सरकारी बैंकों के मर्जर को मिली कैबिनेट की मंजूरी,बनेंगे वर्ल्ड क्लास बैंक
भारत में अब वर्ल्ड क्लास के बैंक बनेंगे। पहले 21 बैकों की संख्या को घटाकर 12 से 14 किया जाएगा, फिर उसे कम कर 7 तक लाया जाएगा। कैंबिनेट ने
नई दिल्ली। सरकारी बैंकों के विलय को लेकर कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। भारत में अब वर्ल्ड क्लास के बैंक बनेंगे। सूत्रों के मुताबिक सरकारी बैंकों की संख्या पहले 21 घटाकर 10 से 12 की जाएगी फिर उसे कम कर 7 तक लाया जाएगा। कैंबिनेट ने बैंकों के एकीकरण को सैद्धान्तिक मंजूरी दे दी है।
बैंकों का विलय
बैंकों के इस विलय के लिए अल्टरनेटिव मैकेनिज्म बनाने का फैसला लिया गया है। इसके लिए मंत्रियों के समूह बनाए जाएंगे, जिन्हें मर्जर वाले बैंकों के नाम सौंपे जाएंगे। मंत्रियों का समूह मर्जर प्रस्ताव मंजूर करेगा, जिसे बाद में बैंक बोर्ड से मर्जर को मंजूरी मिलेगी। आपको बता दें कि एसबीआई और आईडीबीआई बैंक को छोड़कर सभी बैंक इस कानून के तहत आएंगे।
4 आधार पर होगा मर्जर
बैंकों
के
मर्जर
के
लिए
चार
आधार
रखे
गए
है।
सरकारी
बैंकों
के
एकीकरण
के
लिए
इस
बात
को
ध्यान
में
रखा
जाएगा
कि
मर्जर
एक
ही
इलाके
वाले
बैंकों
का
हो।
इसके
साथ-साथ
मंत्रियों
को
समूह
इस
बात
का
भी
ध्यान
रखेंगे
कि
बैंकों
की
एसेट
क्वालिटी
में
तालमेल
हो।
2003 में तैयार हुआ था रोडमैप
विलय के लिए बैंकों की कैपिटल एडिक्वेसी में तालमेल होना जरूरी होगा। इसके साथ-साथ बैंकों के मुनाफे का भी ख्याल रखा जाएगा, ताकि विलय की प्रक्रिया में विवाद न हो। आपको बता दें कि बैंकों के विलय को लेकर केंद्र सरकार पिछले डेढ़ दशक से विचार कर रही है। इसके लिए कई बार कोशिशें हुई, कई बार समितियां बनाई गई, लेकिन कभी अमल नहीं किया जा सका। सबसे भारतीय बैंक संघ ने वर्ष 2003 में इसका रोडमैप तैयार किया था।