छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का फैसला, Check Bounce हुआ, तो जमीन की रजिस्ट्री होगी शून्य
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा है कि रजिस्ट्री में चेक नंबर और कीमत दर्ज है। बैंक में अगर चेक बाउंस हो गया तो जमीन की रजिस्ट्री शून्य मानी जाएगी।
Real Estate News: रियल स्टेट व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए जरूरी खबर हैं। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जमीन और मकान खरीदी बिक्री के संबंध में अहम फैसला दिया है। न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी और जस्टिस रजनी दुबे की डबल बेंच ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाया है कि अगर रजिस्ट्री में लिखी गई कीमत बेचने वाले को नहीं मिलती है,तब बिक्री विल्लेख को शून्य माना जायेगा।
मिली जानकारी के मुताबिक द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश बस्तर ने 9 सितंबर 2015 को एक आदेश पारित किया था।इस आदेश को चुनौती देते हुए जमीन विक्रेता ने छत्तीसगढ़उच्च न्यायलय में याचिका दायर करके कहा था कि फनिद्र भारत की विप्लवद्ध में 8.60 हेक्टेयर भूमि का सौदा 19 लाख 72 हजार रुपये में होने के पश्चात 25 फरवरी 2015 को रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूर्ण की गई। जिसमे से विक्रेता को 4 लाख 89 हजार रुपये चेक और बाकी के 11 हजार का भुगतान नगद किया गया। बाकी 14 लाख 72 हजार रुपये का चेक दिया गया,लेकिन चैक का भुगतान होने से पूर्व जमीन की रजिस्ट्री हो गई। जमीन के मालिक ने बाद में चैक कैश करना चाहा, तो वह बाउंस हो गया। चेक से होने वाले भुगतान को विक्रेता ने बैंक से रोक दिया।
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जमीन बेचने वाले व्यक्ति को जब पूरी राशि का भुगतान नहीं,हुआ तब उसने जिला न्यायालय में याचिका दाखिल करके अदालत को को बताया कि उससे धोखा देकर जमीन की रजिस्ट्री करवाई गई है। जमीन विवाद से जुड़े इस प्रकरण में सुनवाई के बाद निचली अदालत ने रजिस्ट्री की प्रक्रिया को रद्द कर दिया था। निचली अदालत से झटका लगने के बाद जमीन बेचने वाले ने बिलासपुर हाईकोर्ट में अपील की थी। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने निचली अदालत के फैसले का समर्थन करते हुए कहा है कि रजिस्ट्री में चेक नंबर और कीमत दर्ज है। बैंक में अगर चेक बाउंस हो गया तो जमीन की रजिस्ट्री शून्य मानी जाएगी।
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