यूक्रेन में फंसे है अलीगढ़ के 45 से ज्यादा छात्र, बोले- हर तरफ दहशत, बचा है दो-तीन दिन का खाना
यूक्रेन में फंसे है अलीगढ़ के 45 से ज्यादा छात्र, बोले- हर तरफ दहशत, बचा है दो-तीन दिन का खाना
अलीगढ़, 25 फरवरी: यूक्रेन में रूस के हमले के बाद वहां हजारों भारतीय छात्र फंस गए हैं। यूक्रेन में छात्रों के फंस जाने की वजह से भारत में उनके परिजनों की चिंता बढ़ गई हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के अभिभावकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है। दरअसल, मेडिकल की पढ़ाई कर रहे अलीगढ़ जिले के 45 से ज्यादा छात्र-छात्राएं यूक्रेन में फंस गए है और उन्हें बंकर में भेज दिया गया है। बच्चों के बंकर में जाने से अभिभावकों की बेचैनी बढ़ गई है। अभिभावकों ने इस मामले में प्रधानमंत्री से मदद मांगी है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरूवार को एयरइंडिया की फ्लाइट से करीब 250 भारतीयों की वापसी होनी थी। जिसमें अलीगढ़ के काफी छात्र-छात्राएं शामिल थे लेकिन युद्ध छिड़ जाने की वजह से फ्लाइट को खाली लौटना पड़ गया। इस वजह से सभी भारतीयों को भारतीय दूतावास में भेज दिया गया। तो वहीं, अब यूक्रेन में फंसे भारतीय बच्चों को पूरी सुरक्षा के साथ भारत वापस लाने की अभिभावकों ने पीएम मोदी से गुहार लगाई है। गांधीपार्क स्थित धीरज पैलेस में इंडो-यूक्रेन मेडिकल स्टूडेंट्स गार्जियन एसोसिएशन की बैठक आयोजित की गई।
अभिभावकों ने कहा कि इमरजेंसी लागू कर सभी उड़ाने रद्द कर दी गई हैं। अधिकांश बच्चों की फ्लाइट की टिकटें बुक हो गई थीं लेकिन अब सब स्थगित हो गया है। इतना ही नहीं, यूक्रेन में फंसों छात्रों से भी उनके अभिभावकों का सम्पर्क टूट गया है। तो वहीं, यूक्रेन में फंसे अलीगढ़ निवासी सलमान ने वीडियो कॉल कर अपने परिजनों को बताया कि यूक्रेन के हालात काफी खराब होने लगे हैं। सभी जगह दहशत का माहौल है और हमारे पास केवल दो-तीन दिन तक खाने-पीने का सामान बचा है। अगर ऐसी ही स्थिति रही तो भुखमरी के शिकार हो जाएंगे।
साथ ही, भारत सरकार से अपील करते हुए कहा कि हम लोगों के बारे में सोचना चाहिए। हवाई यात्रा किराये में बेतहाशा बढ़ोत्तरी कर दी गई, जो मुनासिब नहीं है। हालांकि, भारतीय दूतावास द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें सभी भारतीय बच्चों को खुले स्थानों पर न जा कर केवल सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई थी। यूक्रेन में भारत के राजदूत पार्थ सतपथे ने एक और एडवाइजरी जारी कर कहा है कि भारत सरकार इस कठिन समय मे समस्या का समाधान ढूंढ रहा है और एंबेसी से संपर्क के नए नंबर जारी कर दिए है।
तो वहीं, युद्ध की दहशत के बीच बच्चे व अभिभावक खासे परेशान हैं। अभिभावक पंकज धीरज व आमोद उपाध्याय ने बताया कि अब सभी को केवल देश के पीएम नरेंद्र मोदी से ही उम्मीद है कि वो ही इस जान जोखिम बाली विषम परिस्थिति में मददगार साबित हो सकते हैं।