अडानी ग्रुप को लेकर विपक्ष का बड़ा आरोप, क्या FPO के लिए केंद्रीय मंत्री ने किया फोन?
कांग्रेस ने पूछा कि क्या यह सच है कि हाई प्रोफाइल केंद्रीय मंत्री ने 5-6 शीर्ष बिजनेसमैन को फोन किया था कि गौतम अडानी को मदद करें।
अडानी ग्रुप को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार को घेरने में लगा है। कांग्रेस ने एक बार फिर से केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि क्या एलआईसी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को अडानी इंटरप्राइजेस के एफपीओ में निवेश करने के लिए कहा गया, बावजूद इसके कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आने के बाद शेयर के दाम में भारी गिरावट देखने को मिली। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि एलआईसी, एसबीआई ईपीएफ, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी अडानी इंटरप्राइजेस के एफपीओ में निवेश करने वाले सबसे बड़े निवेशक थे, बावजूद इसके लिए कंपनी के शेयर के दाम बुरी तरह से नीचे गिरे।
जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि हम अडानी के हैं कौन। जयराम ने कहा कि क्या एलआईसी, एसबीई को निर्देश दिया गया था कि करोड़ो लोगों के पैसों को अडानी ग्रुप में निवेश करने के लिए कहा गया ताकि कंपनी को नुकसान से उबारा जा सके। जयराम रमेश ने कहा कि आज महाशिवरात्री है, इसके साथ ही हम अडानी के हैं कौन को लेकर कम से कम इसपर चुप्पी तोड़िए।
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कांग्रेस ने पूछा कि क्या यह सच है कि हाई प्रोफाइल केंद्रीय मंत्री ने 5-6 शीर्ष बिजनेसमैन को फोन किया था कि गौतम अडानी को मदद करें। मंत्री ने इन लोगों से अडानी के एफपीओ में निवेश करने के लिए कहा था। क्या यह हितों का टकराव नहीं है, क्या केंद्रीय मंत्री ने इन लोगों को निर्देश दिया था। कांग्रेस नेता ने कहा कि उद्योगपतियों से यह कहा गया कि अडानी के एफपीओ में निवेश करें ताकि उसे संकट से बचाया जा सके, बाद में इसे वापस लिया गया और निवेशकों के पैसों को लैटाया गया। यह सिर्फ अडानी ग्रुप की साख को बचाने के लिए किया गया।
जयराम ने पूछा कि क्या यह हितों का टकराव नहीं है, इस तरह की अहम जानकारियों को छिपाया गया, निवेशकों को इस बात की जानकारी नहीं दी गई। क्या यह नैतिक है कि एफपीओ को इस तरह से आगे बढ़ाया गया और वापस लिया गया। गौर करने वाली बात है कि इस पूरे मसले पर विपक्ष लगातार सरकार को घेरने में लगा है। राहुल गांधी ने सदन में पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए उनपर अडानी के साथ मिलने होने का आरोप लगाया था। हालांकि तमाम आरोपों को अडानी ग्रुप की ओर से सिरे से खारिज किया गयाहै, कहा कि गया है कि हमने सभी नियमों का पालन किया है।