BSNL-MTNL के 22000 कर्मचारियों को नहीं मिली सैलरी, नौकरी पर संकट
नई दिल्ली। लगातार घाटे में चल रही सरकारी टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल और एमटीएनएल के कर्मचारियों की मुश्किल बढ़ने लगी है। लंबे वक्त से नकदी संकट से जूझ रही बीएसएनएल और एमटीएनएल के कर्मचारियों को अब तक सैलरी नहीं मिली है। MTNL के कर्मचारियों की पिछले महीने की सैलरी भी नहीं मिली है, जबकि बीएसएनएल के कर्मचारियों के लिए जुलाई की सैलरी मिल पाना मुश्किल लग रहा है।

दरअसल दोनों सरकारी कंपनियां नुकसान में है। फिस्कल ईयर 2015-16 में कंपनियों को 4859 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ , जो साल 2016-17 में मामूली घटत के बाद 4793 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। वहीं साल 2017-18 में यह बढ़कर 7993 करोड़ रुपए हो गया। साल 2018-19 में ये आंकड़ा दोगुने पर पहुंच गया है। घाटे को कम करने के लिए सरकार की ओर से कोशिशें लगातार जारी है। माना जा रहा है कि सरकार कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है।
वहीं दोनों कंपनियों के मर्जर को लेकर भी विचार चल रहा है। आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च, 2019 तक बीएसएनएल में कुल 1,63,902 कर्मचारी है। वहीं MTNL के कर्मचारियों की संख्या 21,679 है। माना जा रहा है कि सरकार दोनों कंपनियों की मर्जर कर सकती है या फिर स्टाफ में कटौती किया जा सकता है। सरकार दोनों कंपनियों को संकट से उबारने के लिए एक व्यापक प्लान को तैयार करने में जुटी है।
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