किस्मत होतो ऐसी: 2100 रुपए में शख्स ने खरीदी ऐसी नायाब चीज, जिसकी ब्रिकी में मिले 360 करोड़!
नई दिल्ली, 27 नवंबर: कहते हैं 'असली हीरे की पहचान जौहरी को ही होती है', कभी-कभी हमारे पास बेशकीमती चीज होती है, लेकिन हमें उसकी असली कीमत का अंदाजा नहीं होता। कुछ लोग तो कबाड़ समझ उसे फेंक या बेच देते हैं, ऐसा ही एक मामला अमेरिकन शख्स के साथ हुआ आया है, जहां सिर्फ 2100 रुपए में खरीदा हुआ एक आर्टवर्क की कीमत अब करोड़ों रुपए होने की जानकारी मिली है। जिस शख्स ने इसे खरीदा उस समय उसे इसकी असलियत पता नहीं थी, लेकिन जब उसे आर्टवर्क की असली पहचान हुई तो उसके होश उड़ गए।
रातों-रात अरबपति बना शख्स
किस्मत बदलते देर नहीं लगती। ऐसा ही कुछ इस शख्स के साथ हुआ है। अमेरिका का रहने वाला शख्स अब रातों-रात अरबपति बन गया, वो भी एक कम पैसे में खरीदे आर्टवर्क के जरिए। जानकारी के मुताबिक पांच साल पहले यूएस में एक हाउस क्लीयरेंस बिक्री पर केवल 30 डालर (भारतीय 2100 रुपए) में खरीदा गया था, जो अब यह लगभग 50 मिलियन डॉलर( 368 करोड़ रुपए ) में बेचने का अनुमान है।
दुनिया के सबसे प्रसिद्ध मोनोग्रामों में से एक
'मिरर यूके' की रिपोर्ट के अनुसार वह व्यक्ति, जिसने अपनी पहचना छिपाई, उसने कलाकृति खरीदी और उसे अपने घर में रख दिया। हालांकि स्केच कला की दुनिया के सबसे प्रसिद्ध मोनोग्रामों में से एक था, जिसको अल्ब्रेक्ट ड्यूरर (Albrecht Dürer) ने बनाया था। शख्स को ये स्केच किसी मशहूर आर्टवर्क का रेप्लिका लगा, जिसे उसने सिर्फ 2100 रुपए लेकर साथ ले गया।
जर्मन पुनर्जागरण कलाकार का वास्तविक आर्टवर्क
हालांकि जब शख्स ने इसे खरीदा था तो इस नहीं पता था कि यह इतना महंगा और ओरिजन होगा। दरअसल, न तो खरीदार और न ही विक्रेताओं को पता था कि यह जर्मन पुनर्जागरण कलाकार द्वारा एक वास्तविक आर्टवर्क था। रिपोर्ट की मानें तो लेनिन के पीले रंग के कपड़े पर बना आर्टवर्क 15वीं शताब्दी में बना था। जिसे दुनिया के मशहूर मोनोग्राम्स अल्ब्रेक्ट ड्यूरर ने बनाया था। इससे पहले इस स्केच को मैसाच्युसेट्स में 2016 में दिवंगत वास्तुकार जीन-पॉल कार्लहियन की फैमिली ने सेल किया था।
हाउस क्लीयरेंस की बिक्री में खरीदी
जर्मन पुनर्जागरण कलाकार अल्ब्रेक्ट ड्यूरर द्वारा एक अज्ञात चित्र का लंदन में एग्न्यूज़ गैलरी में अनावरण किया गया है। 'द वर्जिन एंड चाइल्ड विद अ फ्लॉवर ऑन ए ग्रासी बैंक' (लगभग 1503 की तारीख) आर्किटेक्ट जीन-पॉल कार्लहियन के संग्रह में था, जो बोस्टन के बाहर रहते थे। 2012 में उनकी मृत्यु हो गई और उनकी विधवा एलिजाबेथ की तीन साल बाद मृत्यु हो गई, जिससे 2016 में हाउस क्लीयरेंस बिक्री की गई।
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