सम्राट अशोक का औरंगजेब से तुलना पर जदयू-भाजपा आमने-सामने, सुशील मोदी ने कहा- तूल देने की जरूरत नहींं
पटना। बिहार में प्रसिद्ध लेखक प्रकाश सिन्हा ने सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से कर दी है, जिसके चलते सत्तारुढ़ दल की दो पार्टियां आपस में भिड़ गईं। एक तरफ जदयू ने दया प्रकाश सिन्हा की इस टिप्पणी पर कड़ा ऐतराज जताया है और उनको मिले पद्मश्री पुरस्कार को वापस करने की मांग की है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा के दिग्गज नेता सुशील मोदी ने इस बात से इनकार किया है कि दया प्रकाश सिन्हा भाजपा कल्चरल सेल के नेशनल कन्वेनर नहीं हैं । वहीं जदयू के इस आरोप पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने उन नेताओं को राजनीतिक भस्मासुर तक कह डाला।
संजय जायसवाल ने कहा कि कुछ तथाकथित बुद्धिजीवियों के लिए नकारात्मक प्रचार भी मेवा देने वाला पेड़ है लेकिन मुझे हैरानी तब होती है जब कुछ राजनैतिक कार्यकर्ता भी इनके जाल में फंस कर अपना प्रचार करने में लग जाते हैं। वह यह भी नहीं सोचते की इससे समाज को कितना नुकसान हो रहा है, अगर उन्हें भरपेट मेवा न दिया जाए तो उन्हें इस पेड़ की जड़ में मट्ठा डालने से भी परहेज नहीं होता। यही वजह है कि बुद्धिजीवी इन्हें राजनीतिक भस्मासुर की संज्ञा देते हैं।
वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के इस बयान पर जदयू भड़क गई। जदयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अच्छा लगा संजय जायसवाल ने सम्राट अशोक की औरंगजेब से की गई तुलना को नकारात्मक प्रचार से मेवा प्राप्त करने वाला पेड़ बताया। मगर ऐसे कुकर्म के बदले पुरस्कार से नवाजा जाना आखिर क्या साबित करता है? देर से सही, भूल-सुधार के लिए पुरस्कार वापसी पर आपका समर्थन है?।
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वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि सम्राट अशोक जैसे महानतम राष्ट्रीय व्यक्तित्व व धरोहर के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने वाला विकृत विचारधारा का व्यक्ति है। इसके अलावा कहा कि अरे, जब बात खुली, हमने इसे सामने लाया, तब न भाजपाई बहुत आहत हैं, सम्राट अशोक की खासी तरफदारी में हैं। पहले कहां थे? और यह सब करने वाले दया प्रकाश सिन्हा को पुरस्कार मिला कैसे? वाकई भाजपा आहत हैं तो सिन्हा से पुरस्कार वापस कराएं। उनकी किताब पर पाबंदी लगवाएं।
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सुशील मोदी ने कहा कि सम्राट अशोक पर जिस लेखक ने आपत्तिजनक टिप्पणी की। उनका भाजपा से कोई संबंध नहीं है और न उनके बयान को बेवजह तूल देने की जरूरत है। भाजपा का राष्ट्रीय स्तर पर कोई सांस्कृति प्रकोष्ठ नहीं है। हम अहिंसा और बौद्ध धर्म की प्रवर्तक सम्राट अशोक की कोई भी तुलना औरंगजेब जैसे क्रूर शासक से करने की कड़ी निंदा करते हैं।