Success Story: Surjpur के युवाओं ने नौकरी छोड़ आधुनिक खेती को अपनाया, ग्रामीणों को दे रहे रोजगार
Surjapur आज हर युवा पढ़ लिखकर एक अच्छी सैलरी वाली नौकरी या सरकारी नौकरी की तलाश में है। बहुत कम युवा होतें हैं जो खेती करने के लिए आगे आते हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में सब्जी की खेती के प्रति युवाओं का रुझान बढ़ता जा रहा है। जिले के युवा अब आधुनिक खेती की ओर आकर्षित हो रहें हैं। खास बात यह है, कि इंजीनियरिंग जैसी उच्च शिक्षा और बड़ी कम्पनियों की नौकरी को छोड़कर युवा खेती के लिए आगे आ रहें हैं। खेती से मुंह मोड़ने वाले युवा अब आधुनिक खेती के माध्यम से अच्छा मुनाफा पर हो रहा है।
पारम्परिक खेती को आधुनिक रूप में बदला, कमा रहे मुनाफा
सबसे अहम बात यह है कि सूरजपुर जिले के युवा अपने पीढ़ियों से चली आ रही पारंपरिक खेती को छोड़कर आधुनिक खेती को अपना रहे हैं। युवाओं ने अपने खेतों में टपक सिंचाई पद्धति, स्प्रिंकलर, आधुनिक कृषि यंत्रों का इस्तेमाल किया है। ये युवा कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल भी कम करते हैं। युवाओं ने खेत में ही गायों का पालन कर उर्वरक और गौ मूत्र से कीटनाशक भी तैयार करना शुरू कर दिया है। इस त्र युवाओं को अपनी खेती में उत्पादन लागत में कमी होने से अच्छा मुनाफा हो रहा है।
ग्रामीणों को मिल रहा रोजगार, महिलांए हुई आत्मनिर्भर
प्रदेश के सूरजपुर जिले के भैयाथान विकासखंड में ग्राम दर्रीपारा, तरका, बड़सरा, कोयलारी जैसे कई गांव के युवाओं ने खेती को अपनी आय का जरिया बनाया है। इसके साथ ही वह अन्य युवाओं और महिलाओं को रोजगार भी दे रहे हैं। क्योंकि इन्हें अपने बाड़ियों में काम करने के लिए 40 से 50 मजदूरों की आवश्यकता होती गई। इनके बाड़ियों में काम करके सैकड़ों महिलाएं अच्छी आमदनी कमा रही हैं।
युवा इंजीनियर ने जॉब छोड़, खेती को अपनाया
सुरजपुर जिले के माधवेश्वर रायपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने घर वापस लौटे। इस बीच उन्होंने कई कम्पनियों में जॉब की तलाश की। उनकी जॉब एक कम्पनी में लग गई। लेकिन कुछ दिनों बाद उन्होने जॉब से रिजाइन दे दिया । क्योंकि वह अपने जॉब से संतुष्ट नहीं थे। माधवेश्वर ने घर लौट कर खेती करने का फैसला किया, और अपने खेत में आधुनिक खेती के माध्यम से टमाटर और खीरे की खेती शुरू की । माधवेश्वर बताते हैं कि 2 से 3 लाख रुपये उत्पादन लागत में उन्होंने दुगुना मुनाफा कमाया।
बड़ी कम्पनी में नौकरी छोड़ी आप कर रहे है आधुनिक खेती
इसी तरह ग्राम तरका के अमन गुप्ता ने ग्रेजुएशन पूरा कर बीज कंपनी में नौकरी की लेकिन नौकरी से असंतुष्ट अमन ने साल 2020 में नौकरी छोड़ दी। अमन ने खेती अपनाया और अपने 7 एकड़ पैतृक जमीन पर खीरा और टमाटर की खेती शुरू की। 2 साल पहले ही कोरोना काल में उन्होंने 20 हजार की नौकरी से रिजाइन दिया था। लेकिन आज वह खेती के माध्यम से अच्छी कमाई कर रहे हैं इसके साथ ही कोयलारी निवासी संदीप दुबे दर्रीपाड़ा निवासी अभय गुप्ता ने ग्रेजुएट होने के बाद भी आज खेत में खीरे और टमाटर की फसल लेकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
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