दिल्ली में बढ़ रहा कोरोना का कहर, इस बार बुजुर्गों की जगह युवा और गर्भवती महिलाएं ज्यादा बन रहीं शिकार
नई दिल्ली: नए साल पर कोरोना वायरस के रोजाना के केस न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए थे, लेकिन अब फिर से सरकार की टेंशन बढ़ गई है, जहां कई राज्यों में महामारी तेजी से पैर पसार रही। राजधानी दिल्ली का भी बुरा हाल है, जहां पर महामारी 2020 की तुलना में तेजी से फैल रही है। इस वजह से अस्पतालों में अब बेड की संख्या भी कम पड़ने लगी। वहीं कुछ दिनों से ये खबर फैल रही थी कि सरकारी अस्पताल में ओपीडी को अस्थायी रूप से बंद किया जा सकता है, जिस पर भी अब सफाई जारी हुई है।
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मामले में दिल्ली के लोकनायक अस्पताल के एमडी डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि कोविड-19 की वर्तमान लहर पिछले साल की तुलना में तेजी से फैल रही है। पिछले हफ्ते 20 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिनकी संख्या अब बढ़कर 170 हो गई है। इससे साफ जाहिर होता है कि बेड की मांग बढ़ती जा रही है। हालांकि अस्पताल प्रशासन इस नई लहर से निपटने के इंतजाम कर रहा है।
डॉ. सुरेश के मुताबिक पहले कोरोना से ज्यादा संक्रमित बुजुर्ग लोग थे, लेकिन अब ज्यादातर युवा, बच्चे और गर्भवती महिलाएं हैं। इसको देखते हुए लोकनायक अस्पताल में सभी व्यवस्थाएं लागू की गईं ताकि मरीजों का सही इलाज हो सके। वहीं अस्पताल प्रबंधन ने ओपीडी (आउट पेशेंट विभाग) में मरीजों को देखने पर रोक लगाने की कोई योजना नहीं बनाई है।
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रोजाना
5000
से
ज्यादा
मामले
बीते
दिन
दिल्ली
में
5100
कोरोना
के
नए
केस
दर्ज
किए
गए,
जो
नवंबर
2020
के
बाद
की
अधिकतम
संख्या
है।
इससे
पहले
27
नवंबर
2020
को
5482
मामले
सामने
आए
थे।
दिल्ली
स्वास्थ्य
विभाग
के
मुताबिक
वहां
पर
संक्रमित
मरीजों
की
संख्या
6,85,062
हो
गई
है,
जिसमें
से
11,113
की
मौत
हुई,
जबकि
6,56,617
मरीज
ठीक
हो
चुके
हैं।
ऐसे
में
राजधानी
में
एक्टिव
केस
सिर्फ
17,332
ही
हैं।