पटना के घाट पर लाशें ही लाशें, काली शाम का दिल दहलानेवाला मंजर
श्मशान में लाशों को जलाने वाले डोम राजा के लिए भी मौत का यह मंजर दिल दहलानेवाला था। घाट पर लाशों की कतार लगी हुई थी।
पटना।
शमशान
का
राजा
कहे
जाने
वाला
डोम
भी
कांप
गया
गंगा
की
गोद
में
समाए
लोगों
की
लाशों
को
देखकर।
यह
हाल
बिहार
की
राजधानी
पटना
के
गुलाबी
घाट
का
है
जहां
पटना
के
एनआईटी
घाट
पर
नाव
दुर्घटना
में
मारे
गए
लोगों
का
अंतिम
संस्कार
हो
रहा
था।
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यूं तो श्मशान घाट पर हर रोज अनगिनत लाशें जलाई जाती हैं। पर आज यहां जल रही लाशों को देखकर परिजन का हाल तो मत पूछिए, जलाने वाला खुद श्मशान का राजा डोम थरथरा रहा था। वहां के डोम राजा का कहना था, 'यहां तो लाशों का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन आज सुबह से ही जिस तरह मासूम बच्चे, बड़ों कि लाशें आ रही हैं, उसे देखकर आत्मा रो पड़ी। यहां इस घाट पर लाशों का आना लगा रहता है लेकिन आज का मंजर देखकर दिल हिल गया।'
लाश जला रहे अन्य लोग भी इस मंजर को देखकर दुखी थे। श्मशान घाट पर लाशों की कतार लगी हुई थी। कई लाशें तो ऐसी थी जिसके परिवारवाले भी उस जगह पर मौजूद नहीं थे तो कोई अपने परिवार में मात्र अकेला ही जिंदा बचा था और सभी के लाश को जलाते हुए रो रहा था। इसी में से एक था विनोद जिसने इस हादसे में अपने बच्चे पत्नी को खो दिया था।
विनोद का कहना था, 'आज की शाम काली शाम है जिसकी हम लोगों ने कभी कल्पना नहीं की थी वैसा दिन देखने को मिल रहा है। भीतर ही भीतर रोने के अलावा अब हम कर भी क्या सकते हैं क्योंकि यहां पर सुनने वाला कोई नहीं है। पटना से गुलाबी घाट पर कई ऐसे लोग भी मौजूद थे, जिनके चिराग को इस घटना ने बुझा दिए। वहीं कई ऐसे परिवार भी थे जिन्हें अब आगे की जिंदगी जीने की चिंता सता रही थी। Read Also: दर्दनाक नाव हादसे पर पीएम मोदी ने जताया दुख, पटना कार्यक्रम स्थगित