नोटों पर क्यों छापी गई महात्मा गांधी की तस्वीर,जानिए पूरी कहानी
नई दिल्ली। पिछले कुछ सालों में भारतीय रुपए में बहुत बदलाव हुए हैं। भारतीय रुपयों के रंग, आकार में कई बदलाव देखने को मिले हैं। कुछ नोट बंद हो गए हैं तो कुछ नए नोट आ गए हैं। भारतीय नोटों में भले ही कितने भी बदलाव क्यों न हुए हो, लेकिन एक बात जो कभी नहीं बदली वो है नोट में छपी महात्मा गांधी की तस्वीर। शुरु से लेकर अबतक भारतीय करेंसी में नोट महात्मा गांधी की तस्वीर में कोई बदलाव नहीं हुए।आइए आपको नोटों में छपी महात्मा गांधी की तस्वीर की पूरी कहानी बताते हैं....
भारतीय नोटों में छपी महात्मा गांधी की तस्वीर की पूरी कहानी
भारतीय रुपए पर सबसे पहले महात्मा गांधी की तस्वीर साल 1969 में छापी गई। इसी साल गांधी जी की जन्म शताब्दी थी। इस साल छापे गए नोटों पर गांधी जी की तस्वीर के पीछे सेवाग्राम आश्रम भी था। उस दौरान इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं और एलके झा RBI के गवर्नर थे। वहीं साल 1987 में पहली बार देश में 500 रुपए का नोट जा री हुआ, जिसपर गांधी जी की तस्वीर छपी थी।
किसने की थी गांधी की तस्वीर छापने की सिफारिश
पहली बार 1993 में आरबीआई ने सभी नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर छापने की सिफारिश की, जिसके बाद 1996 में सभी नोटों पर गांधी सीरीज की तस्वीर छापनी शुरू हो गई। तब से लेकर अब तक सिर्फ एक और दो रुपए के नोट को छोड़कर सभी नोटों पर गांधी जी की तस्वीर छापी जाती है।
नोटों पर छपने वाली गांधी तस्वीर की कहानी
गांधी जी की जिस तस्वीर को आप भारतीय नोट पर देखते हैं उसे कोलकाता में साल 1946 में ली गई थी। उस वक्त गांधी जी ब्रिटिश सचिव फेडरिक लॉरेंस से मिलने के लिए कलकत्ता पहुंचे थे। यहीं तस्वीर भारतीय नोटों पर छापा गया।