JDU-BJP 2024 तक साथ रहेगी न, उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि भविष्य की गारंटी कोई कैसे दे सकता है ?
सियासी गलियारों में यह चर्चाएं तेज़ हो चुकी हैं कि बिहार में एनडीए गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेताओं की बयानबाज़ी की वजह से बिहार में एनडीए पर ख़तर मंडरा रहा है।
पटना, 26 जुलाई 2022। बिहार में इन दिनों एनडीए गठबंधन पर खतरा मंडरा रहा है। जदयू नेता और भाजपा नेता अकसर एक दूसरे से इत्तेफ़ाक रखते हुए नहीं दिख रहे रहे हैं। इन्हीं सबके बीच जनता दल यूनाइटेड के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी बातों ही बातों में यह संकेत दे दिया है कि भविष्य में वह जदयू एनडीए से अलग हो सकती है। दरअसल एक पत्रकार ने कुशवाहा से सवाल किया कि जदयू और भाजपा 2024 तक तो साथ रहेगी ना, इस पर उन्होंने जवाब दिया कि भविष्य की गारंटी कोई कैसे दे सकता है। उपेंद्र कुशवाहा की इस बयानबाज़ी के बाद सियासी पारा सारा चढ़ गया है। सियासी गलियारों में क़या,बाज़ी भी शुरू हो गई है। गौरतलब है कि पिछले दिनों जदयू नेता भी एनडीए गठबंधन में को-ऑर्डिनेशन कमेटि की मांग कर चुके हैं।
एनडीए गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं
सियासी गलियारों में यह चर्चाएं तेज़ हो चुकी हैं कि बिहार में एनडीए गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेताओं की बयानबाज़ी की वजह से बिहार में एनडीए पर ख़तर मंडरा रहा है। इसी के मद्देनज़र गठबंधन में समन्वय समिति की मांग उठ रही है। इसी कड़ी में एनडीए के सहयोगी दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा बाद जनता दल यूनाइटेड ने भी को-ऑर्डिनेशन कमेटी की मांग की है।बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने को-कोऑर्डिनेशन कमेटी को ज़रूरी बताते हुए कहा आरोप-प्रत्यारोप विपक्ष का काम है। इसलिए समन्वय समिति होने से गठबंधन के अंदर तमाम मुद्दों पर बात होगी। जिससे आपस में को-ऑर्डिनेशन सही रहेगा।
भाजपा-जदयू नेता के बीच मतभेद !
बिहार में भाजपा और जदयू नेता कई मुद्दे पर एक दूसरे को ही घेरते हुए नज़र आ जाते हैं। इस वजह से कई बार असमंजस के हालात पैदा हो जाते हैं। पिछले दिनों ही पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के मामले को भाजपा नेता ने बयानबाज़ी की थी। वहीं जदयू नेता ने उसके उलट ही बयान दिया था। वहीं सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज़ है कि एनडीए गठबंधन बिहार में भाजपा और जदयू नेता की वजह से कमज़ोर पड़ रही है। इसका फ़ायदा विपक्षी दलों को मिल सकता है। इसलिए ही अब एनडीए गठबंध की पकड़ मज़बूत रखने के लिए को-ऑर्डिनेशन कमेटी का गठन करवाने की मांग उठ रही है।
एनडीए में कोई मनमुटाव नहीं है- भाजपा
मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव का कहना है कि सत्ताधारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों के साथ मिल कर किसी मुद्दे पर बात करनी चाहिए। कोई भी मसला हो तो मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर तय करना चाहिए। सरकार में होने से सभी की रायशुमारी ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि पहले मर्यादा में रहते बयानबाज़ी होती थी। बोलने पर काबू रहता था,अब पहले जैसी बात नहीं दिख रही है। आपको बता दें कि जदयू से पहले 'हम' प्रमुख जीतन राम मांझी भी को-ऑर्डिनेशन कमेटी की मांग कर चुके हैं। ग़ौरतलब है कि इन मामलों में भाजपा की तरफ़ से कुछ भी बयान नहीं आया है। वही भाजपा नेतओं का कहना है कि सबकुछ ठीक चल रहा है। सरकार सही ढंग से चल रही है, एनडीए में कोई मनमुटाव नहीं है।
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