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छत्तीसगढ़ एनकाउंटर : खुद के आर-पार हुई गोली, जान परवाह किए बिना सिख जवान ने साथी के जख्म पर बांधी पगड़ी

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सुकमा। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शनिवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में लगभग दो दर्जन जवान शहीद हो गए। मुठभेड़ में 31 जवान घायल भी हुए हैं। लापता जवानों को एयरफोर्स की मदद से रेस्क्यू कर लिया गया है। अब उस भयानक मुठभेड़ से जुड़ी कई कहानी सामने आ रही हैं। इस हमले के दौरान घायल हुए एक सिख जवान ने अपने घायल साथी का खून रोकने के लिए अपनी पगड़ी उसके जख्मों पर बांध दी।

खुद को गोली लगने के बावजूद पगड़ी उतार साथी को बांधी पट्टी

खुद को गोली लगने के बावजूद पगड़ी उतार साथी को बांधी पट्टी

सीनियर आईपीएस अधिकारी आरके विज ने सोमवार को इस घटना की जानकारी देते हुए एक ट्वीट किया। उन्होंने बताया कि, केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कमांडो बटालियन के एक सिख जवान ने अपने साथी के जख्मों पर अपनी पगड़ी उतार कर बांध दी। जवान को नक्सली हमले में गोली लगी थी। सबसे अहम बात यह है कि, इस सिख जवान को भी इस हमले में गोली लगी थी।

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दोनों घायल जवानों की हालत स्थिर

दोनों घायल जवानों की हालत स्थिर

पुलिस अधिकारी ने बताया कि, नक्सली हमले में घायल दोनों जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों की हालत स्थिर है। पुलिस अधिकारी उस समय की एक फोटो भी साझा की है। शनिवार को छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के साथ सुकमा और बीजापुर जिलों की सीमा पर नक्सलियों ने गोलीबारी की। जिसमें 22 सुरक्षाकर्मी मारे गए और 31 अन्य घायल हो गए। 12 बजे के आसपास जोनागुडा गांव के पास माओवादियों द्वारा घात लगाकर जवानों की पार्टी की गई। शहीदों में डीआरजी के 8, एसटीएफ के 6, कोबरा बटालियन के 9 और बस्तर बटालियन का एक जवान शामिल है।

सर्चिंग के दौरान किया हमला

सर्चिंग के दौरान किया हमला

तर्रेम क्षेत्र के सिलगेर के जंगल में जोनागुड़ा के पास सीआरपीएफ की कोबरा, बस्तरिया बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ के करीब 2000 जवान पिछले दो दिनों से अलग-अलग ऑपरेशन पर निकले हुए थे। शनिवार सुबह फोर्स को सूचना मिली कि जोनागुड़ा के पास नक्सलियों का जमावड़ा है। पहले भी यहां सैटेलाइट तस्वीरों में कुछ हलचल दिखाई दे रही थी। यह सूचना फोर्स के पास आई तो जोनागुड़ा का ऑपरेशन अधिकारियों ने प्लान किया। इसके बाद सभी तरह की फोर्स, जो उस समय आसपास के जंगलों में सर्चिंग कर रही थी।

 मुठभेड़ करीब 5 घंटे चली

मुठभेड़ करीब 5 घंटे चली

फोर्स जैसे ही इस जोन में बड़ी संख्या में घुसी, एंबुश में फंस गई। नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग की। मुठभेड़ करीब 5 घंटे चली। आशंका जताई जा रही है कि घटनास्थल पर 250 से ज्यादा नक्सली हो सकते हैं। हमला करने वाले नक्सली उसी की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) टीम के सदस्य थे। काफी लंबे समय से गांव में नक्सलियों का जमावड़ा लग रहा था। करीब एक साल पहले 21 मार्च को नक्सलियों ने ऐसा ही हमला सुकमा में भी किया था। इसमें 17 जवान शहीद हो गए थे।

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English summary
Chhattisgarh Maoist attack: injured Sikh jawan took off his turban to bandage colleague’s wounds
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