Bhent Mulakat: चिल्हाटी में किसानों ने की शिकायत, CM Bhupesh के जाते ही दो फारेस्ट कर्मचारी निलंबित
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं की फीडबैक ले रहे हैं। जनता से मिलने वाले फीडबैक के अनुसार सीएम त्वरित कार्यवाही भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री विधानसभा क्षेत्र में भेंट मुलाकात के माध्यम से लोगों को विकास कार्यों की सौगात भी दे रहे हैं। राजनांदगांव जिले के ग्राम चिल्हाटी में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के जनचौपाल के दौरान तेंदूपत्ता संग्राहक किसानों ने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर की थी। आज वन विभाग के दो कर्मचारियों को लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है।
जनचौपाल
के
दौरान
ग्रामीणों
ने
की
थी
शिकायत
ग्रामीणो
ने
सीएम
जे
शिकायत
किया
कि
उनका
भुगतान
अब
तक
नहीं
किया
गया
है
तो
वहीं
कुछ
लोगों
को
कम
मिला
है।
ग्रामीणों
की
शिकायत
मिलते
ही
सीएम
ने
डीएफओ
से
भुगतान
में
देरी
का
कारण
बताने
कहा
था।
जिस
पर
डीएफओ
ने
कारण
बताया
जिससे
सीएम
सन्तुष्ट
नहीं
हुए।
जिसके
बाद
सीएम
के
जाते
ही
दो
कर्मचारियों
को
कार्य
में
लापरवाही
के
चलते
निलंबित
कर
दिया
गया
है।
सीएम
ने
कहा
प्रदेश
का
पहला
ऐसा
मामला
भेंट-मुलाकात
के
दौरान
तेंदूपत्ता
संग्राहकों
का
भुगतान
नहीं
होने
के
मामले
में
शुक्रवार
को
समीक्षा
बैठक
में
वन
अफसरों
ने
अपना
स्पष्टीकरण
मुख्यमंत्री
भूपेश
बघेल
को
दिया।
समीक्षा
बैठक
के
दौरान
अफसरों
ने
चार
मामलों
में
अलग
अलग
जानकारी
दी।
लेकिन
इससे
सीएम
ने
इसे
प्रदेश
में
पहला
ऐसा
मामला
बताया।
जहां
संग्राहक
शिकायत
कर
रहें
हों।
उन्होंने
इसके
लिए
मैकेनिज्म
तैयार
करने
के
निर्देश
दिए।
इसके
अलावा
सचिव
को
8
दिन
में
पूरे
मामले
की
विस्तृत
जांच
रिपोर्ट
मांगी
है।
इसके
अलावा
अगले
दिन
ही
फारेस्ट
विभाग
के
दो
कर्मचारियों
को
सस्पेंड
कर
दिया
गया।
इन
वन
कर्मचारियों
को
किया
गया
निलंबित
राजनादगांव
जिले
के
वन
मंडल
के
वन
रक्षक
कूप
प्रभारी
परिक्षेत्र
चौकी
शोभित
राम
यादव
व
वनपाल
पोषक
अधिकारी
सालिक
राम
नर्वासे
को
डीएफओ
ने
निलंबित
कर
दिया।
दरअसल
सीएम
ने
समीक्षा
बैठक
के
दौरान
कहा
कि
तेंदूपत्ता
संग्राहकों
के
भुगतान
में
हुई
देरी
के
मामले
में
जनप्रतिनिधियों
व
अधिकारियों
को
भी
कुछ
मालूम
नहीं
था।
ये
अप्रिय
बात
है।
सीएम
ने
अधिकारियों
से
कहा
कि
इस
बात
से
पता
चलता
है
कि
जमीनी
स्तर
पर
आपका
संपर्क
नहीं
है।
मुख्यमंत्री
ने
8
दिन
में
मांगी
जांच
रिपोर्ट,
सीसीएफ
ने
रखी
बात
मुख्यमंत्री
भूपेश
बघेल
के
समक्ष
सीसीएफ
ने
अपनी
बात
रखी।उन्होंने
चारों
मामले
के
बारे
में
बताया।
पहले
मामले
में
बताया
कि
पेमेंट
आ
चुका
था,
लेकिन
पत्नी
को
मालूम
नहीं
था।
एक
मामले
में
प्रबंधक
ने
बताया
कि
सूची
बनाते
समय
दूसरे
की
राशि
चढ़
गई
थी।
लिखित
प्रतिवेदन
लिया
गया
है।
एक
मामले
में
बताया
कि
भुगतान
हो
चुका
है।
हमने
पासबुक
से
डिटेल
निकाला
है।
कोरचटोला
में
एक
मामले
में
पेमेंट
कम
क्यों
हुआ,
इसका
रिकॉर्ड
देख
रहे
हैं।
प्रबंधक
ने
हमें
सही
फीडबैक
नही
दी।
उन्हें
निलंबित
किया
गया
है।
उन्होंने
कहा
कि
जहां
कहीं
भी
अंतर
पाया
गया
जांच
में,
प्रबंधकों
पर
कार्रवाई
की
जाएगी।
इन
सभी
मामलों
पर
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
8
दिन
में
जांच
कर
रिपोर्ट
दें।