Harsh Dubey Prayagraj: एक दिन का ADG बना प्रयागराज का हर्ष दुबे, वजह जानकर नम हो जाएंगी आंखें
प्रयागराज, 04 जुलाई: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के रहने वाले 12 वर्षीय हर्ष दुबे को कैंसर है। कैंसर पीड़ित हर्ष के पिता शहर में ई-रिक्शा चलाते हैं और इसी खर्चे से अपने परिवार का खर्च और बेटे की बीमारी का इलाज भी कराते हैं। हर्ष की मदद के लिए संगम नगरी के तीन अलग-अलग वर्ग से जुड़े लोग फरिश्ते के रूप में सामने आए हैं। हर्ष का हौसला बढ़ाने के लिए एडीजी प्रेम प्रकाश ने बॉडी किट देने के साथ साथ हर्ष को एक दिन का एडीजी प्रयागराज बनाया है। हर्ष भी पुलिस अधिकारी की तरह आज एडीजी ऑफिस में बैठकर पुलिस-व्यवस्था को समझा तो कई डॉक्यूमेंट पर सिग्नेचर करके कार्य रिपोर्ट भी आगे बढ़ाई।
पिता चलाते हैं ई-रिक्शा
हर्ष दुबे बाल विकास इंटर कालेज में कक्षा छह की पढ़ाई कर रहा है। हर्ष के पिता संजय दुबे शहर में ई-रिक्शा चलाते हैं। इसी खर्चे से अपने परिवार का गुजारा करने के साथ बेटे का इलाज भी कराते हैं। हर्ष की दो बहनें प्राची और परी हैं। मां का नाम विनीता है।
ADG ने एक दिन के लिए सौंपी अपनी कुर्सी
एडीजी प्रेम प्रकाश ने बताया कि समाजसेवी पंकज रिजवानी के जरिए उन्हें यह सूचना मिली कि 12 साल का हर्ष लाइलाज बीमारी से जूझ रहा है और उसे मदद की जरूरत है। ऐसे में हर्ष का इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम और एडीजी ने फैसला लिया कि हर्ष का हौसला बढ़ाने के लिए कुछ ऐसा किया जाए, जिससे वह गौरवान्वित महसूस करें। इसी उद्देश्य से रविवार को एडीजी प्रेम प्रकाश ने हर्ष को एक दिन के लिए एडीजी की जिम्मेदारी सौंपते हुए अपनी कुर्सी पर बैठाया।
पुलिसकर्मियों ने हर्ष को किया सैल्यूट
एडीजी ऑफिस में सीट पर बैठने के बाद कई पुलिसकर्मियों ने हर्ष को सैल्यूट किया। साथ ही साथ हर्ष ने वायरलेस के जरिए जिले में तैनात पुलिसकर्मियों को दिशा निर्देश भी दिए। हर्ष के पिता संजय दुबे अपने बेटे को एक दिन का पुलिस अधिकारी बनते देख बेहद खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि बेटा कभी इतने सीनियर अफसर की कुर्सी पर बैठ सकेगा, भले एक दिन के लिए ही सही। इसके लिए उन्होंने डॉक्टर्स, एडीजी और समाजसेवियों का आभार जताया।
'अब पूरी तरीके से निशुक्ल होगा हर्ष का इलाज'
हर्ष का इलाज कर रहे डॉक्टर पॉल ने कहा कि कैंसर रोगी को हिम्मत बनाकर रखनी चाहिए। कैंसर गंभीर बीमारी तो है लेकिन अगर सही इलाज हो और मरीज का मनोबल मजबूत हो रोग से छुटकारा भी मिल सकता है। शहर के कैंसर सर्जन डॉक्टर की टीम ने हर्ष को आश्वासन दिया कि अब जो भी इलाज होगा वह पूरी तरीके से निशुल्क होगा।
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