500 रुपये के पुराने नोट से मोबाइल रिचार्ज पर रिलायंस जियो ने उठाए सवाल
रिलायंस जियो ने आशंका जताई है कि रद्द किए गए 500 रुपये के नोट से मोबाइल रिचार्ज की सुविधा का दुरुपयोग किया जा सकता है। रिटेल लेवल पर इससे मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा है।
नई दिल्ली। नोटबंदी के बीच 15 दिसंबर तक 500 रुपये के पुराने नोट से प्रीपेड यूजर्स को मोबाइल रिचार्ज की सुविधा लोगों को दी गई है। हालांकि रिलायंस जियो ने 500 रुपये के पुराने नोट से मोबाइल रिचार्ज का विरोध किया है।
रिलायंस जियो की आशंका को सीओएआई ने नकारा
रिलायंस जियो ने आशंका जताई है कि रद्द किए गए 500 रुपये के नोट से मोबाइल रिचार्ज की सुविधा का दुरुपयोग किया जा सकता है। रिटेल लेवल पर इससे मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा है।
जियो के डेटा लिमिट में किया गया बड़ा बदलाव
मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस जियो की इस मुद्दे पर देश के दूसरे टेलीकॉम कंपनियों से विवाद सामने आ गया है। दूसरी टेलीकॉम कंपनियों ने इस फैसले का विरोध नहीं किया।
ईटी में छपी खबर के मुताबिक वहीं रिलायंस जियो के पक्ष को सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने खारिज कर दिया है। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सदस्यों की बात की जाए तो इसमें रिलायंस जियो के अलावा भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर शामिल हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग की जताई थी आशंका
इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक जियो के इस विरोध कुछ वजहें हो सकती हैं। सरकार के प्रीपेड टॉपअप रिचार्ज को लेकर साफतौर से कोई निर्देश कई लोगों को पता नहीं हैं।
JIO के बाद वोडाफोन, एयरटेल और BSNL भी लाए धांसू ऑफर
ऐसे में कई लोग रद्द किए जा चुके 500 रुपये के नोट का इस्तेमाल फोन रिचार्ज में करा सकते हैं। उनका कहना था कि ये साफतौर से बताया नहीं गया है कि इस प्रक्रिया में कितनी बार पुराने नोटों से एक रिचार्ज किया जा सकता है।
इस मामले में एक अन्य कंपनी के अधिकारी ने बताया कि जियो की चिंता की वजह भी है। उनकी योजना 90 फीसदी टेलीकॉम यूजर बनाने का है। हालांकि 15 दिसंबर तक पुराने नोटों से रिचार्ज का फायदा लोग उठा रहे हैं, ऐसे में वह पुरानी कंपनियों से जुड़े रह सकते हैं। इससे जियो के नए ग्राहक तैयार करने में परेशानी हो सकती है।
रिलायंस जियो की चिंता पर खुद सीओएआई के डायरेक्टर जनरल ने कहा कि परेशानी की बात नहीं है। इसका फायदा उठाने वाले इसका मिसयूज नहीं कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि टेलीकॉम ऑपरेटर्स टॉप अप्स के लिए काफी जांच कर रहे हैं।