बिहार: सांसदों के फ़र्ज़ी लेटर पैड से कांड, महीने में लाखों रुपये कमा रहा था जालसाज, पुलिस भी हैरान
आरपीएफ ने बताया कि जालसाज की गया में होने की सूचना मिली थी, जिसके सीबीआई गया और आरपीएफ गया ने मिलकर संयुक्त कार्रवाई की। संयुक्त टीम नें मिली सूचना के आधार पर संबधित जगह पर दबिश दी।
गया, 28 अगस्त 2022। बिहार अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि वह नेताओं के नाम पर भी जालसाजी करने से नहीं चूक रहे हैं। ताजा मामला बिहार के गया ज़िले का है जहां सांसदों का फ़र्ज़ी लेटर पैड बनाकर ई-टिकट का अवैध कारोबार किया जा रहा था। आरपीएफ और सीबीआई गया की टीम नें संयुक्त कार्रवाई कर गोरखधंधे का खुलासा किया है। इसमें एक जालसाज को गिरफ़्तार भी किया गया है। आरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि आरोपी चलते फिरते ई-टिकट का अवैध कारोबार कर रहा था। सांसदों के फ़र्ज़ी लेटर का इस्तेमाल कर गोरखधंधा कर रहा था।
CBI और RPF ने की संयुक्त कार्रवाई
आरपीएफ ने बताया कि जालसाज की गया में होने की सूचना मिली थी, जिसके सीबीआई गया और आरपीएफ गया ने मिलकर संयुक्त कार्रवाई की। संयुक्त टीम नें मिली सूचना के आधार पर संबधित जगह पर दबिश दी। बाटा मोड़ से आरोपी स्टेशन की तरफ आ रहा था। शक के आधार पर पूछाताछ करने पर अपना नाम मो. इरफान ( मो. याकूब पिता) बताया। आरोपी ने अपना पता दुर्गा बाड़ी (वार्ड नंबर 27) सिविल लाइन थाना, गया जिला बताया। वहीं जब प्लास्टिक के थैले मे रखे सामान के बारे में पूछा गया तो हिचकिचाने लगा और तलाशी देने से कतराने लगा।
टिकट के लिए फर्जी लेटर पैड का इस्तेमाल
आरपीएफ की टीम नें जब थैले की तलाशी ली तो हैरान रह गए, थैले में अपरूपा पोद्दार( लोकसभा सांसद, टीएमसी पश्चिम बंगाल) नाम का साद लेटर हेड बरामद किया जिसमें 26 पनने थे। वहीं विजय कुमार (लोकसभा सांसद, गया) का भी लेटर हेड बरामद हुआ जिसेमें 21 पन्ने थे। इसके साथ ही तलाशी में एटीएम कार्ड, स्मार्ट फोन और दो ई- टिकट (2590 रुपये मुल्य) बरामद हुआ। गौरतलब है कि मौक़े पर जब मोबाइल को खंगाला गया तो उसमें 79 हज़ार रुपये विभिन्न श्रेणियों के टिकट मिले। कुल 48 टिकट थे जो विभिन्न तारीखों की यात्रा के बने हुए थे।
आरपीएफ की टीम ने ली तलाशी
आरपीएफ की टीम ने और ज्यादा तलाशी ली तो पाया कि आरोपी युवक 18 पर्सनल आईआरसीटीसी यूज़र आईडी का टिकट बनाने में इस्तेमाल करता था। वह अपने अवैध कारोबार के लिए कोई एक ठिकाना नहीं रखे हुए था। चलते-फिरते यात्रियों का अपने मोबाइल से ही टिकट बना देता था। टिकट बनाने के बाद सांसदों के लेटर पैड का इस्तेमाला कर इक्यू कोटा से कन्फर्म भी करवा लेता था। आरोपी के खिलाफ सभी चीज़ों की पुष्टि होने के बाद उसे आरपीएफ पोस्ट गया ले जाया गया । वहां निर्मल कुमार आजाद (सहायक उपनिरीक्षक, आरपीएफ गया) की शिकायत मामला दर्ज किया गया। इस बाबत कांड संख्या 1229 / 22 दर्ज की गई है।
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