क्या कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे होंगे अधिक शिकार? रणदीप गुलेरिया ने दिया ये जवाब
नई दिल्ली, मई 24: कोरोना वायरस की दूसरी लहर में देश में अभी भी रोजना लाखों मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में सरकार और डॉक्टरों द्वारा लोगों को लगातार सावधानी बरतने की चेतावनियां दी जा रही हैं। इसी बीच एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने बच्चों में कोरोना संक्रमण के खतरों को लेकर अहम बयान दिया है। रणदीप गुलेरिया ने कहा कि, बच्चे अभी तक कोरोना की लहर से सबसे कम प्रभावित हुए हैं, अगर तीसरी लहर आती है तो बच्चे शायद प्रभावित नहीं होंगे।
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सोमवार को मीडिया से बात करते हुए एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि, हमने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में देखा कि बच्चों में संक्रमण बहुत कम देखा गया है। इसलिए अब तक ऐसा नहीं लगता है कि आगे जाकर कोविड की तीसरी लहर में बच्चों में कोविड संक्रमण देखा जाएगा। बता दें कि हाल ही स्वास्थ्य से जुड़े एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी थी कि, तीसरी लहर में बच्चों के लिए अधिक खतरनाक साबित हो सकती है।
वहीं रणदीप गुलेरिया में जानवरों में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर कहा कि , ऐसा कोई डेटा नहीं है जो यह दर्शाता हो कि वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है। हमारे पास केवल यह दिखाने वाला डेटा है कि वायरस मनुष्यों से जानवरों में फैलता है जैसा कि पहली लहर के दौरान न्यूयॉर्क के एक चिड़ियाघर में देखा गया था। एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लिहाजा, इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है। इस इंफेक्शन का ट्रीटमेंट जल्दी शुरू कर देने का फायदा है। ब्लैक फंगस से इंफेक्टेड एक व्यक्ति के पास बैठने से दूसरे काे यह नहीं फैलता है।
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देश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में हर रोज कमी देखने को मिल रही है। हालांकि डेथ रेट अभी चिंता का कारण बना हुआ है। देश में कोरोना से मौत का आंकड़ा तीन लाख के पार पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 222,315 नए कोरोना केस आए और 4454 लोगों को की कोरोना से मौत हुई है। वहीं 3,02,544 लोग कोरोना से ठीक होकर घर लौटे हैं। देश में कोरोना से मृत्यु दर 1.13 फीसदी है जबकि रिकवरी रेट 88 फीसदी से ज्यादा है। एक्टिव केस घटकर 11 फीसदी से कम हो गए हैं।