महिला बेटी की मां ही नहीं मामा भी, फिर भी हुई प्रग्नेंट! कन्फ्यूज कर देगा ये DNA, साइंटिस्ट्स का चकराया माथा
एक मां का अपनी बेटी से उस वक्त रिश्ते बदल गए जब उसके डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट सामने आई। कोलम्बिया के इंस्टीट्यूट ऑफ जेनेटिक्स के फोरेंसिक एक्सपर्ट्स ने एक युवती की मां के जीन्स की टेस्ट रिपोर्ट में चैंकाने तथ्य पाए हैं।
Tetragametic Chimera: एक मां का अपनी बेटी से उस वक्त रिश्ते बदल गए जब उसके डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट सामने आई। कोलम्बिया के इंस्टीट्यूट ऑफ जेनेटिक्स के फोरेंसिक एक्सपर्ट के मुताबिक एक युवती की मां के जीन्स के टेस्ट में ऐसे तथ्य सामने आए हैं, जो चौंकाने वाले हैं। इस जांच के बाद युवती की मां को उसकी वास्तविक मां नहीं बल्कि जैविक मां माना जा रहा है।
'बेटी की मां ही उसका मामा'
डीएनए परीक्षण जिसमें पाया गया कि एक मां भी आनुवंशिक रुप से अपनी बेटी की मामा थी। हाल में ये तथ्य सामने आने के बाद एक बार तो शोधकर्ता आश्चर्य में पड़ गए। कोलम्बिया के इंस्टीट्यूट ऑफ जेनेटिक्स के एक फोरेंसिक आनुवंशिकी विशेषज्ञ जुआन यूनिस ने मानव पहचान पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में एक शोध में आए विचित्र परिणाम पर चर्चा की। वाशिंगटन डीसी में आयोजित इंटरनेशनल सेमिनार में जुआन यूनिस ने कहा कि किसी युवती के आनुवंशिक परीक्षण में पहली बार इस तरह के परिणाम आए हैं।
DNA Test को लेकर साइंटिस्ट्स का दावा
युवती के आनुवंशिकता का पता लगाने के लिए कराए गए डीएनए टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद एक्सपर्ट्स के कई अहम निष्कर्ष निकाले। दावा किया गया कि युवती की मां उसकी वास्तविक मां नहीं थी। इसे जीआरआईडी ने मेडिकल भाषा में Maternal Exclusion (मातृ बहिष्करण) कहा है। डीएनए रिपोर्ट से पता चला कि युवती के कथित पिता वास्तव में उसके पिता नहीं थे। ये Parental Exclusion (पैतृक बहिष्करण) का परिणाम था।
ब्लड टेस्ट में चौंकाने वाला दावा
जब मां के रक्त के नमूने को पुरुष के रूप में परीक्षण किया गया तो हैरान करने वाले रिजल्ट सामने सामने आया। टेस्ट में पाया गया कि महिला क्रोमसोम में दो X गुणसूत्रों (XX) के बजाय जैविक पुरुषों में पाए जाने वाले XY सेक्स क्रोमोसोम्स मौजूद थे। साइंटिस्स्ट ने कहा कि ऐसे कुछ इंटरसेक्स महिलाओं में XY क्रोमोसोम होने पर उनमें बांझपन की समस्या होती है। ब्लड सेंपल के साथ डीएनए टेस्ट रिपोर्ट का अध्ययन किया गया, जिसमें समान परिणाम आए।
क्या है काइमेरिज्म?
मां के गर्भ में जुड़वा बच्चों के जीन्स लुप्त होने की स्थिति (Genes of vanishing Twin) में ऐसी असामान्य स्थिति बनती है। जब जन्म लेनी वाला बच्चा जन्म से कुछ दिखता है लेकिन वास्तिवकता दिखावे से अलग होती है। यानी जन्म से लड़की होने के बावजूद शिशु में लड़कों के गुण हो सकते हैं या फिर लड़के में लड़की के गुण पाए जा सकते है। साइंटिस्ट्स के मुताबिक ये उस स्थिति में होता है जब लुप्त हो रहे जुडवां बच्चों के जीन्स गर्भ में जीवित भ्रूण के साथ मिल जाते हैं।
2002 में किया गया ऐसा दावा
वर्ष 2002 में कैरन कीगन नाम की एक 52 वर्षीय महिला के डीएनए टेस्ट किया गया था। इसको लेकर कोलम्बिया के इंस्टीट्यूट ऑफ जेनेटिक्स के एक फोरेंसिक आनुवंशिकी विशेषज्ञ जुआन यूनिस ने इसे टेट्रागैमेटिक काइमेरा था। जिसे टेट्रा यानी चार अंडे और शुक्राणु कोशिकाओं (युग्मकों) का मिश्रण कहा गया। ये स्थिति तब होती है जब एक लुप्त हो रहे जुड़वां भ्रूण के जीन प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान जीवित भ्रूण के साथ मिल जाते हैं। यूनिस के अनुसार, काइमेरावाद के लगभग 20 ऐसे मामले सामने आए हैं। जिसका मानव जीवन पर गहरा प्रभाव होता है।