गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव में खर्च की सीमा तय करेगी दिल्ली सरकार, 6 माह में नियम होंगे लागू
नई दिल्ली। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के होने वाले चुनावों से पहले दिल्ली सरकार चुनाव प्रकिया को लेकर नए नियम कानून बनाने जा रही है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के होने वाले चुनावों में मतदाताओं पर खर्च होने वाले पैसे को रोकने के लिए केजरीवाल सरकार सख्त नियम बनाने जा रही है। सरकार चुनावों के लिए अधिकतम सीमा तय करने वाली है। सरकार 6 महीने के अंदर ये नियम बना देगी।
दिल्ली हाईकोर्ट को दिल्ली सरकार के सरकारी वकील ने बताया कि, खर्च को सीमित करने के लिए नियम बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। छह माह में इसे लागू कर दिया जाएगा। अदालत ने याचिका का निपटारा करते हुए याचिकाकर्ता को कहा कि यदि सरकार छह माह में नियमों को लागू करने में असफल रहती है तो वे पुन: याचिका दायर कर सकते हैं। हम इस फैसले पर फिर से सुनवाई करेंगे।
इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका समाजसेवी मनजीत सिंह चुघ व जगमोहन सिंह ने दायर की गई थी। अपनी याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा था कि, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव हर चार वर्ष बाद होते हैं। चुनावों में विभिन्न सिख समुदायों से जुड़ी पार्टियों व अन्य सिख प्रत्याशी भाग लेते है लेकिन चुनावों में अधिकतम खर्च की सीमा निर्धारित नहीं है। जिसके चलते इस चुनाव में पैसा के अंधाधुंध इस्तेमाल होता है।
यचिका कर्ता ने दावा किया कि, चुनावों में प्रत्याशी वोटरों को लुभावने के लिए पैसों के अलावा शराब तक बांटते हैं। इसके अलावा गुरुद्वारों व अन्य स्थल पर कीर्तन दरबार तक आयोजित किए जाते हैं जिसका भारी पूरा खर्च प्रत्याशी उठाते हैं। जिसके चलते अत्यधिक खर्च होने के कारण आम व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता। उन्होंने कहा कि देशभर में होने वाले चुनावों के अलावा विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनावों की तरह यहां भी खर्च की सीमा तय की जाए।
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