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छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र: भूपेश सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जारी

छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष ने भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है,जिसपर दोपहर से ही चर्चा जारी है।

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रायपुर, 27 जुलाई। छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष ने भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है,जिसपर दोपहर से ही चर्चा जारी है। मिली जानकारी के मुताबिक 90 विधानसभा सीटों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा में इस प्रस्ताव के दौरान कुल 36 सदस्य पक्ष या विपक्ष में अपनी राय रखेंगे। बुधवार को सत्र मानसून का आखरी दिन है,इसलिए सदन की कार्यवाही देर रात तक चलने की उम्मीद है।

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जारी

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जारी

विधानसभा का मानसून में बीजेपी विधायकों ने भूपेश मंत्रिमंडल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया था ,जिसपर विधानसभा अध्यक्ष ने चर्चा के लिए 27 जुलाई तारीख तय की थी। बुधवार को शून्यकाल के पश्चात् अविश्वास प्रस्ताव पेश हुआ। इस दौरान विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, भूपेश सरकार ने सदन का विश्वास खो चुकी है। सरकार के मंत्री और मख्यमंत्री को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उसके बाद बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने चर्चा को आगे बढ़ाया। समाचार लिखे जाने तक करीब 11 सदस्य अपनी राय रख चुके थे।

विपक्ष बोला , 3 साल में सरकार ने कुछ नहीं किया

विपक्ष बोला , 3 साल में सरकार ने कुछ नहीं किया

नो कॉन्फिडेंस मोशन पर बीजेपी के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, मौजूदा छत्तीसगढ़ सरकार ने बीते तीन साल में कुछ भी नहीं किया। जिन वादों के सहारे वह सत्ता पर है,उसे भी पूरा नहीं कर किया है।वहीं कांग्रेस एमएलए मोहन मरकाम ने कहा, सत्ता में आने के कांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ़ करने के अलावा, उन्हें अधिग्रहित जमीन वापस करने का बड़ा फैसला लिया, इतना ही नहीं अपने वादे के मुताबिक 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान भी खरीदा हैं।

उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार आम जनता के हक में काम कर रही है। बीजेपी विधायक पुन्नूलाल मोहले और सौरभ सिंह ने सदन में सरकार पर बड़े आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ अराजकता फैली हुई है और विकास कार्य ठप्प पड़े हुए हैं ।

आदिवासी दिवस पर तीखी बहस

आदिवासी दिवस पर तीखी बहस

इससे पूर्व अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ में बोलते हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने 9 अगस्त को मनाये जाने वाले विश्व आदिवासी दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने आदिवासी सम्मान से जुड़े इस दिन पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। जिसपर टिप्पणी करते हुए पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस उन देशों के लिए घोषित हुआ था, जहां आदिवासी समुदाय संकट में हैं। हमारे देश के इतिहास-परंपरा से इसका कोई लेनादेना नहीं है,इसलिए यह विशुद्ध तौर पर राजनीतिक छुट्‌टी है।

अजय चंद्राकर के इस कथन के बाद कांग्रेस के आदिवासी विधायको ने विरोध जताते हुए कहा कि अजय चंद्राकर ने आदिवासी समुदाय का अपमान किया है। सीएम भूपेश बघेल ने भी अजय चन्द्राकर की भाषा पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह किसी को आइटम गर्ल ,किसी को चियरलीडर्स बोल देते हैं,यह ठीक नहीं है।

प्रश्नकाल में उठा अनियमित कर्मचारियों का मुद्दा

प्रश्नकाल में उठा अनियमित कर्मचारियों का मुद्दा

बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अनियमित और संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण का मुद्दा उठा। बीजेपी विधायक विद्यारतन भसीन के प्रश्न के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जानकारी दी कि नियमितिकरण के लिए दिसम्बर 2019 में अधिकारियों की एक समिति गठित की गई थी। विभागों, मंडलों, आयोगों और प्राधिकरणों से अनियमित कर्मचारियों की जानकारी मांगी गई है। कई विभागों से जानकारी प्राप्त हो चुकी है,कुछ की बाकी है। इसके अलावा प्रश्नकाल में सुपेबेड़ा से जुड़ा मामला भी भी उठा।

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English summary
Chhattisgarh Assembly Monsoon Session: Discussion continues on no-confidence motion against Bhupesh government
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