरों को दोषी पाया गया, इस पर काउंसिल ने दोनों पर कार्रवाई की। इसके बाद डॉक्टरों ने एमसीआई का रुख किया।
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