बुलंदशहर DM पर अमर्यादित भाषा बोलने का आरोप, CMS से कहा- जूते से मारकर ठीक कर दूंगा
बुलंदशहर DM पर अमर्यादित भाषा बोलने का आरोप, CMS से कहा- जूते से मारकर ठीक कर दूंगा
बुलंदशहर, 18 सितंबर: खबर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से है। यहां बाबू बनारसी दास जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने जिलाधिकारी रविंद्र कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इतना ही नहीं, सीएमएस ने अपना त्यागपत्र देने को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को लेटर भी लिखा है। लेटर में उन्होंने डीएम पर अमर्यादित भाषा बोल अपमानित करने का आरोप लगाया है।
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सीएमएस डॉ. राजीव प्रसाद द्वारा डीएम पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए 13 सितंबर को प्रमुख सचिव को लेटर लिखा है। लेटर के मुताबिक,
09 सितंबर को कलक्ट्रेट परिसर में आयोजित हुई स्वास्थ्य विभाग की वीसी में जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के संबंध में जिलाधिकारी द्वारा कुछ सवाल पूछे गए। जिनका सम्मानपूर्वक जवाब दिया गया। आरोप है कि जवाब सुन डीएम ने अपशब्द कहते हुए 'जूते से मारकर ठीक करने' जैसी अभद्र/अर्मयादित भाषा से डांटना शुरू कर दिया। जबकि वीसी में सीएमओ, एसएसपी, एडीएम समेत जिला स्तरीय अन्य विभागों के अधिकारी समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
डॉ. राजीव ने लेटर में आगे लिखा,
डीएम द्वारा संयुक्त निदेशक की अर्हता रखने वाले वरिष्ठ अधिकारी से इस तरह की भाषा कहते जाने असहनीय है। साथ ही इस प्रकार की भाषा का प्रयोग सभाकक्ष में कहे जाना किसी भी दृष्टि से शोभनीय प्रतीत नहीं होता। इस प्रकार के शब्द कहे जाने से मानसिक रूप से आहत हूं, अगर इनके विरूद्ध कार्रवाई नहीं की जाती तो ऐसे डीएम के साथ काम की बजाय मैं त्यागपत्र देना उचित समझूंगा।
इंसाफ
नहीं
मिलने
पर
कही
यह
बात
सीएमएस
राजीव
प्रसाद
ने
लेटर
की
कॉपी
यूपी
के
स्वास्थ्य
एवं
परिवार
कल्याण
के
प्रमुख
सचिव
के
अलावा
स्वास्थ्य
मंत्री,
महानिदेशक
चिकित्सा
एवं
स्वास्थ्य
सेवाएं,
मेरठ
मंडल
आयुक्त,
अपर
निदेशक
चिकित्सा
स्वास्थ्य
एवं
परिवार
कल्याण,
सीएमओ,
प्रांतीय
चिकित्सा
सेवा
संघ
के
अध्यक्ष
और
सचिव
आदि
तो
भेजी
है।
लेटर
भेजते
हुए
कहा
है
कि
इस
प्रकरण
में
उचित
जांच
कराकर
दोषी
के
खिलाफ
समुचित
कार्रवाई
की
जाए
ताकि
भविष्य
में
कोई
भी
डीएम
के
इस
तरह
के
आचरण
का
शिकार
ना
बने।
उन्होंने
आगे
लिखा
कि
न्याय
मिलने
की
उम्मीद
में
मैं
अभी
अपने
पद
पर
कार्यरत
हूं।
लेकिन
अगर
इंसाफ
नहीं
मिला
तो
मुझे
त्यागपत्र
देना
पड़ेगा।
इससे
पूर्व
भी
लग
चुके
है
आरोप
डीएम
द्वारा
स्वास्थ्य
अफसरों
को
अर्मयादित
भाषा
बोले
जाने
का
यह
कोई
पहला
मामला
नहीं
है।
बल्कि,
इससे
पहले
भी
सीएमओ
समेत
अन्य
स्वास्थ्य
अफसरों
का
मनोबल
तोडऩे
के
लिए
कई
बार
प्रयास
किया।
इसके
बावजूद
डीएम
द्वारा
शासकीय
चिकित्सकों
को
अपमानित
किए
जाने
के
कारण
मर्माहत
हैं।
कोरोना
योद्धा
के
रूप
में
सम्मानित
करने
के
बजाय
उन्हें
अपमानित
किया
गया।