कड़कड़डूमा कोर्ट का फैसला, दिल्ली दंगों के एक मामले में उमर खालिद व खालिद सैफी को बरी किया
कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों के एक मामले में उमर खालिद व खालिद सैफी को बरी कर दिया है। फिलहाल दोनों यूएपीए एक मामले में जेल में बंद हैं।
दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने छात्र कार्यकर्ता उमर खालिद और UAH सदस्य खालिद सैफी को दिल्ली दंगों एक मामले बरी कर दिया है। मामले में सुनवाई शनिवार को हुई। सुनवाई एएसजे पुलस्य प्रमाचला कर रहीं थीं। हालांकि कोर्ट की तरफ से दोनों को जमानत दे दी गई है, लेकिन उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) का एक केस चल रहा है। ऐसे में अभी दोनों जेल में ही रहेंगे।
UAPA
की
इन
धाराओं
में
दोनों
पर
दर्ज
है
केस
उमर
खालिद
और
खालिद
सैफी
पर
आईपीसी
की
धारा
109,
114,
147,
148,
149,
153-ए,
186,
212,
353,
395,
427,
435,
436,
452,
454,
505,
34
और
120-बी
के
तहत
प्राथमिकी
दर्ज
की
गई
थी।
यह
प्राथमिकी
सार्वजनिक
संपत्ति
अधिनियम
के
नुकसान
की
रोकथाम
के
धारा
3
और
धारा
4
और
शस्त्र
अधिनियम
की
धारा
25
और
27
के
तहत
मामला
दर्ज
किया
था।
सितंबर में गिरफ्तार किए गए खालिद ने कोर्ट से आग्रह किया था कि शहर के उत्तर-पूर्व क्षेत्र में हुई हिंसा में उसकी न तो कोई "आपराधिक भूमिका" थी और न ही मामले में किसी अन्य आरोपी के साथ उसने षणयंत्र रचा था। हालांकि इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस की तरफ से खालिद, शारजील इमाम और कई अन्य लोगों पर आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत कथित रूप से मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस
ने
जमानत
का
किया
था
विरोध
पुलिस
का
आरोप
है
कि
दंगे
मास्टरमाइंड
खालिद
सहित
अन्य
आरोपी
हैं।
इस
दंगे
में
53
लोगों
की
मौत
हुई
थी।
जबकि
700
से
अधिक
लोग
घायल
हुए
थे।
कड़कड़डूमा
कोर्ट
ने
उमर
खालिद
को
जमानत
का
आदेश
उस
समय
दिया
है,
जब
दिल्ली
पुलिस
ने
एक
अदालत
में
जमानत
का
विरोध
किया
था।
दिल्ली
पुलिस
ने
उमर
खालिद
की
जमानत
याचिका
पर
विरोध
करते
हुए
था
कि
इससे
समाज
में
आशंति
फैल
सकती
है।
आपको
बता
दें
कि
जमानत
याचिका
को
दिल्ली
हाईकोर्ट
की
एक
पीठ
पहले
ही
ठुकरा
चुकी
है।
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